ਸੰਯੁਕਤ ਰਾਜ ਅਮਰੀਕਾ ਵਿੱਚ ਅਮਰੀਕੀ ਮੂਲ - ਨਿਵਾਸੀ: ਰੀਵਿਜ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ਫ਼ਰਕ

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|group = Native Americans
|image =<div style="white-space:nowrap;"><!--If taşaksız swap out an image, change the "x##px" entry for EACH image in the row so that the width of the row lines up with the others-->
[[चित्रFile:Joseph Brant by Gilbert Stuart 1786.jpg|x97px]][[चित्रFile:Sequoyah.jpg|x97px]][[चित्रFile:Pushmataha high resolution.jpg|x97px]]<br />[[चित्रFile:Tecumseh02.jpg|x113px]][[चित्रFile:Touch the Clouds 1877a.gif|x113px]][[चित्रFile:Sitting Bull.jpg|x113px]]<br />[[चित्रFile:ChiefJoseph.jpeg|x99px]][[चित्रFile:Charles eastman smithsonian gn 03462a-cropped.jpg|x99px]]<br />[[चित्रFile:Billy Bowlegs III.jpg|79px]][[चित्रFile:Jim Thorpe football.png|x112px]][[चित्रFile:JohnBHarrington.jpg|x112px]]
|caption = Native Americans of the United States (from top left):<br />
[[Joseph Brant]]{{·}}[[Sequoyah]]{{·}}[[Pushmataha]]<br />[[Tecumseh]]{{·}}[[Touch the Clouds]]{{·}}[[Sitting Bull]]<br />[[Chief Joseph]]{{·}} [[Charles Eastman]] {{·}} [[Holmes Colbert]]<br />[[Billy Bowlegs III]]{{·}}[[Jim Thorpe]]{{·}} [[John Herrington]]
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== इतिहास ==
=== पूर्व-कोलम्बियाई ===
[[चित्रFile:Poblamiento de America - Teoría P Tardío.png|thumb|300px|बर्फ से मुक्त गलियारे और विशिष्ट पैलियोइन्डियन स्थलों की अनुमानित स्थिति को दर्शानेवाला नक्शा (क्लोविस सिद्धांत).]]
अमेरिकियों के स्थलांतर के अब भी विवादित सिद्धांत के अनुसार, [[यूरेशिया]] से अमेरिका की ओर मनुष्यों का अप्रवासन बेरिंगिया, एक भूमि-पुल, जो कि पहले इन दो महाद्वीपों को उस स्थान पर जोड़ता था, जिसे अब [[बेरिंग जलसन्धि|बेरिंग जलडमरूमध्य]] कहा जाता है।<ref name="ReferenceA">एहलर्स, जे. और पी.एल. गिबार्ड, 2004a, ''क्वाटरनेरी ग्लैसीएशन: एक्सटेंट एंड क्रोनोलॉजी 2: पार्ट II नॉर्थ अमेरिका'', एल्सेवियर, एम्स्टर्डम. ISBN 0-444-51462-7</ref> गिरते हुए समुद्री-स्तरों के कारण [[साइबेरिया]] को [[अलास्का]] से जोड़ने वाले बेरिंग भूमि-पुल का निर्माण हुआ, जिसकी शुरुआत लगभग 60,000-25,000 वर्षों पूर्व हुई.<ref name="ReferenceA" /><ref>{{cite web|url=https://www.cambridgedna.com/genealogy-dna-ancient-migrations-slideshow.php?view=step7|title=An mtDNA view of the peopling of the world by Homo sapiens|publisher=Cambridge DNA Services|year=2007|accessdate=1 जून 2011}}</ref> समय की वह गहराई, जब यह आप्रवासन हुआ था, की पुष्टि 12,000 वर्षों पूर्व के रूप में हो चुकी है और इसकी ऊपरी सीमा (या प्राचीनतम काल) कुछ अनसुलझे दावों का मुद्दा बना हुआ है।<ref name="SpencerWells2">{{Cite book|first1=Spencer |last1=Wells |first2=Mark |last2=Read |title=The Journey of Man - A Genetic Odyssey|url=http://books.google.com/books?id=WAsKm-_zu5sC&lpg=PP1&dq=The%20Journey%20of%20Man&pg=PA138#v=onepage&q&f=true|format=Digitised online by Google books|publisher=Random House|isbn= 0812971469|accessdate=21 नवंबर 2009|year=2002|pages=138–140}}</ref><ref>डाइक ए.एस. और प्रेस्ट वी.के. (1986). ''लेट विसकंसीनियन एंड होलोसिन रिट्रीट ऑफ़ द लैरेंटाइड आइस शीट: जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ कनाडा मैप'' 1702ए</ref> ये शुरूआती पैलियोअमेरिकी शीघ्र ही पूरे अमेरिकी महाद्वीप में फैल गए और सैकड़ों विशिष्ट व सांस्कृतिक रूप से भिन्न राष्ट्रों व कबीलों में बदल गए।<ref>डिस्कसन, ऑलिव. ''कनाडा फर्स्ट नेशंस: अ हिस्ट्री ऑफ़ द फाउंडिंग पीपल्स फ्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स'' . 2 एडिशन. टोरंटो: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 1997.</ref> उत्तर अमेरिका का मौसम अंततः 8000 बीसीई (BCE) में स्थिर हुआ; उस समय के मौसम की स्थितियाँ वर्तमान स्थितियों के समान ही थीं।<ref name="icaage">जे. इम्ब्री और के.पी. इम्ब्री, ''आइस एजेस: सौल्विंग द मिस्ट्री'' (शॉर्ट हिल्स, एनजे: एंस्लो प्रकाशक) 1979.</ref> इसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर आप्रवासन व फसलों की खेती की शुरुआत हुई और परिणामित रूप से पूरे अमेरिकी महाद्वीप की जनसंख्या में एक नाटकीय वृद्धि देखी गई।
 
