ਆਸਟਰੇਲੀਆ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ: ਰੀਵਿਜ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ਫ਼ਰਕ

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'''ऑस्ट्रेलिया का इतिहास''' [[ऑस्ट्रेलिया|कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया]] और इससे पूर्व के मूल-निवासी तथा औपनिवेशिक समाजों के क्षेत्र और लोगों के इतिहास को संदर्भित करता है। ऐसा माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों का पहली बार आगमन लगभग 40,000 से 60,000 वर्षों पूर्व इंडोनेशियाई द्वीप-समूह से नाव द्वारा हुआ। उन्होंने पृथ्वी पर सबसे लंबे समय तक बची रहने वाली कलात्मक, संगीतमय और आध्यात्मिक परंपराओं में कुछ की स्थापना की।
 
सन् 1606 में ऑस्ट्रेलिया पहुँचे [[नीदरलैण्ड|डच]] नाविक [[विलेम जैन्सज़ून]] <!--- (Willem Janszoon) ---> यहाँ निर्विरोध उतरने वाले पहले यूरोपीय व्यक्ति थे। इसके बाद यूरोपीय खोजकर्ता लगातार यहाँ आते रहे। सन् 1770 में [[जेम्स कुक]] ने ऑस्ट्रेलिया की पूर्वी तट को [[संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन)|ब्रिटेन]] के लिए चित्रितਤਸਵੀਰित कर दिया और वे बॉटनी बे (अब [[सिडनी]] में), [[न्यू साउथ वेल्स]] में उपनिवेश बनाने का समर्थन करने वाले विवरणों के साथ वापस लौटे। एक दंडात्मक उपनिवेश की स्थापना करने के लिए ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा जनवरी 1788 में सिडनी पहुँचा। ब्रिटेन ने पूरे महाद्वीप में अन्य उपनिवेश भी स्थापित किए। पूरी उन्नीसवीं सदी के दौरान आंतरिक भागों में यूरोपीय खोजकर्ताओं को भेजा गया। इस अवधि के दौरान नए रोगों के संपर्क में आने और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के साथ हुए संघर्ष ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को बहुत अधिक कमज़ोर बना दिया।
 
सोने की खानों और कृषि उद्योगों के कारण समृद्धि आई और उन्नीसवीं सदी के मध्य में सभी छः ब्रिटिश उपनिवेशों में स्वायत्त संसदीय लोकतंत्रों की स्थापना की शुरुआत हुई। सन् 1901 में इन उपनिवेशों ने एक जनमत-संग्रह के द्वारा एक संघ के रूप में एकजुट होने के लिए मतदान किया और आधुनिक ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में आया। विश्व-युद्धों में ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन की ओर से लड़ा और [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के दौरान शाही जापान द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका को धमकी मिलने पर ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राज्य अमरीका का दीर्घकालिक मित्र साबित हुआ। एशिया के साथ व्यापार में वृद्धि हुई और युद्धोपरांत एक बहु-सांस्कृतिक आप्रवास कार्यक्रम के द्वारा 6.5 मिलियन से अधिक प्रवासी यहाँ आए, जिनमें प्रत्येक महाद्वीप के लोग शामिल थे। अगले छः दशकों में जनसंख्या तिगुनी होकर 2010 में लगभग 21 मिलियन तक पहुँच गई, जहाँ 200 देशों के मूल नागरिक मिलकर विश्व की चौदहवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था का निर्माण करते हैं।<ref>{{Cite web |url=http://www.dfat.gov.au/aib/overview.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110216000834/http://www.dfat.gov.au/aib/overview.html |archive-date=16 फ़रवरी 2011 |url-status=dead }}</ref>
 
== आस्ट्रेलियाई आदिवासी ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Aboriginal Art Australia.jpg|thumb|upright|काकदु राष्ट्रीय उद्यान में उबिर पर रॉक पेंटिंग]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Hut Eastern Arrernte Basedow.jpg|thumb|upright|एक पारंपरिक झोपड़ी (1920) में उत्तरी क्षेत्र के एक एरेंटे आदमी.]]
 
=== यूरोपीय संपर्क से पहले के आस्ट्रेलियाई आदिवासी ===
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=== 1788 के बाद यूरोपीय लोगों के साथ संपर्क व संघर्ष ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Gov Davey's proclamation-edit2.jpg|thumb|upright|सन 1816 में अश्वेत युद्ध के चरम पर पहुँचने से पूर्व वैन डायमेन की भूमि में जारी एक पोस्टर, जिसमें उपनिवेशवादियों और ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के लिए मित्रता और समान न्याय की लेफ्टिनेंट-गवर्नर आर्थर की नीति को चित्रितਤਸਵੀਰित किया गया है]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Augustus Earle Portrait of Bungaree.jpg|thumb|upright|सिडनी में आदिवासी एक्सप्लोरर बंगारी के पोर्ट्रेट.]]
 
नौवहन मार्गदर्शक जेम्स कुक ने, मौजूदा निवासियों के साथ कोई समझौता किये बिना ही, सन 1770 में ब्रिटेन के लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर दावा किया। पहले गर्वनर, आर्थर फिलिप, को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया था कि वे ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के साथ मित्रता व अच्छे संबंध स्थापित करें और पूरे औपनिवेशिक काल के दौरान- सिडनी के प्रारम्भिक संभाषियों बेनेलॉन्ग व बंगारी द्वारा प्रदर्शित आपसी उत्सुकता से लेकर, सिडनी क्षेत्र के पेमुल्वाय और विंड्रेडाइन, अथवा पर्थ के पास स्थित यागन के प्रत्यक्ष विरोध तक- प्रारम्भिक नवागतों एवं प्राचीन भू-स्वामियों के बीच अंतःक्रियाओं में बहुत अधिक परिवर्तन आते रहे। बेनेलॉन्ग व उनके एक साथी यूरोप की समुद्री-यात्रा करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियावासी बने और किंग जॉर्ज तृतीय से उनका परिचय करवाया गया। बंगारी ने ऑस्ट्रेलिया के पहले पूर्ण-नौवहन (circumnavigation) अभियान में मैथ्यु फ्लिंडर्स की सहायता की। सन 1790 में पहली बार किसी श्वेत उपनिवेशवादी की हत्या का आरोप पेमुल्वाय पर लगा और विंड्रेडाइन ने ब्लू माउंटेन्स के आगे ब्रिटिशों के विस्तार का सामना किया।<ref>{{Cite web |url=http://www.sbs.com.au/firstaustralians/index/index/epid/1 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20101001013820/http://www.sbs.com.au/firstaustralians/index/index/epid/1 |archive-date=1 अक्तूबर 2010 |url-status=live }}</ref>
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सन 1838 में, न्यू साउथ वेल्स की मेयॉल क्रीक में कम से कम अठ्ठाइस ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों की हत्या कर दी गई, जिसके परिणामस्वरूप एक अभूतपूर्व फैसले में औपनिवेशिक अदालतों ने सात श्वेत उपनिवेशवादियों को फांसी की सज़ा सुनाई.<ref>ब्रूस एल्डर (1998) पृष्ठ.83-94</ref> ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों ने भी श्वेत उपनिवेशवादियों पर हमला किया-सन 1838 में, ओवेन्स रिवर के ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों द्वारा पोर्ट फिलिप डिस्ट्रिक्ट में ब्रोकन रिवर पर चौदह यूरोपीय लोगों की हत्या कर दी गई, जो कि निश्चित ही ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी महिलाओं के साथ किये गए दुर्व्यवहार का बदला था।<ref>रिचर्ड ब्रूम और एलन फ्रॉस्ट (1999) पृष्ठ.43</ref> पोर्ट फिलिप डिस्ट्रिक्ट के कैप्टन हटन ने एक बार ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के मुख्य संरक्षक जॉर्ज ऑगस्टस रॉबिन्सन से कहा कि "यदि किसी जनजाति का कोई एक सदस्य भी विरोध करे, तो पूरी जनजाति को नष्ट कर दिया जाए."<ref>रिचर्ड ब्रूम (1984) ''अराइविंग'' में उद्धृत. पृष्ठ.31</ref> क्वीन्सलैंड के औपनिवेशिक सचिव ए.एच. पामर ने सन 1884 में लिखा कि "अश्वेतों का स्वभाव इतना अधिक कपटपूर्ण था कि वे केवल भय के द्वारा ही संचालित होते थे-वस्तुतः ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों पर…शासन कर पाना…केवल क्रूर बलप्रयोग द्वारा ही संभव हो सकता था। "<ref>हेनरी रेनोल्ड्स (1989) ''डिसपोसेशन'' . पृष्ठ.141</ref> ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों का सबसे हालिया नरसंहार सन 1928 में उत्तरी क्षेत्र के कॉनिस्टन में हुआ था। ऑस्ट्रेलिया में नरसंहार के अनेक अन्य स्थल मौजूद हैं, हालांकि इस बात का समर्थन करने वाले दस्तावेज भिन्न-भिन्न हैं।
 
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Hermannsburg NT.jpg|thumb|left|उत्तरी क्षेत्र में हर्मंसबर्ग मिशन.]]
 
सन 1830 के दशक से, औपनिवेशिक सरकारों ने मूल-निवासी लोगों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार से बचने और उन पर भी सरकारी नीतियों को लागू करने के प्रयास में प्रोटेक्टर ऑफ ऐबोरिजिन्स (Protector of Aborigines) के कार्यालय स्थापित किये, जो कि अब विवादित हैं। ऑस्ट्रेलिया स्थित ईसाई चर्चों ने ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों को धर्मांतरित करने का प्रयास किया और कल्याण व समावेश की नीतियों को लागू करने के लिए सरकार द्वारा अक्सर उनका प्रयोग किया जाता था। औपनिवेशिक चर्च के सदस्यों, जैसे सिडनी के पहले कैथलिक आर्चबिशप, जॉन बीड पोल्डिंग, ने दृढ़ता से ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के अधिकारों व सम्मान की वकालत की<ref>{{Cite web |url=http://apsa2000.anu.edu.au/confpapers/osullivan.rtf |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130519072722/http://apsa2000.anu.edu.au/confpapers/osullivan.rtf |archive-date=19 मई 2013 |url-status=dead }}</ref> और ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के प्रसिद्ध कार्यकर्ता नोएल पीयर्सन (जन्म 1965), जिनका लालन-पालन केप यॉर्क के एक लूथरन मिशन में हुआ था, ने लिखा है कि ऑस्ट्रेलिया के पूरे औपनिवेशिक इतिहास के दौरान ईसाई मिशनों ने "ऑस्ट्रेलियाई सीमा पर नारकीय जीवन को संरक्षण प्रदान किया और साथ ही उपनिवेशवाद की सहायता की".<ref>{{Cite web |url=http://www.theaustralian.com.au/news/features/when-words-arent-enough/story-e6frg6z6-1111115528371 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20101202114619/http://www.theaustralian.com.au/news/features/when-words-arent-enough/story-e6frg6z6-1111115528371 |archive-date=2 दिसंबर 2010 |url-status=live }}</ref>
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== यूरोपीय अन्वेषण ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Australia discoveries by Europeans before 1813 en.png|thumb|300px|1812[71][72][73][74][75][76][77][78][79][80] तक यूरोपीय द्वारा अन्वेषण]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Thevenot - Hollandia Nova detecta 1644.png|thumb|होलैंडिया नोवा के 1644 चार्ट.]]
 
