ਰਾਕੇਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ: ਰੀਵਿਜ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ਫ਼ਰਕ

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'''ਰਾਕੇਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ''' (ਜਨਮ ੧੩ ਜਨਵਰੀ १९४९੧੯੪੯) ਭਾਰਤ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਅਤੇ ਦੁਨੀਆਂ ਦਾ ੧੩੭੧੩੮ ਪੁਲਾੜ ਯਾਤਰੀ ਹੈ। १९८४੧੯੮੪ मेंਵਿੱਚ भारतीयਭਾਰਤੀ अन्तरिक्षਪੁਲਾੜ अनुसंधानਖੋਜ संगठनਕੇਂਦਰ औरਅਤੇ सोवियतਸੋਵੀਅਤ संघਯੂਨੀਅਨ केਦੇ इंटरकॉंसमॉसਇੰਟਰਕਾਸਮਾਸ कार्यक्रमਪ੍ਰੋਗਰਾਮ केਦੀ एकਇੱਕ संयुक्तਮਿਲੀ-ਜੁਲੀ अंतरिक्षਪੁਲਾੜ अभियानਮੁਹਿੰਮ केਦੇ अंतर्गतਤਹਿਤ राकेशਰਾਕੇਸ਼ शर्माਅੱਠ आठਦਿਨ दिनਤੱਕ तकਪੁਲਾੜ अंतरिक्षਵਿੱਚ मेंਰਹੇ। रहे।ਇਹ येਉਸ उसਸਮੇਂ समयਭਾਰਤੀ भारतीयਹਵਾਈ वायुसेनाਫ਼ੌਜ केਦਾ स्क्वाड्रनਸਕਵਾਈਡ੍ਰਨ लीडरਲੀਡਰ औरਅਤੇ विमानचालकਪਾਈਲਟ थे।ਸਨ। २ अप्रैल १९८४ को दो अन्य सोवियत अन्तरिक्षयात्रियों के साथ सोयूज़ टी-११ में राकेश शर्मा को लांच किया गया। इस उड़ान में और साल्युत ७ अन्तरिक्ष केन्द्र में उन्होंने उत्तरी भारत की फोटोग्राफी की और गुरुत्वाकर्षण-हीन योगाभ्यास किया।
 
उनकी अन्तरिक्ष उड़ान के दौरान भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि ऊपर से अन्तरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। राकेश शर्मा ने उत्तर दिया- "सारे जहाँ से अच्छा"। भारत सरकार ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया। विंग कमाण्डर के पद पर सेवा-निवृत्त होने पर राकेश शर्मा ने हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड में परीक्षण विमानचालक के रूप में काम किया। नवम्बर २००६ में इन्होंने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक समिति में भाग लिया जिसने एक नए भारतीय अन्तरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को स्वीकृति दी।