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अनेक पैलियोइंडियन संस्कृतियाँ उत्तरी अमेरिका पर काबिज थीं, जिनमें से कुछ आधुनिक संयुक्त राज्य अमेरिका और [[कनाडा]] के [[कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका का ग्रेट प्लेन|महान मैदानों (Great Plains)]] और [[महान संयुक्त झीलें|महान झीलों (Great Lakes)]] तक व साथ ही पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम के निकटवर्ती भागों तक सीमित थीं। अमेरिकी महाद्वीप के मूल-निवासी लोगों में से अनेक के मौखिक इतिहासों के अनुसार, वे अपने उदगम के समय से ही वहाँ निवासरत थे, जिसका वर्णन रचना के पारंपरिक विवरणों की एक व्यापक श्रेणी के द्वारा किया गया है।<ref>डेलोरिया, वी., जूनियर, (1997) ''रेड अर्थ व्हाइट लाइज: नेटिव अमेरिकन्स एंड द मिथ ऑफ़ साइंटिफिक फैक्ट'' .</ref> फॉल्सम परंपरा (Folsom Tradition) को फॉल्सम नुकीले हथियारों के रूप में फॉल्सम के प्रयोग और हत्या-स्थलों, जहाँ बायसन की हत्या करने और गोश्त निकालने का कार्य किया जाता था, से ज्ञात गतिविधियों के द्वारा पहचाना जाता है। 9000 बीसीई (BCE) और 8000 बीसीई (BCE) के बीच फॉल्सम हथियार पीछे छोड़ दिये गए।<ref>हिलरमैन, एंथोनी जी. (1973). "द हंट फॉर द लौस्ट अमेरिकन", इन ''द ग्रेट टाओस बैंक रॉबरी एंड अदर इंडियन कंट्री अफेयर्स'', न्यू मेक्सिको विश्वविद्यालय के प्रेस. ISBN 0-8263-0306-4.</ref>
[[चित्रFile:Folsom point.png|thumb|left|250px|एक भाले के लिए फॉल्सम की नोक]]
 