कई लेखकों ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि यूरोपीय लोग सोलहवीं सदी के दौरान ऑस्ट्रेलिया पहुँचे। केनेथ मैक्लिंटियर और अन्य लेखकों का तर्क है कि सन 1520 के दशक में पुर्तगालियों द्वारा गुप्त रूप से ऑस्ट्रेलिया की खोज कर ली गई थी।<ref>मैकिनटायर, के.जी. (1977) ''द सीक्रेट डिस्कवरी ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया, पौर्चुगिज़ वेंचर्स 200 इयर्स बिफोर कूक'', सोविनिर प्रेस, मेनिंदी ISBN 028562303 6</ref> डायेपी नक्शों (Dieppe Maps) पर "''जेव ला ग्रांडे (Jave la Grande)'' " नामक एक भू-खण्ड की उपस्थिति का उल्लेख अक्सर "पुर्तगाली खोज" के प्रमाण के रूप में किया जाता है। हालांकि, डायेपी नक्शे स्पष्ट रूप से उस काल में वास्तविक व सैद्धांतिक, दोनों ही प्रकार के, भौगोलिक ज्ञान की अपूर्ण अवस्था को भी प्रदर्शित करते हैं।<ref>रॉबर्ट जे. किंग, "द जैगिलोनियन ग्लोब, अ की टू द पज़ल ऑफ़ जेव ला ग्रैंड", ''द ग्लोब: जर्नल ऑफ़ द ऑस्ट्रेलियन मैप सर्कल'', संख्या 62,
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सन 1616 में, हेंडेरिक ब्रॉवर द्वारा केप ऑफ गुड होप से रोअरिंग फोर्टीज़ होकर बाटाविया तक जाने वाले हाल ही में खोजे गए मार्ग पर बढ़ने का प्रयास करते हुए डच समुद्री-कप्तान डर्क हार्टोग बहुत दूर निकल गए। ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर पहुँचकर वे 25 अक्टूबर 1616 को शार्क बे में केप इन्स्क्रीप्शन पर उतरे. उनका नाम पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई तट पर पहुँचने वाले पहले यूरोपीय के रूप में दर्ज किया गया है।
 
हालांकि एबेल तस्मान को सन 1642 के उनके समुद्री अभियान के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है; जिसमें वे वैन डाइमेन की भूमि (बाद में [[टासमानिया|तस्मानिया]]) और [[न्यूज़ीलैण्ड|न्यूज़ीलैंड]] के द्वीपों पर पहुँचने वाले तथा [[फ़िजी|फिजी द्वीपों]] को देखने वाले पहले ज्ञात यूरोपीय बने, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मानचित्रणमानਤਸਵੀਰण में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। सन 1644 में, अपने दूसरे समुद्री अभियान पर तीन जहाजों (लिमेन, ज़ीमीयुव और टेंडर ब्रेक) के साथ, वे पश्चिम की ओर न्यू गिनी के तट पर बढ़े. उन्होंने न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के बीच टॉरेस जलडमरूमध्य को खो दिया, लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई तट के साथ-साथ अपना समुद्री अभियान जारी रखा और ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट के मानचित्रणमानਤਸਵੀਰण के साथ इसका समापन किया, जिसमें भूमि और यहाँ के लोगों के बारे में विवरण शामिल थे।<ref>*{{Dictionary of Australian Biography|First=Abel|Last=Tasman|Link=http://gutenberg.net.au/dictbiog/0-dict-biogT-V.html#tasman1}}
* एडवर्ड ड्युकर (संपादक) द डिस्कवरी ऑफ तस्मानिया: एबेल जैन्सज़ून तस्मान तथा मार्क-जोसेफ मैरियन डफ्रेस्ने 1642 व 1772 के अभियानों के जर्नल उद्धरण, सेंट डेविड्स पार्क पब्लिशिंग/तस्मानियाई सरकार का मुद्रण कार्यालय, होबार्ट, 1992, पृ. 106, आईएसबीएन (ISBN) 0 7246 2241 1.</ref>
 
सन 1650 के दशक तक आते-आते डच खोजों के परिणामस्वरूप, अधिकांश ऑस्ट्रेलियाई तट का इतना मानचित्रणमानਤਸਵੀਰण हो चुका था, जो कि तत्कालीन नौवहन मानकों के लिए पर्याप्त रूप से विश्वसनीय था और इसे सन 1655 में न्यू एम्सटर्डम ''स्टैधुइस (Stadhuis)'' ("टाउन हॉल") के ''बर्गरज़ाल (Burgerzaal)'' ("बर्गर्स हॉल") के फर्श पर जड़े विश्व के नक्शे में सब लोगों के देखने के लिए उजागर किया गया। हालांकि उपनिवेशीकरण के लिए विभिन्न प्रस्ताव दिये गए, उल्लेखनीय रूप से सन 1717 से 1744 तक पियरे पुरी (Pierre Purry) द्वारा, लेकिन उनमें से किसी पर भी आधिकारिक रूप से प्रयास नहीं किय गया।<ref>जॉन पीटर परी, ''अ मेथड फॉर डेटरमाइनिंग द बेस्ट क्लाइमेट ऑफ़ द अर्थ'', लंदन, 1744; और ''लैंड्स ऑफ़ तरु एंड सर्टेन बाउंटी: द ज्योग्राफिकल थ्योरीज एंड कोलोनाइज़ेशन स्ट्रैटजिज़ ऑफ़ जिन पेरी परी'', अरलीन सी. मिग्लिएज़ो द्वारा टेक्स्ट के परिचय के साथ संपादित और एनोटेट; पाइरेट सी. क्रिसचेन-लव्रिन एंड 'बायोदून जे. ऑगनदायो द्वारा फ्रेंच से अनुवाद, सुस्कुइहन्ना यूनिवर्सिटी प्रेस, सेलिंसग्रोव पीए (PA), 2002.</ref> यूरोपीय लोगों, भारतीयों, ईस्ट इंडीज़, चीन व जापान के साथ व्यापार कर पाने में ऑस्ट्रेलियाई मूलनिवासियों की रुचि कम थे और वे इसमें सक्षम भी नहीं थे। [[डच इस्ट इंडिया कंपनी|डच ईस्ट इंडिया कम्पनी]] का निष्कर्ष यह था कि "वहाँ कुछ भी अच्छा नहीं किया जा सकता". उन्होंने पुरी की योजना इस टिप्पणी के साथ अस्वीकार कर दी कि "इसमें कम्पनी के प्रयोग या लाभ की कोई संभावना नहीं है, इसके बजाय इसमें निश्चित रूप से बहुत अधिक लागत शामिल है".
 
हालांकि, पश्चिम की ओर डचों के भावी दौरों के अपवाद के अलावा, पहले [[संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन)|ब्रिटिश]] अन्वेषण तक ऑस्ट्रेलिया का एक बड़ा भाग यूरोपीय लोगों से अछूता रहा। सन 1769 में, एचएमएस ''एंडीवर'' (HMS Endeavour) के कप्तान के रूप में लेफ्टिनेंट जेम्स कुक ने शुक्र ग्रह के पारगमन का निरीक्षण करने और इसे दर्ज करने के लिए ताहिति (Tahiti) की यात्रा की। इसके अलावा कुक को एडमिरल की ओर से संभावित दक्षिणी महाद्वीप को ढूंढने के गुप्त निर्देश भी मिले थे:<ref>एंड्रयू कुक, ''एन अकाउंट ऑफ़ द डिस्कवरिज़ मेड इन द साउथ पैसफिक ओशन / बाई एलेक्सजेंडर डैलरिम्पल'' ; 1767 में प्रथम मुद्रित, केविन फ्युस्टर द्वारा पुनर्निर्गम और एंड्रयू कुक द्वारा एक निबंध, पॉट्स प्वाइंट एनएसडब्ल्यू (NSW), होर्दर्न हॉउस रेयर बुक्स फॉर द ऑस्ट्रेलियन नैशनल मैरीटाइम म्युज़ियम, 1966, पीपी. 38-9.</ref> "इस बात की कल्पना करने का पर्याप्त कारण मौजूद है कि एक महाद्वीप, या बहुत बड़े विस्तार वाली भूमि, पूर्व नाविकों के मार्ग की दक्षिणी दिशा में जाने पर ढूंढी जा सकती थी।"<ref>ए.जी.एल. शॉ (1972) ''द स्टोरी ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया'' में नावधिकरण निर्देश
उद्धृत है। पृष्ठ 32 फैबर और फैबर, लंदन. ISBN 0-571-04775-0</ref> 19 अप्रैल 1770 को, ''एंडीवर'' के नाविक-दल ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट को देखा और इसके दस दिनों बाद वे बॉटनी बे पर उतरे. कुक ने पूर्वी किनारे को इसकी उत्तरी सीमा तक मानचित्रितमानਤਸਵੀਰित किया और जहाज के प्रकृतिवादी, जोसेफ बैंक्स, के साथ मिलकर बॉटनी बे में एक उपनिवेश की स्थापना की संभावनाओं का समर्थन करने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की।
 
सन 1772 में, लुइस एलीनो डी सेंट एलोआर्न (Louis Aleno de St Aloüarn) के नेतृत्व में आया एक [[फ़्रांस|फ्रेंच]] अभियान [[पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया|ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट]] पर औपचारिक रूप से स्वायत्तता का दावा करने वाला पहला यूरोपीय दल बना, लेकिन इसके बाद उपनिवेश की स्थापना का कोई प्रयास नहीं किया गया।<ref>डकसी सी.सी. कोवन एंड जॉन सी. किम, ''ऑब्जेक्ट्स एंड हिस्ट्री ऑफ़ द वॉयेज ऑफ़ Mm. वेस दे करगुलेन एंड फ्रैंकोइस अलेसने दे सेंट अलौर्न इन द ऑस्ट्रेलियन सिस (Yves de Kerguelen and François Alesne de Saint-Allouarn in the Australian Seas)'', पैरिस, 1934.</ref>
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== ब्रिटिश बस्तियाँ व उपनिवेशीकरण ==
=== उपनिवेशीकरण की योजनाएं ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Indig2.jpg|thumb|एन्ड्र्यु गैरन, 1886 की "ऑस्ट्रेलिया: फर्स्ट हंड्रेड ईयर्स (Australia: the first hundred years)" से लिया गया एक नक्काशीदार चित्रਤਸਵੀਰ, जिसमें सन 1770 में कैप्टन जेम्स कुक के आगमन का विरोध कर रहे ग्वीयागल जनजाति के मूलनिवासी प्रदर्शित हैं]]
 
ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर कुक के आगमन के सत्रह वर्षों बाद ब्रिटिश सरकार ने बॉटनी बे पर एक उपनिवेश स्थापित करने का निर्णय लिया।
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दिसंबर 1784 का एक केबिनेट ज्ञापन दर्शाता है कि न्यू साउथ वेल्स में एक उपनिवेश की स्थापना पर विचार करते समय सरकार ने मेट्रा की योजना पर ध्यान दिया था।<ref>'मेमो. ऑफ़ मैटर्स टू बी बरौट बिफोर केबिनेट', न्यू साउथ वेल्स के स्टेट लाइब्रेरी, डिक्सन लाइब्रेरी एड. एमएस क्यू522: एलन एटकिंसन, "द फर्स्ट प्लांस फॉर गवर्निंग न्यू साउथ वेल्स, 1786-1787", ''ऑस्ट्रेलियन हिसटॉरिकल स्टडीज़,'' खंड 24, संख्या 94, अप्रैल 1990, पीपी 22-40, पृष्ठ 31, एलन फ्रॉस्ट में डेटेड और फोटो डुप्लीकेटेड, "हिस्टोरियंस, हैंडलिंग डॉक्युमेंट्स, ट्रांसग्रेशन एंड ट्रांसपोर्टबल औफेंसेस", ''ऑस्ट्रेलियन हिसटॉरिकल स्टडीज़,'' खंड 25, संख्या 98, अक्टूबर 1992, पीपी 192-213, पीपी.208-9.</ref> सरकार ने उपनिवेशीकरण की इस योजना में नॉर्फोक द्वीप (Norfolk Island), लकड़ी और पटसन के इसके आकर्षणों के कारण, पर उपनिवेश बसाने की परियोजना भी शामिल की थी, जिसका प्रस्ताव बैंक्स के रॉयल सोसाइटी के सहयोगियों, सर जॉन कॉल व सर जॉर्ज यंग द्वारा दिया गया था।<ref>रॉबर्ट जे. किंग, "नॉरफोक आइलैंड: फैंटसी एंड रिएल्टी, 1770-1814", ''द ग्रेट सर्कल'', खंड.25, संख्या 2, 2003, पीपी. 20-41.</ref>
 