ना-डीन (Na-Dené) लोगों ने उत्तरी अमेरिका में लगभग 8000 ईपू प्रवेश किया और 5000 बीसीई (BCE) तक वे उत्तर-पश्चिमी प्रशांत तट तक पहुँचे,<ref>[http://www.jstor.org/pss/670070 डी.ई. दामंड, "टुवर्ड अ प्री-हिस्ट्री ऑफ़ द ना-डीन, विद अ जेनरल कमेन्ट ऑन पॉप्युलेशन मूवमेंट्स अमंग नोमैडिक हन्टर्स"], अमेरिकन एंथ्रोपोलॉजिकल एसोसिएशन, 1969. 30 मार्च 2010 को पुनःप्राप्त.</ref> और वहाँ से उन्होंने प्रशांत तटीय व भीतरी भागों में प्रवेश किया। भाषाविद, मानविकीविद और पुरातत्वविद मानते हैं कि उनके पूर्वज एक पृथक आप्रवासन के अंतर्गत उत्तरी अमेरिका आए थे, जो कि पैलियो-इंडियन्स के बाद हुआ था। पहले वे वर्तमान क्वीन शैरलोट आइलैंड्स, ब्रिटिश कोलम्बिया के आस-पास बस गए, जहाँ से वे प्रशांत के तट के साथ बढ़ते हुए अलास्का और उत्तरी कनाडा व आंतरिक भागों में पहुँचे। वे वर्तमान और ऐतिहासिक नेवाजो व अपाचे सहित एथाबास्कन-भाषियों के प्राचीनतम पूर्वज थे। उनके गांव बड़े बहु-पारिवारिक आवासों के साथ बने होते थे, जिनका प्रयोग मौसम के अनुसार किया जाता था। लोग वहाँ पूरे वर्ष भर नहीं रहते थे, बल्कि केवल गर्मियों के दौरान शिकार करने और मछली पकड़ने के लिए तथा शीत-काल के लिए भोजन-आपूर्ति एकत्रित करने के लिए वहाँ रहा करते थे।<ref>लियर, जेफ, डौग हीच और जॉन राइटर. 2001. ''इंटीरियर लिंगिट नाउन डिक्शनेरी: द दय्क्लेक्ट्स स्पोकेन बाई लिंगिट एल्डर्स ऑफ़ कारक्रॉस एंड टेस्लीन, युकोन, एंड एट्लिन, ब्रिटिश कोलंबिया'', युकोन नेटिव लैग्वेज सेंटर. ISBN 1-55242-227-5.</ref> ओशारा परंपरा (Oshara Tradition) के लोग 5500 बीसीई (BCE) से 600 सीई (CE) के बीच निवासरत थे। दक्षिणपश्चिमी आर्काइक परंपरा (Southeastern Archaic Tradition) उत्तर-मध्य [[नया मेक्सिको|न्यू मेक्सिको]], सैन जुआन बेसिन, रियो ग्रैंडे घाटी, दक्षिणी [[कोलोरैडो|कोलोराडो]] और दक्षिण-पूर्वी [[यूटाह|यूटा (Utah)]] में केन्द्रित थी।
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उत्तरी अमेरिकी पूर्व-कोलंबियाई संस्कृतियों का वुडलैंड काल मोटे तौर पर [[उत्तर अमेरिका|उत्तरी अमेरिका]] के पूर्वी भागों में 1000 ईपू से 1000 सीई (CE) तक की समयावधि को संदर्भित करता है। "वुडलैंड" शब्द सन 1930 के दशक में दिया गया था और यह आर्काइक काल और मिसीसिपीय संस्कृति के बीच की अवधि वाले पूर्व-ऐतिहासिक स्थलों को संदर्भित करता है। होपवेल परंपरा (Hopewell Tradition) शब्द उन अमेरिकी मूलनिवासियों के आम पहलुओं का वर्णन करने के लिए प्रयुक्त शब्द है, जो 200 ईपू से 500 सीई (CE) के बीच उत्तरपूर्वी और मध्यपश्चिमी [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नदियों के आस-पास विकसित हुए.<ref>{{cite web| url = http://www.ohiohistorycentral.org/entry.php?rec=1283 | title = Hopewell-Ohio History Central}}</ref>
[[चित्रFile:Nordamerikanische Kulturareale en.png|thumb|300px|एल्फ्रेड क्रोएबर के अनुसार पूर्व-कोलंबियाई उत्तरी अमेरिका के सांस्कृतिक क्षेत्र]]
होपवेल परंपरा एकल [[संस्कृति]] या समाज नहीं, बल्कि संबंधित जनसंख्याओं का एक व्यापक रूप से वितरित समुच्चय था, जो व्यापारिक मार्गों के एक आम नेटवर्क के द्वारा जुड़े हुए थे,<ref name="Price">{{Cite book| author= Douglas T. Price, and Gary M. Feinman | year= 2008 | title= Images of the Past, 5th edition | pages= 274–277 | location= New York | publisher=McGraw-Hill | isbn= 978-0-07-340520-9}}</ref> जिसे होपवेल एक्सचेंज सिस्टम (Hopewell Exchange System) के नाम से जाना जाता था। अपने अधिकतम विस्तार पर, ''होपवेल एक्सचेंज सिस्टम'' दक्षिणपूर्वी [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] से लेकर दक्षिणपूर्वी [[कनाडा]] के भीतर [[ओन्टारियो झील|लेक ऑन्टेरियो]] के तटों तक फैला हुआ था। इस क्षेत्र के भीतर, समाज बहुत बड़ी सीमा में आदान-प्रदान में सहभागी हुए करते थे, जिसमें गतिविधियों की उच्चतम मात्रा जलीय-मार्गों के माध्यम से होती थी, जो कि उनके मुख्य परिवहन मार्ग थे। होपवेल एक्सचेंज सिस्टम पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका से पदार्थों का व्यापार करता था।
 
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होहोकाम (Hohokam) वर्तमान दक्षिण-पश्चिम अमेरिका की चार मुख्य पूर्व-ऐतिहासिक पुरातात्विक परंपराओं में से एक है।<ref name="mark">शेनौल्ट, मार्क, रिक एहलस्ट्रोम और टॉम मोटसिंगर, (1993): ''इन द शैडो ऑफ़ साउथ माउन्टेन: द प्री-क्लासिक होहोकम ऑफ़ ला' सियुदाद डे लॉस हौर्नस''', भाग I और II.</ref> सरल किसानों के रूप में रहने वाले ये लोग मक्का और सेम उगाया करते थे। प्रारम्भिक होहोकाम लोगों ने मध्य गिला नदी के पास छोटे गांवों की एक श्रृंखला स्थापित की. ये समुदाय अच्छी कृषि-योग्य भूमि के पास स्थित थे और इस काल के शुरुआती वर्षों में शुष्क कृषि आम थी।<ref name="mark" /> 300 सीई (CE) से 500 सीई (CE) तक आते-आते घरेलू जल आपूर्ति के लिए [[कूप|कुएं]] खोदे जाने लगे थे, जो कि सामान्यतः {{convert|10|ft|m|0}} से कम गहरे होते थे।<ref name="mark" /> प्रारम्भिक होहोकाम घर एक अर्ध-वृत्ताकार पद्धति में मुड़ी हुई शाखाओं से बनाये जाते थे और इन्हें टहनियों, सरकंडों और बड़ी मात्रा में प्रयुक्त मिट्टी व अन्य उपलब्ध पदार्थों के द्वारा ढंका जाता था।<ref name="mark" />
 
परिष्कृत पूर्व-कोलंबियाई अनुद्योगशील समाज उत्तरी अमेरिका में विकसित हुए, हालांकि प्रौद्योगिकीय रूप से वे दक्षिण में स्थित मेसोअमेरिकी सभ्यताओं जितने उन्नत नहीं थे। दक्षिणपूर्वी सेरेमोनियल कॉम्प्लेक्स (Ceremonial Complex) पुरातत्वविदों द्वारा मिसीसिपीय संस्कृति, जो कि 1200 सीई (CE) से 1650 सीई (CE) के बीच लोगों द्वारा [[मक्का (फसल)|मक्के]] की खेती और चीफडम-स्तर की जटिल सामाजिक संरचना को अपनाये जाने के समय ही मौजूद थी, की शिल्पाकृतियों, व्यक्ति-चित्रणोंFileणों (Iconography), समारोहों व पौराणिक कथाओं की क्षेत्रीय शैलीपूर्ण समानता को दिया गया नाम है।<ref>{{cite web| url = http://www.siu.edu/~anthro/muller/SECC/sld008.htm| title=Connections|author muller}}</ref><ref>{{Cite book| last = Townsend | first = Richard F., and Robert V. Sharp, eds. | title = Hero, Hawk, and Open Hand| publisher = [[The Art Institute of Chicago and Yale University Press]] | year = 2004 | isbn = 0300106017}}</ref> लोकप्रिय विश्वास के विपरीत, ऐसा प्रतीत होता है कि इस विकास का मेसोअमेरिका के साथ कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। इसका विकास स्वतंत्र रूप से हुआ और इसका परिष्करण मक्के के अतिरिक्त उत्पादन के संग्रहण, अधिक सघन जनसंख्या और कुशलताओं के विशेषीकरण पर आधारित था। {{Dubious|date=सितम्बर 2009}} यह सेरेमोनियल कॉम्प्लेक्स मिसीसिपीय लोगों के धर्म के एक प्रमुख घटक का प्रतिनिधित्व करता है और यह उन मुख्य साधनों में से एक है, जिनके द्वारा उनके [[धर्म]] को समझा जाता है।<ref>{{Cite book | editors = F. Kent Reilly and James Garber | title = Ancient Objects and Sacred Realms | publisher = [[University of Texas Press]] | year = 2007 | isbn = 9780292713475 | url-access = registration | url = https://archive.org/details/ancientobjectssa0000unse }}</ref>
 