उसी समय, ब्रिटेन के मानवतावादियों व सुधारकों ने ब्रिटिश जेलों और पुराने जहाजों की घटिया अवस्था के खिलाफ अभियान चला रखा था। सन 1777 में जेलों के सुधारक जॉन हॉवर्ड ने "''द स्टेट ऑफ प्रिज़न्स इन इंग्लैंड एण्ड वेल्स (The State of Prisons in England and Wales)'' " लिखी, जिसने जेलों की वास्तविकता का भयावह चित्रਤਸਵੀਰ प्रस्तुत किया और भीतर छिपी ऐसी कई बातें …सभ्य समाज के सामने उजागर कीं."<ref>डेविड हिल. (2008) ''1788; द ब्रुटल ट्रुथ ऑफ़ द फर्स्ट फ्लीट'' . पृष्ठ 9. विलियम हिनेमैन, ऑस्ट्रेलिया ISBN 978 17466 7974</ref> दंड निर्वासन पहले से ही अंग्रेज़ी दंड संहिता के मुख्य बिंदु के रूप में स्थापित हो चुका था और स्वतंत्रता के अमरीकी युद्ध (American War of Independence) तक प्रतिवर्ष लगभग एक हज़ार अपराधी मैरीलैंड और वर्जिनिया भेज दिये जाते थे।<ref>ए.जी.एल. शॉ (1972) पृष्ठ.35</ref> यह कानून के उल्लंघन को रोकने के लिए एक शक्तिशाली निवारक सिद्ध हुआ। उस समय, "यूरोपीय लोग ग्लोब के भूगोल के बारे में बहुत कम जानते थे" और "इंग्लैंड के अपराधियों के लिए बॉटनी बे में निर्वासन एक डरावनी संभावना थी।" ऑस्ट्रेलिया "कोई दूसरा ग्रह भी हो सकता था। "<ref>डेविड हिल (2008) पृष्ठ.11</ref>
 
1960 के दशक के प्रारम्भ में, इतिहासकार जेफरी ब्लेनी ने इस पारंपरिक दृष्टिकोण पर प्रश्न उठाया कि [[न्यू साउथ वेल्स]] की स्थापना पूरी तरह केवल अपराधियों को भेजने के स्थान के रूप में ही की गई थी। उनकी पुस्तक ''द टाइरनी ऑफ डिस्टन्स (The Tyranny of Distance)''<ref>जेफ्री ब्लैनी (1966) ''द टिरैनी ऑफ़ डिस्टेंस; हाउ डिस्टेंस शेप्ड ऑस्ट्रेलिया हिस्ट्री'' . सन बुक्स, मेलबर्न. पुनः प्रकाशित 1982. ISBN 0-333-33836-7</ref> में यह सुझाव दिया गया है कि संभवतः अमरीकी उपनिवेशों में हार के बाद पटसन और लकड़ी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी ब्रिटिश सरकार को प्रेरणा मिली हो और नॉर्फोक आइलैंड ब्रिटिश निर्णय की कुंजी था। अनेक इतिहासकारों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इस विवाद के फलस्वरूप उपनिवेशीकरण के कारणों से संबंधित अतिरिक्त स्रोत बहुत बड़ी मात्रा में सामने आए। <ref>जेड मार्टिन (1981) ''द फाउन्डिंग ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया: आर्ग्युमेंट अबाउट ऑस्ट्रेलिया औरिजिंस'' हेल एंड आयरमौंगर, सिडनी. ISBN 0-908094-00-0. इन्हें भी देखें डेविड मकाय, ''अ प्लेस ऑफ़ एक्साइल: द यूरोपियन सेटेलमेंट ऑफ़ न्यू साउथ वेल्स'', मेलबर्न, ऑक्सफोर्ड यूपी, 1985; एलन एटकिंसन, "द फर्स्ट प्लांस फॉर गवर्निंग न्यू साउथ वेल्स, 1786-1787", ''ऑस्ट्रेलियन हिसटॉरिकल स्टडीज़,'' खंड 24, संख्या 94, अप्रैल 1990, पीपी 22-40; एलन फ्रॉस्ट, "हिस्टोरियंस, हैंडलिंग डॉक्युमेंट्स, ट्रांसग्रेशन एंड ट्रांसपोर्टबल औफेंसेस", ''ऑस्ट्रेलियन हिसटॉरिकल स्टडीज़,'' खंड 25, संख्या 98, अक्टूबर 1992, पीपी.192-213, पृष्ठ 199; डेविड मकाय, '"बैनिश्ड टू बोटैनी बे": द फेट ऑफ़ द रेलेंटलेस हिस्टोरियन', ''ऑस्ट्रेलियन हिसटॉरिकल स्टडीज़,'' खंड 25, संख्या 98, अक्टूबर 1992, पीपी. 214-216; और एलन फ्रॉस्ट, "अ फिट ऑफ़ एब्सेंस ऑफ़ माइंड? द डिसीज़न टू कोलोनाइज़ ''बोटैनी बे, 1779-1786", बोटैनी बे माइरेजेस: इल्यूज़न ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया कंविक्ट बिग्निंग्स'', मेलबर्न यूनिवर्सिटी प्रेस, 1994, पीपी.98-109.</ref>
ਲਾਈਨ 184:
 
=== ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश उपनिवेश ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:ArthurPhilip.jpg|thumb|left|न्यू साउथ वेल्स के आर्थर फिलिप, पहले राज्यपाल.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Norfolk Island jail1.jpg|thumb|left|नॉरफ़ॉक द्वीप पर अपराधी बनी हुई है।]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:PortArthurPenitentiary.jpg|thumb|पोर्ट आर्थर, तस्मानिया एक कुख्यात जेल चौकी.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:The Foundation of Perth 1829.jpg|thumb|left|जॉर्ज पिट मॉरिसन द्वारा 1829 पर्थ की फाउंडेशन.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Adelaide North Tce 1839.jpg|thumb|1839 में एडिलेड.दोषियों के बिना दक्षिण ऑस्ट्रेलिया मुक्त कॉलोनी के रूप में स्थापित किया गया था।]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Landing at melbourne 1840.jpg|thumb|left|मेलबोर्न लैंडिंग, 1840; डब्ल्यू. लिएरडेट द्वारा पानी के रंग (1840)]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:George Bowen b.jpg|thumb|सर जॉर्ज बोवेन, क्वींसलैंड के पहले राज्यपाल.]]
 
==== न्यू साउथ वेल्स में पहला उपनिवेश ====
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=== अपराधी और औपनिवेशिक समाज ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Black-eyed Sue and Sweet Poll of Plymouth taking leave of their lovers who are going to Botany Bay.jpeg|thumb|left|प्लायमाउथ, इंग्लैंड की काली-आंखों वाली स्यु और स्वीट पॉल, जो अपने प्रेमियों के लिए विलाप कर रही हैं, जिन्हें जल्द ही बॉटनी बे निर्वासित किया जाना है, 1792]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Battle of VinegarHill.jpg|thumb|1804 के कासल हिल कंविक्ट विद्रोह चित्रਤਸਵੀਰ का वर्णन करते हैं।]]
 
सन 1788 और 1868 के बीच, लगभग 161,700 अपराधियों (जिनमें से 25,000 महिलाएँ थीं) को निर्वासित करके न्यू साउथ वेल्स, वैन डायमेन की भूमि और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के ऑस्ट्रेलियाई उपनिवेशों में भेज दिया गया।<ref>जैन बैसेट (1986) पृष्ठ 258</ref> इतिहासकार लॉयड रॉब्सन का अनुमान है कि शायद इनमें से दो तिहाई कामकाजी वर्ग के नगरों, विशेषतः मिडलैंड्स और इंग्लैंड के उत्तरी भाग, से थे। इनमें से अधिकांश आदतन अपराधी थे।<ref>लॉयड रॉबसन (1976) ''द कंविक्ट ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया'' देखें. मेलबर्न यूनिवर्सिटी प्रेस, मेलबर्न ISBN 0 522839940</ref> निर्वासन ने चाहे सुधार के अपने लक्ष्य को प्राप्त किया हो या न किया हो, लेकिन इनमें से कुछ अपराधी ऑस्ट्रेलिया में जेल प्रणाली को छोड़ पाने में सक्षम हो सके; सन 1801 के बाद वे अच्छे व्यवहार के लिए "रिहाई का टिकट" हासिल कर सकते थे और मजदूरी के बदले उन्हें स्वतंत्र लोगों को उनका काम करने के लिए सौंपा जा सकता था। उनमें से कुछ को उनकी सज़ा के अंत में क्षमादान दे दिया गया और वे मुक्त हो चुके व्यक्तियों (Emancipists) के रूप में जीवन बिता पाने में सफल रहे। महिला अपराधियों के पास कम अवसर थे।
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सन 1810 से 1821 तक मैक्वेरी ने न्यू साउथ वेल्स के अंतिम निरंकुश गवर्नर के रूप में कार्य किया और न्यू साउथ वेल्स, जो कि एक दण्डात्मक उपनिवेश से एक उभरते हुए मुक्त समाज में रूपांतरित हो रहा था, के सामाजिक व आर्थिक विकास में उनकी एक मुख्य भूमिका रही। उन्होंने सार्वजनिक सुविधाएं, एक बैंक, चर्च और धर्मार्थ संस्थाएं स्थापित कीं और ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के साथ अच्छे संबंध बनाने का प्रयास किया। सन 1813 में, उन्होंने ब्लाक्सलैंड, वेंटवर्थ और लॉसन को ब्लू माउंटेन के उस पार भेजा, जहाँ उन्होंने आंतरिक भाग के विशाल मैदानों की खोज की। हालांकि, मुक्त हो चुके व्यक्तियों (Emancipists) के साथ किया जाने वाला व्यवहार मैक्वेरी की नीति के केन्द्र में था, जिनके बारे में उन्होंने आज्ञा दी कि उनके साथ उपनिवेश के स्वतंत्र-व्यक्तियों की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिये। विरोध के खिलाफ जाकर, उन्होंने मुक्त हो चुके व्यक्तियों को मुख्य शासकीय पदों पर नियुक्त किया, जिनमें औपनिवेशिक वास्तुकार के रूप में फ्रैंसिस ग्रीनवे तथा मजिस्ट्रेट के रूप में विलियम रेडफर्न शामिल थे। लंडन ने उनके सार्वजनिक कार्यों को बहुत अधिक खर्चीला माना और मुक्त हो चुके व्यक्तियों (Emancipists) के प्रति उनके व्यवहार के कारण समाज में नाराज़गी फैल गई।<ref>http://www.adb.online.anu.edu.au/biogs/A020162b.htm?hilite=lachlan%3Bmacquarie</ref> इसके बावजूद, समय के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के बीच समतावाद को केन्द्रीय मूल्य के रूप में स्वीकार किया गया।
 
[[चित्रਤਸਵੀਰ:The arrest of Bligh propaganda cartoon from around 1810.jpg|thumb|300px|1808 के रम राज्यपाल के दौरान गवर्नर विलियम ब्लिघ की गिरफ्तारी का प्रचार कार्टून.]]
 
न्यू साउथ वेल्स के गवर्नरों में से प्रथम पांच ने मुक्त उपनिवेशवादियों को प्रोत्साहित करने की अविलंब आवश्यकता महसूस की, लेकिन ब्रिटिश सरकार का मत इससे बहुत अधिक भिन्न था। सन 1790 में ही, गवर्नर आर्थर फिलिप ने लिखा था; "महामहिम आप संभवतः मेरे…पत्रों के द्वारा यह देख सकेंगे कि हमने भूमि की जुताई कर पाने में कितनी कम प्रगति कर सके हैं… वर्तमन में यह उपनिवेश केवल एक व्यक्ति को वहन कर सकता है, जिसे मैं भूमि को जोतने के लिए नियुक्त कर सकूं…"<ref>ट्रीना जेर्मियाह में फिलिप उद्धृत; टी. गरी (1984) में "आप्रवासियों और समाज" पृष्ठ.121-122</ref> सन 1820 के दशक से मुक्त उपनिवेशवादियों का बड़ी संख्या में आगमन प्रारम्भ हुआ और मुक्त उपनिवेशवादियों को प्रोत्साहित करने के लिए शासकीय योजनाएं प्रस्तुत की गईं। परोपकारी व्यक्तियों, कैरोलाइन काइशोम और जॉन डानमोर लैंग, ने अपनी स्वयं की आप्रवासन योजनाएं विकसित कीं. गवर्नरों द्वारा शाही भूमि का आवंटन किया गया और आप्रवासियों पर उपनिवेश की योजनाओं, जैसे एडवर्ड गिबन वेकफील्ड की योजनाओं, का कुछ हद तक उत्साहपूर्ण प्रभाव पड़ा, जिसके कारण संयुक्त राज्य अमरीका या कनाडा के विपरीत वे ऑस्ट्रेलिया की लंबी यात्राएं करने लगे। <ref>सन 1850 में जहाज की सबसे सस्ती श्रेणी में संयुक्त राज्य अमरीका या कनाडा जाने का खर्च लगभग £5 आता था, जबकि ऑस्ट्रेलिया की समुद्री यात्रा का खर्च £40 था। टी. गरी (1984) में ट्रीना जेर्मियाह देखें पृष्ठ.126</ref>
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== औपनिवेशिक स्वशासन और सोने की खोज ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Bernhard otto holterman with 630lb gold from Hill End.jpg|thumb|upright|हिल एंड से एक सोने का डला, 1872 में पता लगाया।]]
पारंपरिक रूप से एडवर्ड हैमण्ड हार्ग्रेव्ज़ को फरवरी 1851 में बाथर्स्ट, न्यू साउथ वेल्स के पास ऑस्ट्रेलिया में सोने की खोज करने का श्रेय दिया जाता है। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया में सोने की मौजूदगी के लक्षण सर्वेक्षणकर्ता जेम्स मैक्ब्रायन द्वारा 1823 में ही खोजे जा चुके थे। चूंकि [[अंग्रेजी विधि|अंग्रेज़ी कानून]] के मुताबिक समस्त खनिज राजा की संपत्ति थे, अतः प्रारम्भ में "एक ग्राम्य अर्थव्यवस्था के अंतर्गत विकसित हो रहे एक उपनिवेश में वास्तव में समृद्ध सोने की खदानों की खोज के लिए बहुत कम प्रेरणा मौजूद थी।"<ref>फ्रांसिस हेल (1983) ''वेल्थ बिनीथ द सॉइल'' . पृष्ठ 3-5. थॉमस नेल्सन. मेलबर्न. ISBN 0-17-006049-7</ref> रिचर्ड ब्रूम का यह भी तर्क है कि कैलिफोर्निया में सोने की प्राप्ति से हुए अप्रत्याशित लाभ (California Gold Rush) ने प्रारम्भ में ऑस्ट्रेलियाई खोजों को पूरी तरह अपने प्रभाव में ले लिया, जब तक कि "मई 1852 में माउंड एलेक्ज़ेंडर का समाचार इंग्लैंड पहुँचा, जिसके कुछ ही समय बाद आठ टन सोना लेकर छः जहाज आए."<ref>रिचर्ड ब्रूम (1984) ''अराइविंग'' . पृष्ठ.69</ref>
 
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== ऑस्ट्रेलियाई लोकतंत्र का विकास ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Catherine Helen Spence.jpg|thumb|150px|दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई सफ्रागेट कैथरीन हेलेन स्पेन्स (1825-1910).सन 1995 में, साउथ ऑस्ट्रेलिया की महिलाएँ मतदान का अधिकार प्राप्त करने वाली तथा संसद में खड़ी हो पाने वाली विश्व की शुरुआती महिलाओं में से एक थीं।]]
 
पारंपरिक ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी समाज का संचालन वरिष्ठ-जनों की समितियों और एक व्यापारिक निर्णय प्रक्रिया के द्वारा किया जाता था, लेकिन सन 1788 के बाद स्थापित यूरोपीय-शैली की प्रारम्भिक सरकारें स्वायत्त हुआ करतीं थीं और उनका संचालन नियुक्त किये गए गवर्नरों द्वारा किया जाता था – हालांकि अधिप्राप्ति के सिद्धांत (doctrine of reception) के आधार पर ऑस्ट्रेलियाई उपनिवेशों में अंग्रेज़ी विधि प्रत्यारोपित की गई थी और इस प्रकार उपनिवेशवादी ''[[मैग्ना कार्टा]]'' तथा [[अधिकार अधिनियम|बिल ऑफ राइट्स 1689]] द्वारा स्थापित अधिकारों व प्रक्रियाओं की अवधारणा को ब्रिटेन से लाये। उपनिवेशों की स्थापना के शीघ्र बाद प्रतिनिधिक सरकार के गठन के लिए प्रदर्शन शुरु हो गए।<ref>{{Cite web |url=http://moadoph.gov.au/our-democracy/democracy-timeline/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20090929140952/http://moadoph.gov.au/our-democracy/democracy-timeline/ |archive-date=29 सितंबर 2009 |url-status=dead }}</ref>
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== राष्ट्रवाद और संघ का विकास ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Banjo Patterson.jpg|thumb|upright|कवि, बैंजो पैटर्सन.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Roberts-The Australian native.jpg|thumb|upright|हीडलबर्ग स्कूल के टॉम रॉबर्ट्स द्वारा "ऑस्ट्रेलियाई मूल निवासी" (1888).]]
 
सन 1880 के दशक के अंत तक आते-आते, ऑस्ट्रेलियाई उपनिवेशों में रहने वाले अधिकांश लोग ऐसे थे, जिनका जन्म उसी भूमि पर हुआ था, हालांकि उनमें से 90% से ज्यादा लोग ब्रिटिश और आइरिश मूल के थे।<ref>डी.एम. गिब (1982) ''नैशनल आइडेंटिटी एंड कॉन्शियसनेस'' . पृष्ठ.33. थॉमस नेल्सन, मेलबर्न. ISBN 0 170060535</ref> इतिहासकार डॉन गिब का सुझाव है कि भगोड़ा (bushranger) नेड केली मूल-निवासियों के उभरते रुख के एक पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। परिवार और साथियों के साथ मज़बूत पहचान रखने वाला केली उस बात का विरोधी था, जिसे वह पुलिस और शक्तिशाली अनाधिकृत निवासियों द्वारा किया जाने वाला अन्याय मानता था। इतिहासकार रसेल वार्ड द्वारा बाद में परिभाषित ऑस्ट्रेलियाई रूढ़िवाद को लगभग प्रतिबिम्बित करता केली “एक कुशल भगोड़ा बन गया, जो कि बंदूकों, घोड़ों तथा मुक्कों के प्रयोग में माहिर था और उसे उस जिले के अपने साथियों की प्रशंसा प्राप्त थी।”<ref>डी.एम. गिब (1982) पृष्ठ.3</ref> पत्रकार वैन्स पामर का सुझाव है कि हालांकि केली “आने वाली पीढ़ियों के लिए देश के विद्रोही व्यक्तित्व का प्रतीक बन गया, लेकिन (वास्तव में) वह…किसी अन्य काल से संबंधित था। ”<ref>वैन्स पाल्मेर (1954) ''लिजेंड ऑफ़ द नाइनटिज़'' . पृष्ठ.54. करी ओ'नील रॉस, मेलबोर्न द्वारा पुनः प्रकाशित. ISBN 0 85902 1459</ref>
 
विशिष्ट रूप से ऑस्ट्रेलियाई चित्रकलाਤਸਵੀਰकला के मूल को इसी काल से तथा सन 1880-1890 के दशक की हीडेलबर्ग पद्धति (Heidelberg School) से जोड़कर देखा जाता है।<ref>बर्नार्ड स्मिथ (1971) ''ऑस्ट्रेलियाई चित्रकारीਤਸਵੀਰकारी 1788-1970'' पृष्ठ.82. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, मेलबर्न. ISBN 0-19-550372-4</ref> आर्थर स्ट्रीटन, फ्रेडरिक मैक्युबिन और टॉम रॉबर्ट्स जैसे कलाकारों ने ऑस्ट्रेलियाई भूदृश्य में दिखाई देने वाले प्रकाश और रंगों के एक अधिक वास्तविक अर्थ के साथ अपनी कला की पुनर्रचना का प्रयास किया। यूरोपीय प्रभाववादियों के समान, वे भी खुली हवा में चित्रकारीਤਸਵੀਰकारी किया करते थे। इन कलाकारों ने उस अद्वितीय प्रकार और रंग से प्रेरणा प्राप्त की, जो कि ऑस्ट्रेलियाई झाड़ी की विशेषता है। उनके सर्वाधिक प्रसिद्ध कार्य में ग्राम्य तथा जंगली ऑस्ट्रेलिया के दृश्य शामिल हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलियाई ग्रीष्म-काल के भड़कीले और यहाँ तक कि कठोर, रंग शामिल हैं।<ref>एलन मैकक्लोच, गोल्डेन एज ऑफ़ ऑस्ट्रेलियन पेंटिंग: इम्प्रेशानिज्म एंड द हिडेलबर्ग स्कूल</ref>
 
ऑस्ट्रेलियाई साहित्य में भी समान रूप से विशिष्ट स्वर का विकास हो रहा था। प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलियाई लेखक हेनरी लॉसन, बैंजो पैटरसन, माइल्स फ्रैंक्लिन, नॉर्मन लिंडसे, स्टील रड, मैरी गिल्मोर, सी जे डेनिस व डोरोथिया मैक्केलर सभी विकसित होती हुई राष्ट्रीयता की इसी भट्टी में तपकर तैयार हुए थे- और वस्तुतः वे भी इस आग को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुए. कई बार ऑस्ट्रेलिया के दृष्टिकोण में टकराव भी उत्पन्न होता था – लॉसन व पैटरसन ने ''द बुलेटिन'' मैगज़ीन में लेखों की एक श्रृंखला में योगदान दिया, जिसमें वे ऑस्ट्रेलिया में जीवन के स्वरूप को लेकर एक साहित्यिक बहस में शामिल हो गए: लॉसन (एक रिपब्लिकन समाजवादी) ने पैटरसन को रूमानी करार देकर उनका उपहास किया, जबकि पैटरसन (ग्रामीण क्षेत्र में जन्मे एक शहरी वकील) का मानना था कि लॉसन दुर्भाग्य व उदासी से परिपूर्ण थे। सन 1895 में पैटरसन ने अत्यधिक प्रसिद्ध लोकगीत ''वॉल्ट्ज़िंग मैटिल्डा'' की रचना की। <ref>जैन बैसेट (1986) पृष्ठ.267</ref> अक्सर इस गीत को ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रगीत बनाये जाने का सुझाव दिया जाता रहा है और ''एडवान्स ऑस्ट्रेलिया फेयर'', जो कि सन 1970 के दशक के अंतिम काल से ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रगीत है, वस्तुतः सन 1887 में लिखा गया था। डेनिस ने छोटे नायकों के बारे में ऑस्ट्रेलियाई मातृभाषा में लिखा, जबकि मैक्केलर ने इंग्लैंड के सुहावने ग्राम्य जीवन के प्रति प्रेम को नकारते हुए, अपनी आदर्शवादी कविता: माय कण्ट्री ''(1903)'' में उस देश का समर्थन किया, जिसे उन्होंने “धूप से झुलसा हुआ देश (Sunburnt Country)” कहा है।<ref>{{Cite web |url=http://www.cultureandrecreation.gov.au/articles/lawson/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110408180527/http://www.cultureandrecreation.gov.au/articles/lawson/ |archive-date=8 अप्रैल 2011 |url-status=live }}</ref>
 
उन्न्सवीं सदी के अंतिम दौर की संपूर्ण राष्ट्रवादी कला, संगीत और लेखन की साझा विषय-वस्तु रूमानी ग्राम्य या ''बुश मिथ (bush myth)'' थी और यह विडम्बना ही है कि इसकी रचना विश्व के सर्वाधिक शहरीकृत समाजों में से एक के द्वारा की गई थी।<ref>ली एस्टबरी (1985) पृष्ठ.2</ref> पैटरसन की प्रसिद्ध कविता, सन 1889 में लिखित, क्लैंसी ऑफ द ओवरफ्लो, इस रूमानी कथा का आह्वान करती है। एक ओर जहाँ बुश बैले (bush ballads) ने संगीत के और साहित्य के विशिष्ट रूप से ऑस्ट्रेलियाई लोकप्रिय माध्यम का प्रमाण प्रस्तुत किया, वहीं दूसरी ओर एक अधिक पारंपरिक सांचे में ढले ऑस्ट्रेलियाई कलाकारों – जैसे ओपेरा गायक डेम नेली मेल्बा और चित्रकारਤਸਵੀਰकार जॉन पीटर रसेल तथा रूपर्ट बनी – ने बीसवीं सदी के प्रवासी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के आदिरूप को चित्रितਤਸਵੀਰित किया, जो ‘स्टॉकयार्ड और रेलों’ के बारे में बहुत कम जानते थे, लेकिन जिनकी विदेश यात्राओं का पश्चिमी कला और संस्कृति पर प्रभाव पड़ा.<ref>{{Cite web |url=http://www.adb.online.anu.edu.au/biogs/A100464b.htm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110114141824/http://www.adb.online.anu.edu.au/biogs/A100464b.htm |archive-date=14 जनवरी 2011 |url-status=live }}</ref>
 