मिसीसिपीय संस्कृति ने मेक्सिको के उत्तर में उत्तरी अमेरिका में मिट्टी के सबसे बड़े बांधों का निर्माण किया, उल्लेखनीय रूप से कैहोकिया में, जो कि वर्तमान इलिनॉइस में मिसीसिपी की एक सहायक नदी पर आधारित था। इसके 10-मंजिला मॉन्क्स माउंड (Monks Mound) की परिधि तियोथुआकान (Teotihuacan) स्थित पिरामिड ऑफ द सन (Pyramid of the Sun) या [[मिस्र]] के ग्रेट पिरामिड से भी अधिक थी। छः वर्ग मील में फैला नगर परिसर लोगों के [[खगोल शास्त्र|ब्रह्माण्ड-विज्ञान]] पर आधारित था और इसमें 100 से अधिक टीले (mounds) थे, जो खगोल-शास्र के उनके परिष्कृत ज्ञान की ओर अभिविन्यस्त थे। इसमें एक वुडहेंज शामिल था, जिसके पवित्र देवदार की लकड़ी से बने ध्रुव ग्रीष्म और शीत अयनांतों व शरद और वसंत विषुवों को चिह्नित करने के लिए रखे गए थे। इसकी अधिकतम जनसंख्या सन 1250 ईसवी में 30,000-40,000 थी, जिसकी बराबरी वर्तमान संयुक्त राज्य अमेरिका के किसी भी शहर की सन 1800 तक की जनसंख्या द्वारा नहीं की जा सकती. इसके अलावा, कैहोकिया एक मुख्य क्षेत्रीय चीफडम था, जिसके साथ व्यापारिक व सहायक चीफडम थे, जो कि महान झीलों से [[मेक्सिको की खाड़ी]] तक फैले हुए थे।
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=== यूरोपीय अन्वेषण और उपनिवेशीकरण ===
[[चित्रFile:Discovery of the Mississippi.jpg|left|thumb|विलियम हेनरी पॉवेल द्वारा रचित डिस्कवरी ऑफ मिसीसिपी (1823-1879) डे सोटो द्वारा पहली बार मिसीसिपी नदी को देखे जाने का एक रूमानी वर्णन है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका की संसद रोटुण्डा में लटका हुआ है। ]]
सन 1492 में यूरोपीय लोगों द्वारा अमेरिकी महाद्वीप की खोज किये जाने के बाद पुराने और नये विश्वों के स्वयं को देखने के नज़रिये में क्रांतिकारी बदलाव आया। प्रमुख संपर्कों में से एक, जो कि अमेरिकन डीप साउथ नामक भाग में हुआ, तब हुआ था जब सन 1513 के अप्रैल माह में स्पेनी आक्रमणकारी विजेता जुआन पोन्स डी लियोन (Juan Ponce de León) का [[फ़्लोरिडा|ला फ्लोरिडा]] में आगमन हुआ। पोन्स डी लियोन के बाद अन्य स्पेनी खोजकर्ताओं, जैसे सन 1528 में पैनफिलो डी नार्वाएज़ (Pánfilo de Narváez) और सन 1539 में हर्नान्डो डी सोटो (Hernando de Soto) का आगमन भी हुआ। इनके बाद उत्तरी अमेरिका में आने वाले यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने अक्सर साम्राज्य के विस्तार को इस अनुमान के द्वारा युक्तिसंगत ठहराया कि ईसाई सभ्यता का प्रसार करके वे एक बर्बर व मूर्तिपूजक विश्व की रक्षा कर रहे थे।<ref>{{Cite book
|title=Globalization and educational rights: an intercivilizational analysis
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सन 1618-1619 में, चेचक ने मैसाच्युसेट्स बे (Massachusetts Bay) के अमेरिकी मूलनिवासियों की 90% जनसंख्या नष्ट कर दी.<ref>[http://www.ucpress.edu/books/pages/9968/9968.ch01.html डेविड ए. कोपलो, ''स्मॉलपौक्स: द फाइट टू एरैडिकेट अ ग्लोबल स्कर्ज'' ]</ref> इतिहासकारों का विश्वास है कि सन 1634 में एल्बनी में डच व्यापारियों के बच्चों के संपर्क में आने के बाद मोहॉक मूल निवासी अमेरिकी वर्तमान न्यूयॉर्क में संक्रमित हो गए थे। यह बीमारी मोहॉक गावों में तेज़ी से फैली और व्यापारिक मार्गों पर यात्रा करने वाले मोहॉक और अन्य अमेरिकी मूलनिवासियों के साथ यह बीमारी सन 1636 तक [[ओन्टारियो झील|लेक ऑन्टेरियो]] में निवासरत मूल निवासी अमेरिकियों तक और सन 1679 तक पश्चिमी आइरोक्युइस की भूमि तक पहुँच गई।<ref>एम. पॉल कीस्लर, [http://www.paulkeeslerbooks.com/Chap5Iroquois.html#DutchChildren "डच चिल्ड्रेन डिज़िज़ेस किल्स थाउज़ेन्ड्स ऑफ़ मोहॉक्स"], ''मोहॉक्स: डिस्कवरिंग द वैली ऑफ़ द क्रिस्टल्स'', 2004. 2 जून 2008 को पुनः प्राप्त.</ref> मृत्यु की उच्च दर के कारण अमेरिकी मूल-निवासियों के समाज विघटित हो गए और पीढ़ीगत सांस्कृतिक आदान-प्रदान खण्डित हो गए।
[[चित्रFile:Conference Between the French and Indian Leaders Around a Ceremonial Fire by Vernier.jpg|thumb|आनुष्ठानिक अग्नि के चारों ओर बैठे फ्रांसीसी व इन्डियन नेताओं के बीच एक सम्मेलन.]]
सन 1754 और 1763 के बीच अनेक अमेरिकी मूल-निवासी कबीले ब्रिटिश उपनिवेशवादी सेनाओं के विरुद्ध फ्रांसीसी सेनाओं के पक्ष में फ्रांसीसी और इन्डियन युद्ध/सप्तवर्षीय युद्ध में शामिल हो गए थे। अमेरिकी मूल-निवासी इस संघर्ष के दोनों पक्षों की ओर से लड़े. यूरोपीय विस्तार को रोकने की आशा से बड़ी संख्या में कबीलों ने युद्ध में फ्रांसीसियों का साथ दिया. ब्रिटिशों ने कम सहयोगी बनाए थे, लेकिन उनके साथ कुछ ऐसे कबीले थे, जो संधियों के समर्थन में सम्मिलन और वफादारी साबित करना चाहते थे। लेकिन इन्हें उलट दिये जाने के कारण अक्सर उन्हें निराशा हाथ लगती थी। इसके अलावा, कबीलों के स्वयं के भी लक्ष्य थे और वे यूरोपीय शक्तियो। के साथ अपने गठबंधनों का प्रयोग पारंपरिक मूल-निवासी शत्रुओं के साथ लड़ाई के लिए भी करना चाहते थे।
 