राष्ट्रवाद के महत्व को लेकर औपनिवेशिक समुदाय के कुछ वर्गों (विशेषतः छोटे उपनिवेशों में) व्याप्त आशंका के बावजूद अंतः औपनिवेशिक परिवहन व संचार, जिसमें सन 1877 में [[पर्थ]] को दक्षिण पूर्वी शहरों के साथ टेलीग्राफ द्वारा जोड़े जाने सहित,<ref>डी.एम. गिब (1982) पृष्ठ.79</ref> अंतः औपनिवेशिक शत्रुताओं को कम करने में सहायक सिद्ध हुआ। सन 1895 तक आते-आते, विभिन्न औपनिवेशिक राजनेताओं, ऑस्ट्रेलियन नेटिव्ज़ एसोसियेशन और कुछ समाचार-पत्रों सहित शक्तिशाली रूचि-समूह एक संघ के निर्माण की वकालत करने लगे थे। सामूहिक राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व की पहचान के अलावा लगातार बढ़ते [[राष्ट्रवाद]], श्वेत औपनिवेशिक ऑस्ट्रेलियाई लोगों के बीच राष्ट्रीय पहचान की बढ़ती हुई भावना, तथा साथ ही एक राष्ट्रीय आव्रजन नीति (जो कि श्वेत ऑस्ट्रेलिया नीति बनने वाली थी) की इच्छा ने भी संघीय आंदोलन को प्रोत्साहित किया। हालांकि शायद अधिकांश उपनिवेशवादियों की साम्राज्यवाद के प्रति पूर्ण निष्ठा थी। सन 1890 में एक संघीय सम्मेलन भोज के दौरान, न्यू साउथ वेल्स से राजनेता हेनरी पार्क्स ने कहा कि
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== कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया की स्थापना ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Opening of the first parliament.jpg|thumb|right|300px|1901 में ऑस्ट्रेलिया की पहली संसद के उद्घाटन]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:EBarton2.jpg|thumb|thumb|अल्फ्रेड डीकिन, दूसरा प्रधानमंत्री के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रथम प्रधानमंत्री एडमंड बार्टन (बाएं).]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:8hourday.jpg|thumb|4 अक्टूबर 1909 में आठ घण्टे के काम के समर्थन में जुलूस.]]
 
1 जनवरी 1901 को गवर्नर जनरल लॉर्ड होपटॉन द्वरा संघीय संविधान की घोषणा किये जाने पर कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में आया। मार्च 1901 में पहले संघीय चुनाव आयोजित किये गए और इन चुनावों में प्रोटेक्शनिस्ट पार्टी ने फ्री ट्रेड पार्टी को बहुत कम अंतर से पराजित किया, जबकि ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी (एएलपी) तीसरे स्थान पर रही। लेबर पार्टी ने घोषणा की कि वह रियायतें देने वाली पार्टी का समर्थन करेगी और एडमण्ड बार्टन की प्रोटेक्शनिस्ट पार्टी ने सरकार बनाई, तथा एल्फ्रेड डीकिन एटर्नी जनरल के पद पर आसीन हुए.<ref name="autogenerated2">{{Cite web |url=http://adbonline.anu.edu.au/biogs/A080275b.htm?hilite=alfred%3Bdeakin |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110423044609/http://adbonline.anu.edu.au/biogs/A080275b.htm?hilite=alfred%3Bdeakin |archive-date=23 अप्रैल 2011 |url-status=live }}</ref>
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== अंतिम शिलिंग तक: प्रथम विश्व-युद्ध ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Australian 9th and 10th battalions Egypt December 1914 AWM C02588.jpeg|thumb|left|रेजिमेंट शुभंकर, के रूप में एक कंगारू के साथ मिस्र में ऑस्ट्रेलियाई सैनिक, 1914.]]
 
अगस्त 1914 में यूरोप में युद्ध की शुरुआत होने पर “ब्रिटेन के सभी उपनिवेशों और राज्यों” को स्वतः ही इसमें शामिल होना पड़ा.<ref name="Frank Crowley 1973 p.214">फ्रैंक क्रोली (1973) पृष्ठ.214</ref> प्रधानमंत्री एन्ड्र्यू फिशर ने जुलाई के अंतिम दिनों में चुनावी अभियान के दौरान जो कहा, उसके द्वारा संभवतः वे अधिकांश ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के विचारों को ही व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा था
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सैन्य कार्यवाही के नियोजन के प्रति मोनाश का नज़रिया अति-सतर्कतापूर्ण और उस समय के सैन्य विचारकों की दृष्टि में असामान्य था। हैमेल की अपेक्षाकृत छोटी लड़ाई में उनकी पहली कार्यवाही ने उनके नज़रिये की वैधता का प्रदर्शन कर दिया और बाद में सन 1918 की हिंडेनबर्ग लाइन से पूर्व की गई कार्यवाहियों से इसकी पुष्टि भी हो गई।
 
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Hughes Welcomehome Parispeaceconference.jpg|thumb|200px|पेरिस शांति सम्मेलन, 1919 से लौटने पर प्रधानमंत्री बिली ह्युजेस, 'लिटिल डिगर' को जॉर्ज स्ट्रीट, सिडनी से ले जाते ऑस्ट्रेलियाई सैनिक.]]
 
इस संघर्ष के दौरान 60,000 से अधिक ऑस्ट्रेलियाई मारे गए और 160,000 घायल हो गए, जो कि सुमद्रपार जाकर लड़े 330,000 लोगों में से एक बड़ा भाग था।<ref name="awm.gov.au" /> युद्ध में मारे गए लोगों को याद करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का वार्षिक अवकाश प्रतिवर्ष एन्ज़ैक डे (ANZAC Day) पर 25 अप्रैल जो कि सन 1915 में गैलीपोली पर पहले अवतरण की तिथि है, को मनाया जाता है। इस दिन का चयन अक्सर गैर-ऑस्ट्रेलियाई लोगों को चकित करता है; आखिरकार यह गठबंधना द्वारा किया गया एक आक्रमण था, जिसका अंत सैन्य पराजय के रूप में हुआ था। बिल गैमेज का सुझाव है कि 25 अप्रैल के चयन का ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए बहुत महत्व है क्योंकि गैलीपोली में, “आधुनिक युद्ध की महान मशीनों की संख्या इतनी पर्याप्त नहीं थी कि सामान्य नागरिक अपने पराक्रम का परिचय दे सकें.” फ्रांस में, सन 1916 और 1918 के बीच, “जब लगभग सात गुना (ऑस्ट्रेलियाई) मारे गए,...बंदूकों ने नृशंसतापूर्वक यह दिखा दिया कि व्यक्तियों की जान कितनी तुच्छ है। ”<ref>बिल गैमेज "द क्रूसिबल: "द इस्टैबलिशमेंट ऑफ़ द एन्ज़क ट्रेडिशन 1899-1918"एम.मैककेर्नन और एम. ब्राउन (एड्स)(1988) पृष्ठ.166</ref>
ਲਾਈਨ 353:
== युद्ध के बीच के वर्ष ==
=== पुरुष, धन व बाज़ार: 1920 का दशक ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:WMcWilliams.JPG|upright|150px|thumb|विलियम मैकविलियम्स, कंट्री पार्टी (राष्ट्रीय) के संस्थापक और 1920-1921 नेता.]]
 
युद्ध के बाद, प्रधानमंत्री [[बिली ह्यूस|विलियम मॉरिस ह्युजेस]] ने एक नये उदारवादी दल, नैशनलिस्ट पार्टी, जिसका निर्माण पुरानी लिबरल पार्टी और अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण को लेकर हुए गंभीर और कटु विभाजन के बाद लेबर पार्टी (जिसमें वे सबसे बड़े नेता थे) के टूटे हुए समूह को मिलाकर हुआ था, का नेतृत्व किया। एक अनुमान के मुताबिक सन 1919 की स्पैनिश फ्लू महामारी, जो कि लगभग निश्चित रूप से घर वापस लौट रहे सैनिकों द्वारा लाई गई थी, के परिणामस्वरूप लगभग 12,000 ऑस्ट्रेलियाई मारे गए।<ref>जैन बैसेट (1986) पृष्ठ.236</ref>
ਲਾਈਨ 367:
इस पूरे दशक के दौरान अनुभवहीन फिल्म उद्योग में गिरावट देखी गई और प्रति सप्ताह 2 मिलियन से अधिक ऑस्ट्रेलियाई 1250 स्थानों पर सिनेमा देखा करते थे। सन 1927 में, एक रॉयल कमीशन सहयोग कर पाने में विफल रहा और एक ऐसा उद्योग, जिसने विश्व की पहली फीचर फिल्म, द स्टोरी ऑफ द केली गैंग (The Story of the Kelly Gang) (1906) के साथ धमाकेदार शुरुआत की थी, सन 1970 के दशक में इसका पुनरुत्थान किये जाने तक कमज़ोर हो गया।<ref>लॉयड रॉबसन (1980) पृष्ठ.48</ref><ref>एरिक रेडी (1979) ''हिस्ट्री एंड हार्टबर्न; द सागा ऑफ़ ऑस्ट्रेलियन फिल्म 1896-1978'' . हार्पर और रो, सिडनी. ISBN 0-06-312033-X</ref>
 
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Rev John Flynn 1929.jpg|thumb|left|150px|upright|रेव्ड जॉन फ्लिन, रॉयल फ्लाइंग चिकित्सक सेवा के संस्थापक.]]
 
सन 1923 में, नैशनल पार्टी की सरकार के सदस्यों द्वारा डब्ल्यू.एम. ह्यूजेस को हटाने के पक्ष में मतदान किये जाने पर [[स्टान्ली ब्रूस|स्टैनली ब्रुस]] प्रधानमंत्री बने. सन 1925 के प्रारम्भ में अपने संबोधन में ब्रुस ने अनेक ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की प्राथमिकताओं और आशावाद को यह कहते हुए संक्षेप में प्रकट किया कि "पुरुष, धन व बाज़ार ऑस्ट्रेलिया की अनिवार्य आवश्यकताओं को सटीक ढ़ंग से परिभाषित करते हैं" और वे ब्रिटेन से यहि पाने की इच्छा रखते थे।<ref>''द अर्गस'', 9 अप्रैल 1925, लॉयड रॉबसन में उद्धृत (1980) पृष्ठ.76</ref> सन 1920 के दशक में डेवलपमेंट एन्ड माइग्रेशन कमीशन द्वारा संचालित आप्रवास अभियान के द्वारा लगभग 300,000 से अधिक ब्रिटिशवासी ऑस्ट्रेलिया आए,<ref>स्टुअर्ट मेकिंटायर (1986) पृष्ठ.200-201</ref> हालांकि आप्रवासियों और वापस लौटे सैनिकों को “भूमि पर (on the land)” बसाने की योजना सामान्यतः सफल नहीं हो सकी। "[[पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया|वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया]] और [[क्वीन्सलैण्ड|क्वीन्सलैंड]] की डॉसन वैली में नये सिंचाई-क्षेत्र विनाशक साबित हुए"<ref>आर विलिस में जोसी कासल "द 1920", एट अल (एड्स)(1982), पृष्ठ.285</ref>
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=== उपनिवेश का दर्जा ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:ImperialConference.jpg|thumb|left|200px|अपने प्रधानमंत्री के साथ किंग जॉर्ज V (सामने, बीच में). (दाएं से बाएं) स्थायी: मोनरो (न्यूफाउंडलैंड), कोट्स (न्यूजीलैंड), ब्रूस (ऑस्ट्रेलिया), हर्टजोग (दक्षिण अफ्रीका के संघ), कोसग्रेव (आयरिश मुक्त राज्य).बैठा: बाल्डविन (यूनाइटेड किंगडम), किंग जॉर्ज पंचम, किंग (कनाडा).]]
 
प्रथम विश्व युद्ध के बाद, वेस्टमिन्स्टर अधिनियम (Statute of Westminster) के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया को स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र का दर्जा प्राप्त हुआ। इसने सन 1926 की बेल्फोर घोषणा की स्थापना की, जो कि सन 1926 में ब्रिटिश साम्राज्य के नेताओं के [[लंदन]] में आयोजित सम्मेलन के परिणामस्वरूप प्राप्त एक रिपोर्ट थी, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेशों को इस प्रकार परिभाषित किया
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=== महान मंदी: 1930 का दशक ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Unemployed marching to see Mitchell, 1931.jpg|thumb|left|1931 में, प्रीमियर सर जेम्स मिशेल को देखने के लिए 1000 से अधिक बेरोजगार पुरुष पर्थ, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ट्रेजरी बिल्डिंग से एस्प्लेनेड तक मार्च किये.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Sydney Harbour Bridge opening.jpg|thumb|float|रिबन समारोह 20 मार्च 1932 को सिडनी हार्बर ब्रिज खोलने के लिए.प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके प्रीमियर जैक लैंग, जिन्हें शीघ्र ही निलंबित किया जाने वाला था, फीता काट रहे हैं, जबकि गवर्नर फिलीप गेम देखते रह गए।]]
 
सन 1930 के दशक की [[महान मंदी]] का ऑस्ट्रेलिया पर गहरा प्रभाव पड़ा, विशेष रूप से निर्यात, विशिष्टतः [[ऊन]] और [[गेहूँ|गेहूं]] जैसे प्राथमिक उत्पादों, पर इसकी अत्यधिक निर्भरता के कारण,<ref name="Giblin">{{cite web |url=http://socserv.mcmaster.ca/~econ/ugcm/3ll3/giblin/australi.htm |title=Australia, 1930: An inaugural lecture |author=L.F. Giblin |date=28 अप्रैल 1930 |accessdate=21 अक्टूबर 2008 |archive-url=https://www.webcitation.org/66QNE5HKB?url=http://socserv.mcmaster.ca/~econ/ugcm/3ll3/giblin/australi.htm |archive-date=25 मार्च 2012 |url-status=dead }}</ref> सन 1920 के दशक में बहुत अधिक मात्रा में लगातार कर्ज़ लेने के कारण ऑस्ट्रेलियाई व राज्य सरकारें “सन 1927, जब अधिकांश आर्थिक सूचक एक बुरे दौर की ओर संकेत कर रहे थे, से ही बहुत अधिक असुरक्षित स्थिति में थीं। निर्यात पर ऑस्ट्रेलिया की निर्भरता ने इसे विश्व बाज़ार में होने वाले उतार-चढ़ावों के प्रति असामान्य रूप से असुरक्षित बना दिया," जैसा कि आर्थिक इतिहासकार ज्यॉफ स्पेंसली का मत है।<ref>ज्योफ स्पेंसली (1981) ''डिप्रेशन के दशक'' पृष्ठ.14, थॉमस नेल्सन, ऑस्ट्रेलिया। ISBN 0 170060489</ref> दिसंबर 1927 तक ऑस्ट्रेलिया द्वारा लिए गए कुल ॠण का लगभग आधा केवल [[न्यू साउथ वेल्स]] राज्य द्वारा लिया गय था। इस स्थिति को देखकर कुछ राजनेता और अर्थशास्री चिंतित हो गए, जिनमें यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के एडवर्ड शॉन का नाम उल्लेखनीय है, लेकिन अधिकांश राजनैतिक, यूनियन व व्यापारिक नेता गंभीर समस्याओं को स्वीकार करने से हिचकते रहे। <ref>ज्योफ स्पेंसली (1981) पृष्ठ.15-17</ref> सन 1926 में, ''ऑस्ट्रेलियन फाइनेंस (Australian Finance)'' मैगज़ीन ने वर्णन किया कि ॠण एक “परेशान कर देने वाली आवृत्ति (disconcerting frequency)” पर उत्पन्न हो रहे थे, जो कि ब्रिटिश साम्राज्य में अद्वितीय थी: "यह ॠण किसी पूर्ण हो चुके ॠण को चुकाने के लिए लिया गया ॠण या मौजूदा ॠणों पर ब्याज चुकाने के लिए लिया गया ॠण, अथवा बैंकरों से लिए गए किसी अस्थायी ॠण को लौटाने के लिए लिया गया ॠण हो सकता है। ..<ref>''ऑस्ट्रेलियाई वित्त'', लंदन, 1926, ज्योफ स्पेंसली में उद्धृत (1981) पृष्ठ.14</ref> इस प्रकार, सन 1929 की वॉल स्ट्रीट क्रैश (Wall Street Crash) से बहुत पहले से ही, ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था गंभीर समस्याओं का सामना करती आ रही थी। जब सन 1927 में अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ गई, तो उत्पादन में भी कमी आई और मुनाफा घटने तथा बेरोज़गारी बढ़ने के कारण देश मंदी की चपेट में आ गया।<ref>हेनरी पुक (1993)''विंडोज ऑन आवर पास्ट; कंसट्रक्टिंग ऑस्ट्रेलियन हिस्ट्री'' . पृष्ठ 195 ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, मेलबर्न. ISBN 0 195535448</ref>
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== द्वितीय विश्व युद्ध ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Menzies Churchill WW21941.jpg|thumb|200px|left|upright|1941 में प्रधानमंत्री रॉबर्ट मेंज़िस और ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:HMAS Sydney (AWM 301473).jpg|thumb|नवंबर 1941, हिंद महासागर में प्रकाश क्रूजर एचएमएएस (HMAS) सिडनी एक लड़ाई में हार गए।]]
 
=== सन 1930 के दशक में रक्षा नीति ===
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[[चित्रਤਸਵੀਰ:9 Div Tobruk(AWM 020779).jpg|thumb|200px|left|उत्तरी अफ्रीका में तोब्रुक पर 2/13th इन्फैंट्री बटालियन से एक गश्ती, (एडब्ल्यूएम (AWM) 020779)]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Aust soldiers Wewak June 1945.jpg|thumb|200px|जून 1945 में पापुआ न्यू गिनी, वेवाक के पास कार्रवाई में एक ऑस्ट्रेलियाई प्रकाश मशीन बंदूक टीम]]
 
इस प्रकार 6 वर्षों के वैश्विक संघर्ष में ऑस्ट्रेलिया की सहभागिता की शुरुआत हुई। ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों को स्थानों की एक असामान्य विविधता में लड़ना था, जिसमें तोब्रुक (Tobruk) में जर्मन टैंकों का सामना करने से लेकर यूरोप के ऊपर बमवर्षक मिशन और जापानी ज़ीरोस (Zeros) के खिलाफ राबौल पर हवाई हमले से लेकर, बॉर्नियो के जंगलों में युद्ध शामिल थे।<ref>जॉन रॉबर्टसन (1984) पृष्ठ.9-11</ref>
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[[चित्रਤਸਵੀਰ:POWs Burma Thai RR.jpg|thumb|left|200px|1943 में थाईलैंड में तरसौ पर नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलियाई पीओडब्ल्यू (POWs). जापानी द्वारा 22,000 ऑस्ट्रेलियाई कब्जा कर लिया गया, जिसमें से 8000 निधन हो गए।]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Curtinmacarthur.jpg|right|thumb|200px|ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जॉन ऑस्ट्रेलिया के साथ अमेरिकी जनरल डगलस मैकआर्थर, प्रशांत में मित्र देशों की सेनाओं के कमांडर.]]
 
शीघ्र ही ब्रिटिश मलाया भी ढह गया, जिससे ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्र स्तब्ध रह गया। सिंगापुर में लड़ रही ब्रिटिश, भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई टुकड़ियों के बीच तालमेल का अभाव था और 15 फ़रवरी 1942 को उन्होंने आत्म-समर्पण कर दिया। 15,000 ऑस्ट्रेलियाई सैनिक युद्धबंदी बना लिए गए। कर्टिन ने पूर्वानुमान लगाया कि अब ‘ऑस्ट्रेलिया के लिए युद्ध’ किया जाएगा. 19 फ़रवरी को, डार्विन पर विनाशक हवाई हमला हुआ, यह पहला अवसर था, जब शत्रु सेनाओं द्वारा ऑस्ट्रेलियाई मुख्यभूमि पर आक्रमण किया गया था। अगले 19 माग में, लगभग 100 बार ऑस्ट्रेलिया पर हवाई हमले किये गए।
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=== घरेलू-मोर्चा ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:He's coming South.jpg|thumb|left|1942 ऑस्ट्रेलियाई प्रचार पोस्टर.ऑस्ट्रेलिया सिंगापुर के पतन के बाद इम्पीरियल जापान के आक्रमण की आशंका.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Victory job (AWM ARTV00332).jpg|thumb|ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया कि वे सैन्य सेवा की महिला शाखाओं में से एक में शामिल होकर अथवा श्रम-बल में सहभागी होकर युद्ध में अपना योगदान दें]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Darwin 42.jpg|thumb|डार्विन का हमला, 19 फ़रवरी 1942.]]
 
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई। <ref>रे विलिस एट अल में जॉन क्लोज़ "ऑस्ट्रेलियन इन वॉरटाइम" में बौल्टोन उद्धृत है (1982) पृष्ठ 209</ref> सन 1943-4 तक युद्ध पर हो रहा खर्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (GDP) के 37% तक पहुँच गया, जबकि सन 1939-40 में यह खर्च 4% था।<ref>जॉन रॉबर्टसन (1984).पृष्ठ.198.</ref> सन 1939 से 1945 के बीच युद्ध पर कुल £2,949 मिलियन का खर्च आया।<ref>गेविन लांग (1973) ''द सिक्स इयर वॉर'' पृष्ठ.474. ऑस्ट्रेलियाई युद्ध स्मारक, कैनबरा. ISBN 0 642 993750</ref>
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== युद्धोत्तर तेजी ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Portrait Menzies 1950s.jpg|150px|thumb|left|सर रॉबर्ट मेंज़िस, ऑस्ट्रेलिया के लिबरल पार्टी के संस्थापक और ऑस्ट्रेलिया 1939-41 (यूएपी (UAP)) के प्रधानमंत्री और 1949-66]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:QueenElizabeth InspectingSheep WaggaWagga 1954.jpg|thumb|महारानी एलिजाबेथ द्वितीय वग्गा वग्गा पर अपने 1954 रॉयल यात्रा पर भेड़ निरीक्षण किया। ऑस्ट्रेलिया के पार रॉयल पार्टी से भारी भीड़ ने मुलाकात की.]]
 
=== मेन्ज़ीस और लिबरल प्रभुत्व 1949-72 ===
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=== युद्धोपरांत आप्रवासन ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Dutch Migrant 1954 MariaScholte=50000thToAustraliaPostWW2.jpg|thumb|युद्ध के बाद 1954 में प्रवासी ऑस्ट्रेलिया में पहुँचे।]]
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, [[बेन चिफ्ली|चीफली]] की लेबर सरकार ने एक यूरोपीय आप्रवासन के एक व्यापक कार्यक्रम की शुरुआत की। सन 1945 में, आप्रवासी मामलों के मंत्री (Minister for Immigration), आर्थर कॉलवेल ने लिखा “यदि प्रशांत युद्ध के अनुभव ने हमें कोई एक बात सिखाई है, तो निश्चित ही वह बात ये है कि साठ लाख ऑस्ट्रेलियाई तीस लाख वर्ग मील की इस भूमि की अनंत काल तक रक्षा नहीं कर सकते.”<ref>हॉउस ऑफ़ रिप्रेसेंटेटिव हैनसर्ड, 2 अगस्त 1945, पीपी.4911-4915. आर्थर कौलवेल - आप्रवासन पर श्वेत पत्र. [http://john.curtin.edu.au/1940s/populate/index.html ] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20110306041307/http://john.curtin.edu.au/1940s/populate/index.html |date=6 मार्च 2011 }}</ref> सभी राजनैतिक दलों का यह साझा निष्कर्ष था कि देश “या तो जनसंख्या वृद्धि करे या लुप्त होने को तैयार रहे (populate or perish).” कॉलवेल ने अन्य देशों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर दस ब्रिटिश आप्रवासियों को प्राथमिकता देने की बात कही, हालांकि सरकार की सहायता के बावजूद ब्रिटिश आप्रवासियों की संख्या अपेक्षा से कम पड़ा गई।<ref>मीकल दुगन और जोसेफ स्वार्क (1984) ''देयर गोज़ द नेबरहूड!'' ''ऑस्ट्रेलिया माइग्रेंट एक्सपीरियंस'' पृष्ठ.138 मैकमिलन, दक्षिण मेलबर्न. ISBN 0-333-357112-4</ref> प्रस्तुतिकर्ता बैरी (Barry), मॉरिस (Maurice), रॉबिन (Robin) और एन्डी गिब (Andy Gibb), जिनका परिवार सन 1958 में ब्रिस्बेन आकर बस गया, “10 पाउंड पॉम्स (10 pound poms)” का एक विशिष्ट परिवार थे, जिन्होंने बाद में बी गीज़ (Bee Gees) पॉप ग्रुप के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। <ref>रोजर मैकडॉनल्ड्स (1999) ''बैरी हम्फ्रिज़ फ्लैशबैक'' पृष्ठ 5 हार्पर कॉलिन्स ऑस्ट्रेलिया। ISBN 0-7322-5825-1</ref>
 