[[चित्रFile:Native California population graph.jpg|250px|thumb|right|कुक 1978 के अनुसार कैलिफोर्नियाई मूल-निवासी जनसंख्या.]]सन 1770 के दशक में जब यूरोपीय खोजकर्ता वेस्ट कोस्ट पर पहुँचे, तो शीघ्र ही चेचक ने नॉर्थ-वेस्ट कोस्ट पर स्थित अमेरिकी मूल-निवासियों की कम से कम 30% जनसंख्या नष्ट कर दी. अगले 80 से 100 वर्षों तक, चेचक और अन्य बीमारियाँ उस क्षेत्र में मूल-निवासियों की जनसंख्या को नष्ट करतीं रहीं.<ref>[http://www2.h-net.msu.edu/reviews/showrev.php?id=4547 "प्लेग्स एंड पीपल्स ऑन द नॉर्थवेस्ट कोस्ट"]. मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान ऑनलाइन.</ref> उन्नीसवीं सदी के मध्य में जब उपनिवेशवादी ''एक साथ (en masse)'' आए, तो पजेट साउंड (Puget Sound) क्षेत्र की जनसंख्या, जिसके बारे में अनुमान है कि कभी यह 37,000 लोगों के उच्चतम स्तर पर थी, घटकर केवल 9,000 रह गई।<ref>ग्रेग लेंज, [http://www.historylink.org/index.cfm?DisplayPage=output.cfm&File_Id=5100 "स्मॉलपौक्स एपिदेमिक रैवेजेज़ नेटिव अमेरिकन्स ऑन द नॉर्थवेस्ट कोस्ट ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका इन द 1770स"], ''ऑनलाइन इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ वॉशिंगटन स्टेट हिस्ट्री'', 23 जनवरी 2003. 9 अगस्त 2008 को पुनःप्राप्त.</ref> हालांकि कैलिफोर्निया में स्पेनी अभियानों ने अमेरिकी कैलिफोर्नियाई मूल-निवासियों की जनसंख्या को लक्षणीय रूप से प्रभावित नहीं किया, लेकिन जब कैलिफोर्निया स्पेनी उपनिवेश नहीं रह गया, विशेषतः उन्नसवीं सदी के उत्तरार्ध और बीसवीं सदी के प्रारम्भ के दौरान, तो उनकी संख्या में एक तीव्र गिरावट देखी गई (दायीं ओर प्रदर्शित चार्ट देखें).
 
सन 1780-1782 और 1837-1838 में लघु मसूरिका (smallpox) की महामारियों के फलस्वरूप प्लेन्स इंडियन्स (Plains Indians) के बीच तबाही और जनसंख्या में अत्यधिक गिरावट उत्पन्न हुई.<ref>[http://www.pubmedcentral.nih.gov/articlerender.fcgi?artid=2094753 "द फर्स्ट स्मॉलपौक्स एपिडेमिक ऑन द कनाडियन प्लेन्स: इन द फार-ट्रेडर्स' वर्ड्स"], नैशनल इंस्टिट्युट्स ऑफ़ हेल्थ</ref><ref>[http://www.thefurtrapper.com/ "माउन्टेन मैन-प्लेन्स इंडियन फर ट्रेड"], द फर ट्रैपर</ref> सन 1832 से, संघीय सरकार ने अमेरिकी मूलनिवासियों के लिए एक लघु मसूरिका टीकाकरण कार्यक्रम स्थापित किया (''सन 1832 का द इंडियन वैक्सीनेशन ऐक्ट''). यह अमेरिकी मूलनिवासियों की स्वास्थ्य समस्या पर ध्यान देने के लिए बनाया गया पहला संघीय कार्यक्रम था।<ref>रिव्यू ऑफ़ जे. डाएने पियर्सन,[http://muse.jhu.edu/login?uri=/journals/wicazo_sa_review/v018/18.2pearson01.html "लुईस कैस एंड द पौलिटिक्स ऑफ़ डिसीज़: द इंडियन वैसिनेशन एक्ट ऑफ़ 1832"], ''प्रोजेक्ट म्युज़'', जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय</ref><ref>[http://links.jstor.org/sici?sici=0749-6427%28200323%2918%3A2%3C9%3ALCATPO%3E2.0.CO%3B2-H&size=LARGE&origin=JSTOR-enlargePage "द पौलिटिक्स ऑफ़ डिसीज़"], ''विकाज़ो सा रिव्यू'' : खंड 18, संख्या 2, (ऑटम, 2003), पीपी 9-35,</ref>
ਲਾਈਨ 190:
 
=== स्वतंत्रता की नींव ===
[[चित्रFile:Treaty of Penn with Indians by Benjamin West.jpg|thumb|बेंजामिन वेस्ट द्वारा सन 1827 में चित्रितFileित ट्रीटी ऑफ पेन विथ इन्डियन्स.]]
 
कुछ यूरोपीय समाज अमेरिकी मूलनिवासी समाजों को एक स्वर्ण युग के प्रतिनिधि मानते थे, जिनके बारे में उन्होंने केवल लोक-इतिहास में ही सुना था।<ref name="rousseau_freedom">
ਲਾਈਨ 235:
 
=== औपनिवेशिक विद्रोह ===
[[चित्रFile:Tomo-chi-chi and other Yamacraws Native Americans.jpg|thumb|250px|यामाक्रॉ क्रीक के अमेरिकी मूल-निवासी इंग्लैंड में जॉर्जिया के उपनिवेश के ट्रस्टी से मिलते हुए, जुलाई 1734.यूरोपीय वस्र पहने हुए एक अमेरिकी मूल-निवासी लड़के (नीले कोट में) और महिला (लाल पोशाक में) को प्रदर्शित करने वाला एक चित्रFile.]]
 
[[अमेरिकी क्रान्ति|अमेरिकी क्रांति]] के दौरान, नव-घोषित [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] ने मिसीसिपी नदी के पूर्व में स्थित अमेरिकी मूल-निवासी राष्ट्रों की निष्ठा प्राप्त करने के लिए ब्रिटिशों के साथ प्रतिस्पर्धा की. इस संघर्ष में शामिल होने वाले अधिकांश अमेरिकी मूल-निवासियों ने ब्रिटिशों का समर्थन इस आशा से किया कि वे अमेरिकी क्रांति के युद्ध का प्रयोग अमेरिकी मूल-निवासियों की भूमि पर और अधिक औपनिवेशिक विस्तार को रोकने में कर सकेंगे. अनेक मूल-निवासी समुदायों में इस बात को लेकर मतभेद था कि युद्ध में किस पक्ष का समर्थन किया जाए. नए संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर करने वाला पहला मूल-निवासी समुदाय लेनापे (Lenape) था। आइरोक्युइस संघ के लिए, अमेरिकी क्रांति का परिणाम एक गृह-युद्ध के रूप में मिला. आइरोक्युइस कबीलों में से केवल ऑनैडा (Oneida) व तस्कारोरा (Tuscarora) ने ही उपनिवेशवादियों के साथ गठबंधन किया।
ਲਾਈਨ 253:
}}</ref>}}
 
[[चित्रFile:Rebellion to Tyrants colonial medal Virginia.jpg|thumb|right|125px|वर्जीनिया के गवर्नर थॉमस जेफरसन के आदेश पर गढ़े गए कांस्य पदक, जो जोसेफ मार्टिन द्वारा औपनिवेशिक सेनाओं के शेरोकी सहयोगियों को देने के लिए ले जाए जा रहे हैं। पदक के शीर्ष पर लगी शांति नलिका पर ध्यान दें]]
 
पेरिस की संधि (1783) में ब्रिटिशों ने अमेरिकियों के साथ शांति स्थापित की, जिसके अंतर्गत उन्होंने अमेरिकी मूल-निवासियों को जानकारी दिये बिना ही अमेरिकी मूल-निवासियों के विशाल क्षेत्र संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दिये, जिसके परिणामस्वरूप तुरंत ही नॉर्थवेस्ट इंडियन युद्ध छिड़ गया। प्रारम्भ में संयुक्त राज्य अमेरिका ने ब्रिटिशों के साथ लड़े अमेरिकी मूल-निवासियों के साथ अपनी भूमि को खो चुके पराजित लोगों जैसा व्यवहार किया था। हालांकि अनेक आइरोक्युइस कबीले राजभक्तों के साथ कनाडा चले गए थे, लेकिन अन्य कबीलों ने न्यूयॉर्क और पश्चिमी क्षेत्रों में बने रहने और अपनी भूमि बचाए रखने का प्रयास किया। इसके बावजूद, न्यूयॉर्क राज्य ने आइराक्युअस के साथ एक पृथक संधि की और उस भूमि के {{convert|5000000|acre|km2}} को विक्रय के लिए रख दिया, जो पहले उनका क्षेत्र रही थी। राज्य ने साइराक्युस (Syracuse) के निकट उन ऑनोंडग लोगों के लिए एक आरक्षित क्षेत्र की स्थापना की, जो पहले उपनिवेशवादियों के सहयोगी रहे थे।
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== परिवर्तित मूल-निवासी अमेरिका ==
[[चित्रFile:Portrait of George Washington-transparent.png|upright|thumb|जॉर्ज वॉशिंगटन ने अमेरिकी मूल-निवासी समाज की उन्नति की वकालत की और उन्होंने "इन्डियन लोगों के प्रति सदभावना के कुछ उपायों को स्थान दिया."<ref name=knox_to_washington>[118]</ref>]]
 