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=== आर्थिक विकास और उपनगरीय जीवन ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Tumut3GeneratingStation.jpg|thumb|टुमुट 3 पावर स्टेशन विशाल स्नोवी हिमाच्छन्न पर्वत जलविद्युत योजना (1949-1974) के भाग के रूप में निर्माण किया गया था। निर्माण ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन कार्यक्रम का विस्तार जरूरी हो गया।]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:WelcomeToTelevision.jpg|thumb|सिडनी के निवासियों के लिए सन 1956 की अपनी प्रथम नियमित टेलीविजन प्रसारण सेवा की प्रस्तुति का टीसीएन-9 (TCN-9) पर पुनराभिनय करते ब्रुस जिंजेल]]
 
सन 1950 के दशक और सन 1960 के दशक में ऑस्ट्रेलिया ने समृद्धि में लक्षणीय उन्नति का आनंद प्राप्त किया। विनिर्माण उद्योग, जो पहले प्राथमिक उत्पादन के प्रभुत्व वाली अर्थव्यवस्था में एक छोटी-सी भूमिका निभा रहा था, का व्यापक विस्तार हुआ। नवम्बर 1948 में जनरल मोटर्स-होल्डन’स फिशरमैन (General Motors-Holden’s Fisherman) के बेंड कारखाने (Bend factory) से पहली होल्डन मोटर कार बनकर निकली. कार के स्वामित्व में तीव्रता से वृद्धि हुई – सन 1949 में प्रति 1,000 में 130 मालिकों से बढ़कर सन 1961 तक प्रति 1,000 में 271 मालिकों तक.<ref>लिन केर और केन वेब (1989) ''ऑस्ट्रेलिया एंड द वर्ल्ड इन द ट्वेंटीएथ सेंचरी'' . पृष्ठ 123-4 मैकग्रॉ हिल ऑस्ट्रेलिया। ISBN 0-07-452615-4</ref> सन 1960 के दशक के प्रारम्भ तक आते-आते, होल्डन के चार प्रतिस्पर्धी ऑस्ट्रेलिया में अपने कारखाने स्थापित कर चुके थे, जिनमें 80,000 से 100,000 कर्मचारियों को रोज़गार मिला था, “जिनमें से कम से कम 4/5 आप्रवासी थे। ”<ref>जेफ्री बौल्टोन (1990) ''द ऑक्सफोर्ड हिस्ट्री ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया, वॉल्यूम 1942-1988'' पृष्ठ.99 ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, मेलबर्न. ISBN 0-19-554613-X</ref>
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ऊन व गेहूं के दाम उंचाई पर बने रहे और ऊन ऑस्ट्रेलिया के निर्यात का मुख्य आधार बना रहा। भेड़ों की संख्या सन 1950 के 113 मिलियन के मुकाबले सन 1965 में बढ़कर 171 मिलियन हो गई। इसी अवधि में ऊन के उत्पादन 518,000 से बढ़कर 819,000 टन हो गया।<ref>जेफ्री बौल्टोन (1990) पृष्ठ.92</ref> गेहूं, ऊन और खनिजों ने सन 1950 से 1966 के बीच व्यापार में एक स्वस्थ संतुलन को सुनिश्चित किया।<ref>जेफ्री बौल्टोन (1990) पृष्ठ.97</ref>
 
युद्धोत्तर काल में गृहनिर्माण उद्योग में आए अत्यधिक उछाल ने प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई शहरों के उपनगरों में बहुत अधिक वृद्धि दर्ज की। सन 1966 की जनगणना तक, केवल 14% लोग ग्रामीण ऑस्ट्रेलिया में रहा करते थे, जबकि सन 1933 में यह संख्या 31% थी और केवल 8% लोग खेतों में रहते थे।<ref>जेफ्री बौल्टोन (1990) पृष्ठ.122</ref> वास्तविक पूर्ण रोज़गार का अर्थ था, उच्च जीवन-स्तर और गृह स्वामित्व में नाटकीय वृद्धि. हालांकि, सभी लोग ऐसा नहीं मानते कि तीव्र उपनगरीय वृद्धि वांछित थी। विख्यात वास्तुविद और रचनाकार रॉबिन बॉयड, निर्मित ऑस्ट्रेलियाई परिवेश के एक आलोचक, ने ऑस्ट्रेलिया का वर्णन “’प्रशांत में स्थित स्थिर स्पंज’, जो कि विदेशी चलन की नकल कर रहा था और जिसमें स्व-निर्मित, मौलिक विचारों के आत्मविश्वास का अभाव था। ”<ref>जेफ्री बौल्टोन (1990) पृष्ठ.123</ref> सन 1956 में, डैडाइस्ट (dadaist) हास्य-कलाकार बैरी हम्फ्रीज़ ने सन 1950 के दशक के मेलबर्न उपनगरों की एक गृह-गर्वित गृहिणी की पैरोडी के रूप में एडना ईवरेज का किरदार निभाया (हालांकि बाद में यह पात्र स्व-आसक्त सेलिब्रिटी संस्कृति की एक आलोचना में बदल गया). यह विचित्रविਤਸਵੀਰ ऑस्ट्रेलियाई पात्रों को आधार बनाकर रची गई उनकी अनेक व्यंग्यपूर्ण मंचीय और स्क्रीन रचनाओं में से पहली थी: सैंडी स्टोन, उपनगर-निवासी एक चिड़चिड़ी बुढ़िया, बैरी मैक्केन्ज़ी, लंदन में एक निष्कपट ऑस्ट्रेलियाई भगोड़ा (expat) और सर लेस पैटरसन, व्हिटलैम युग के राजनेता की एक अभद्र नकल.<ref>{{Cite web |url=http://www.cultureandrecreation.gov.au/articles/barryhumphries/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110410090505/http://www.cultureandrecreation.gov.au/articles/barryhumphries/ |archive-date=10 अप्रैल 2011 |url-status=dead }}</ref>
 
हालांकि कुछ लेखकों ने उपनगरीय जीवन का बचाव किया। पत्रकार क्रेग मैक्ग्रेगोर ने उपनगरीय जीवन को “…आप्रवासियों की आवश्यकताओं के हल…” के रूप में देखा. हफ स्ट्रेटन का तर्क है कि “वस्तुतः उपनगरों में बड़ी मात्रा में उदास जीवन बिताये जाते हैं … लेकिन उनमें से अधिकांश संभवतः अन्य स्थानों पर भी इतने ही बुरे रहे होते.”<ref>जेफ्री बौल्टोन (1990) में उद्धृत पृष्ठ.124</ref> इतिहासकार पीटर कफली ने मेलबर्न के बाहरी क्षेत्र में उभरते एक नये उपनगर में जीवन को किसी बच्चे के लिए एक प्रकार की आनंदमय उत्तेजना के रूप में याद किया है। “हमारी कल्पनाओं ने हमें जीवन को बहुत अधिक नीरस मानने से बचाया, जैसा कि विभिन्न प्रकार की (पड़ोसी) झाड़ियों में दूर-दूर तक घूम पाने में सक्षम होने की उन्मुक्त स्वतंत्रता ने भी किया …घरों के पीछे, सड़कों और गलियों में, खेल के मैदानों और आरक्षित स्थलों पर उपनगरों के बच्चों के लिए बहुत जगह रहा करती थी…”<ref>पीटर कफली (1993) ''ऑस्ट्रेलियन हॉउसेस ऑफ़ द फोर्टिज़ एंड फिफ्टिज़'' . पृष्ठ 26. द फाइव माइल प्रेस, विक्टोरिया. ISBN 0-86788-578-5</ref>
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=== गठबंधन 1950-1972 ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:John F. Kennedy and Harold Holt.jpg|thumb|right|1963 में ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री हेरोल्ड होल्ट और अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी.1960 दशक तक, ब्रिटेन से महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा नीति स्थानांतरित हो गए।]]
 
सन 1950 के दशक के प्रारम्भ में, मेन्ज़ीस सरकार ने ऑस्ट्रेलिया को संयुक्त राज्य अमरीका और पारंपरिक साथी ब्रिटेन, दोनों के साथ एक “तिहरे गठबंधन” में पाया।<ref>ग्लेन बार्कले और जोसेफ सिराकुसा (1976) ''ऑस्ट्रेलियन अमेरिकन रिलेशन सिंस 1945'' . पृष्ठ.35-49. होल्ट, राइनहार्ट और विंस्टन, सिडनी. ISBN 003 9001229</ref> पहले पहल “ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व ने कूटनीति में लगातार ब्रिटिश-समर्थक नीति का पलन किया,” जबकि उसी समय वह दक्षिण पूर्वी एशिया में संयुक्त राज्य अमरीका को शामिल करने के अवसरों की खोज भी करता रहा। <ref>ग्लेन बार्कले और जोसेफ सिराकुसा (1976) पृष्ठ.35</ref> इस प्रकार सरकार ने [[कोरियाई युद्ध]] और मलय आपातकाल के लिए सेनाएं भेजने पर प्रतिबद्धता जाहिर की और सन 1952 के बाद ब्रिटिश परमाणु परीक्षणों की मेज़बानी की। <ref>एड्रियन टेम और एफ.पी.जे रोबोथम (1982) ''मरलिंगा; ब्रिटिश ए-बॉम्ब, ऑस्ट्रेलियन लेगसी'' . पृष्ठ 179 फोंटाना बुक्स, मेलबर्न. ISBN 0 00636 3911</ref> साथ ही, ऑस्ट्रेलिया स्वेज़ संकट के दौरान ब्रिटेन को समर्थन की पेशकश करने वाला एकमात्र कॉमनवेल्थ देश था।<ref>ई.म एंड्रयूज़ (1979) ''अ हिस्ट्री ऑफ़ ऑस्ट्रेलियन फॉरेन पॉलिसी'' . पृष्ठ .144 लौंगमैन चेशायर, मेलबर्न. ISBN 0-582-68253-3</ref>
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== वियतनाम युद्ध ==
[[चित्रਤਸਵੀਰ:RAAF TFV (HD-SN-99-02052).jpg|thumb|left|अगस्त 1964 में दक्षिण वियतनाम में आरएएएफ (RAAF) परिवहन उड़ान वियतनाम के विमान और कार्मिक]]
 
सन 1965 तक आते-आते, ऑस्ट्रेलिया ने ऑस्ट्रेलियन आर्मी ट्रेनिंग टीम वियतनाम (Australian Army Training Team Vietnam) (एएटीटीवी) (AATTV) का आकार बढ़ा दिया था और अप्रैल में, सरकार ने अचानक यह घोषणा की कि “संयुक्त राज्य अमरीका के साथ गहन परामर्श के बाद”, टुकड़ियों की एक बटालियन दक्षिणी वियतनाम भेजी जानी थी।<ref>ई.म एंड्रयूज़ (1979) पृष्ठ.160</ref> संसद में, मेन्ज़ीस ने इस तर्क पर बल दिया कि “हमारा गठबंधन हमसे इस बात की मांग की है। ” संभवतः इसमें शामिल गठबंधन सीटो (SEATO) था, ऑस्ट्रेलिया सैन्य सहायता इसलिए दे रहा था क्योंकि दक्षिणी वियतनाम, जो कि सीटो (SEATO) का एक हस्ताक्षरकर्ता था, ने संभवतः इसका निवेदन किया था।<ref>ग्लेन बार्कले और जोसेफ सिराकुसा (1976) पृष्ठ.74</ref> सन 1971 में जारी किये गए दस्तावेजों ने यह सूचित किया कि सेना भेजने का निर्णय ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा लिया गया था और ऐसा दक्षिणी वियतनाम के किसी निवेदन के आधार पर नहीं किया गया था।<ref>ईएम एंड्रयूज में चर्चा देखें (1979) पृष्ठ.172-3</ref> सन 1968 तक आते-आते, पहले ऑस्ट्रेलियाई कार्य-बल (1st Australian Task Force) (1एटीएफ) (1ATF) के नुइ डात (Nui Dat) स्थित अड्डे पर किसी भी समय ऑस्ट्रेलियाई सेना की तीन बटालियनें रहा करतीं थीं, जबकि पूरे वियतनाम में नियुक्त एएटीटीवी (AATTV) सलाहकारों की संख्या इसके अतिरिक्त थी और, सैनिकों की कुल संख्या लगभग 8,000 तक बढ़कर अपने चरम पर पहुँच गई, जो कि सेना की प्रतिरोधक क्षमता के लगभग एक तिहाई थी। सन 1962 और 1972 के बीच, लगभग 60,000 सैनिकों ने वियतनाम में अपनी सेवाएं दीं, जिनमें मैदानी टुकड़ियां, नौसैनिक बल और वायु-सामग्री शामिल हैं।<ref name="Elkins">एशले एल्किंस, ऑस्ट्रेलियाई युद्ध स्मारक: 1962, वियतनाम युद्ध में ऑस्ट्रेलियाई सेना की भागीदारी का अवलोकन - 1975. [http://www.awm.gov.au/exhibitions/impressions/impressions.asp ] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20110219014431/http://www.awm.gov.au/exhibitions/impressions/impressions.asp |date=19 फ़रवरी 2011 }}</ref> विरोधी लेबर पार्टी ने वियतनाम के प्रति सैन्य प्रतिबद्धता तथा प्रतिबद्धता के इस स्तर का समर्थन करने के लिए आवश्यक राष्ट्रीय सेवा का विरोध किया।
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== 1960 के दशक के बाद उभरता आधुनिक ऑस्ट्रेलिया ==
=== कला और “नव राष्ट्रवाद” ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:JohnGorton1954.JPG|thumb|left|upright|"ऑस्ट्रेलियन टू द बूटहील्स": ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा के लिए प्रधानमंत्री जॉन गौर्टन ने सरकारी सहायता की स्थापना की.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Sydney Opera House Night.jpg|thumb|1973 में सिडनी ओपेरा हॉउस सरकारी तौर पर खोला गया था।]]
 
सन 1960 के दशक के मध्य से, ऑस्ट्रेलिया में एक नया और अधिक तीक्ष्ण राष्ट्रवाद उभरने लगा। सन 1960 के दशक के प्रारम्भ में, नैशनल ट्रस्ट ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने ऑस्ट्रेलिया की प्राकृतिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की शुरुआत की। सदैव अमरीकी और ब्रिटिश आयातों पर निर्भर रहे ऑस्ट्रेलियाई टीवी पर स्थानीय स्तर पर निर्मित नाटकों और हास्य-धारावाहिकों का प्रसारण प्रारम्भ हुआ और होमिसाइड (Homicide) जैसे कार्यक्रमों ने स्थानीय स्तर पर मज़बूत वफादार दर्शक-वर्ग हासिल किया, जबकि स्किपी द बुश कंगारू (Skippy the Bush Kangaroo) एक वैश्विक वस्तु बन गया। लिबरल प्रधानमंत्री [[जाह्न गार्टन|जॉन गॉर्टन]], युद्ध से भयभीत एक पूर्व फाइटर पायलट, जिन्होंने स्वयं का वर्णन “जूते की नोक तक ऑस्ट्रेलियाई” के रूप में किया था, ने ऑस्ट्रेलियन काउंसिल फॉर आर्ट्स, ऑस्ट्रेलियन फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और नैशनल फिल्म एन्ड टेलीविजन ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की। <ref>{{Cite web |url=http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/gorton/in-office.aspx |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110315145129/http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/gorton/in-office.aspx |archive-date=15 मार्च 2011 |url-status=dead }}</ref>
ਲਾਈਨ 566:
 
=== सभी ऑस्ट्रेलियावासियों के लिए नागरिक अधिकार ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Douglas & Gladys Nicholls statue.JPG|thumb|right|300px|सर डगलस निकोल्स की प्रतिमा, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के पूर्व राज्यपाल.]]
 
==== मूलनिवासी नागरिक ====
ਲਾਈਨ 588:
 
=== "यही समय है": व्हिटलैम और फ्रेसर ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Vincent Lingiari.jpg|thumb|150px|upright|right|गुरिंदजी समुदाय को भूमि लौटाने के प्रतीकस्वरूप विन्सेंट लिंजियारी के हाथों में रेत डालते हुए गॉफ व्हिटलैम.(1975)]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:MalcolmFraserAndJimmyCarterAtPodium.gif|150px|upright|thumb|मैल्कम फ्रेजर और अमेरिका के राष्ट्रपति जिमी कार्टर (1977).]]
 
23 वर्षों तक विपक्ष में रहने के बाद दिसंबर 1972 में, लेबर पार्टी ने गॉफ व्हिटलैम के नेतृत्व में चुनावों में जीत हासिल की और सामाजिक परिवर्तन व सुधार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किया। चुनावों से पूर्व व्हिटलैम ने कहा था: “हमारे कार्य के तीन मुख्य लक्ष्य हैं। ये हैं – समानता को प्रोत्साहित करना; ऑस्ट्रेलियाई जनता को … निर्णय प्रक्रिया में … शामिल करना; तथा प्रतिभा को मुक्त करना और ऑस्ट्रेलियाई जनता के क्षितिजों को ऊपर उठाना.”<ref>गफ विटलम, बैंक्सटाउन स्पीच. 13 नवम्बर 1972. सैली वॉरहैफ्ट (सं.) में उद्धृत (2004) ''वेल में वी से... द स्पीचेस दैट मेड ऑस्ट्रेलिया'' . पृष्ठ 178 9 ब्लैक इंक, मेलबर्न. ISBN 1-86395-277-2</ref>
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=== आर्थिक सुधार: हॉक, कीटिंग और हॉवर्ड ===
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Parliament House Canberra Dusk Panorama.jpg|thumb|left|कैनबरा में नई संसद भवन 1988 में खोला गया था।]]
 
बॉब हॉक, व्हिटलैम की तुलना में एक कम ध्रुवीकर (polarising) लेबर नेता, ने सन 1983 के चुनावों में फ्रेसर को पराजित किया। इस नई सरकार ने हाइकोर्ट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के माध्यम से फ्रैंकलिन बांध परियोजना पर रोक लगा दी। कोषाध्यक्ष पॉल कीटिंग के साथ मिलकर हॉक ने सूक्ष्म-आर्थिक और औद्योगिक संबंधों के सुधार का कार्य अपने हाथों में लिया, जिसकी रचना दक्षता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए की गई थी। व्हिटलैम मॉडल की प्रारम्भिक विफलता और फ्रेसर के नेतृत्व में आंशिक विखण्डन के बाद हॉक ने स्वास्थ्य बीमा की एक नई सकल प्रणाली की पुनर्स्थापना की, जिसे मेडिकेयर (Medicare) नाम दिया गया। उद्योग व नौकरियों की रक्षा करने के लिए हॉक और कीटिंग ने दर-सूचियों (Tariffs) के लिए पारंपरिक लेबर समर्थन समाप्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के वित्तीय तंत्र को नियंत्रण मुक्त कर दिया और [[ऑस्ट्रेलियाई डॉलर]] का ‘मुद्रा संतुलन’ बनाया। <ref name="ReferenceC">{{Cite web |url=http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/hawke/in-office.aspx |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20111114204343/http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/hawke/in-office.aspx |archive-date=14 नवंबर 2011 |url-status=dead }}</ref>
ਲਾਈਨ 614:
सन 1992 में बेरोजगारी 11.4% पर पहुँच गई – जो कि [[महान मंदी]] के सर्वाधिक ऊंचाई पर थी। लिबरल-नैशनल विपक्ष ने सन 1993 के चुनावों में जाने के लिए आर्थिक सुधार की एक आशावादी योजना प्रस्तावित की थी, जिसमें वस्तुओं व सेवा पर एक नया कर प्रस्तुत किया जाना शामिल था। कीटिंग ने कोषपालों को बदल दिया और कर के सख्त खिलाफ प्रचार करके सन 1993 के चुनावों में जीत हासिल कर ली। अपने कार्यकाल के दौरान, कीटिंग ने, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति [[सुहार्तो]] के साथ निकटता से सहयोग करते हुए, एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपने संबंधों पर बल दिया और आर्थिक सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में एपेक (APEC) की भूमिका को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया। कीटिंग मूलनिवासियों के मामलों को लेकर भी सक्रिय थे और सन 1992 में हाइकोर्ट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक मैबो (Mabo) निर्णय के लिए, मूलनिवासियों को भूमि का अधिकार प्रदान किये जाने के लिए विधायिका की प्रतिक्रिया की आवश्यकता थी, जिसकी समाप्ति नेटिव टाइटल ऐक्ट 1993 (Native Title Act 1993) एवं लैंड फंड ऐक्ट 1994 (Land Fund Act 1994) के रूप में हुई। सन 1993 में, ऑस्ट्रेलिया के एक गणतंत्र बनने के विकल्पों का परीक्षण करने के लिए कीटिंग ने एक रिपब्लिक ऐडवाइज़री कमिटी (Republic Advisory Committee) की स्थापना की। विदेशी कर्ज, ब्याज और बेरोजगारी की उच्च दरों के साथ तथा मंत्रियों के त्यागपत्रों की एक श्रृंखला के बाद सन 1996 के चुनावों में कीटिंग लिबरल नेता [[जाह्न हावर्ड|जॉन हॉवर्ड]] से हार गए।<ref>{{Cite web |url=http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/keating/in-office.aspx |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20101202031451/http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/keating/in-office.aspx |archive-date=2 दिसंबर 2010 |url-status=dead }}</ref>
 
[[चित्रਤਸਵੀਰ:Fireworks, Sydney Harbour Bridge, 2000 Summer Olympics closing ceremony.jpg|thumb|right|2000 में सिडनी हार्बर ब्रिज पर ओलिंपिक रंग.]]
[[चित्रਤਸਵੀਰ:2000 Summer Olympics opening ceremony 4.JPEG|thumb|2000 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आदिवासी नर्तकों ने सिडनी में प्रदर्शन किया।]]
 
[[जाह्न हावर्ड|जॉन हॉवर्ड]] ने सन 1996 से लेकर सन 2007 तक [[प्रधान मन्त्री आस्ट्रेलिया|प्रधानमंत्री]] के रूप में कार्य किया, जो कि रॉबर्ट मेन्ज़ीस के बाद किसी भी प्रधानमंत्री का दूसरा सबसे लंबा कार्यकाल था। पोर्ट आर्थर पर हुई एक सामूहिक गोलीबारी के बाद शुरु की गई राष्ट्रीय बंदूक नियंत्रण योजना हॉवर्ड सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गए शुरुआती कार्यक्रमों में से एक थी। इस सरकार ने औद्योगिक संबंधों में सुधार भी प्रस्तुत किये, विशेषतः जलीय सीमा पर दक्षता के संदर्भ में. सन 1998 के चुनावों के बाद, हॉवर्ड और कोषाध्यक्ष पीटर कॉस्टेलो ने वस्तुओं और सेवाओं पर कर (Goods and Services Tax) (जीएसटी) (GST) का प्रस्ताव रखा, जिसे वे सन 2000 में मतदाताओं तक सफलतापूर्वक ले गए। सन 1999 में, ऑस्ट्रेलिया ने पूर्वी तिमोर में राजनैतिक हिंसा के बाद उस देश में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की स्थापना में सहायता करने के लिए पूर्वी तिमोर में संयुक्त राष्ट्र संघ की एक सेना का नेतृत्व किया।<ref name="autogenerated3">{{Cite web |url=http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/howard/in-office.aspx |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जनवरी 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110315150934/http://primeministers.naa.gov.au/primeministers/howard/in-office.aspx |archive-date=15 मार्च 2011 |url-status=dead }}</ref>