यूरोपीय राष्ट्रों ने अमेरिकी मूलनिवासियों को (कभी-कभी उनकी इच्छा के विपरीत) उत्सुकता के पदार्थों के रूप में पुराने विश्व में भेजा. अक्सर उन्हें रॉयल्टी दी जाती थी और कभी-कभी वे व्यावसायिक उद्देश्यों के शिकार भी बन जाते थे। अमेरिकी मूल-निवासियों का ईसाईकरण कुछ यूरोपीय उपनिवेशों का एक घोषित उद्देश्य था।
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</blockquote>
 
[[चित्रFile:Benjamin Hawkins and the Creek Indians.jpg|250px|left|thumb|बेंजामिन हॉकिन्स, जो यहाँ अपने बागान में दिखाई दे रहे हैं, ने क्रीक अमेरिकी मूल-निवासियों को यूरोपीय तकनीक के प्रयोग का प्रशिक्षण दिया.1805 में चित्रितFileित.]]
 
रॉबर्ट रेमिनी, एक इतिहासकार, ने लिखा कि "एक बार जब इंडियन्स ने निजी भूमि की पद्धति को अपना लिया, वे घरों का निर्माण करने लगे, कृषि करने लगे, अपने बच्चों को शिक्षित बनाने लगे और उन्होंने ईसाइयत को अपना लिया, तो इन अमेरिकी मूल-निवासियों ने श्वेत अमेरिकियों की स्वीकृति हासिल कर ली."<ref name="remini_submit_adoption">
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=== सम्मिलन ===
[[चित्रFile:Collage showing cultural assimilation of Native Americans.jpg|275px|thumb|right|अमेरिकी पोशाक में अमेरिकी मूल-निवासियों का व्यक्ति चित्रFile, जिसमें शेरोकी, शेयेने, चोकटॉ, कोमांचे, आइरोक्युइस और मस्कोगी कबीलों के लोग दिखाई दे रहे हैं। सन 1868 से 1924 तक के चित्रFile.]]
 
अठारहवीं सदी के अंतिम दौर में, वॉशिंगटन व नॉक्स से लेकर अन्य सुधारकों ने,<ref>''द ग्रेट कन्फ्यूज़न इन इंडियन अफेयर्स: नेटिव अमेरिकंस एंड व्हाइट्स इन द प्रोग्रेसिव एरा'', टॉम होल्म, http://www.utexas.edu/utpress/excerpts/exholgre.html</ref> अमेरिकी मूल-निवासियों को "सभ्य बनाने" या अन्यथा उन्हें वृहत्तर समाज में सम्मिलित करने के लिए, मूल-निवासियों के बच्चों को (आरक्षणों के द्वारा उनकी अवनति करने के बजाय) शिक्षित करने का समर्थन किया। सन 1819 के सिविलाइज़ेशन फंड ऐक्ट (Civilization Fund Act) ने इस सभ्यता नीति को प्रोत्साहित करने के लिए उन समाजों (अधिकतर धार्मिक) को आर्थिक सहायता प्रदान की, जो अमेरिकी मूल-निवासियों के सुधार के लिए कार्यरत थे।
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=== अमेरिकी विस्तार के औचित्य का समर्थन ===
[[चित्रFile:American Progress (John Gast painting).jpg|thumb|मैनीफेस्ट डेस्टिनी, कोलंबिया के रूपकात्मक प्रस्तुतीकरण से मुक्त होते अमेरिकी मूल-निवासी, जॉन गास्ट द्वारा सन 1872 में चित्रितFileित]]
 
जुलाई 1845 में, न्यूयॉर्क के समाचार-पत्र संपादक जॉन एल. ओ'सुलिवन ने "भाग्य का स्पष्टीकरण" शब्दावली इस बात को स्पष्ट करने के लिए प्रस्तुत की कि किस प्रकार "ईश्वरीय रक्षा की रचना" संयुक्त राज्य अमेरिका के क्षेत्रीय विस्तार का समर्थन करती थी।<ref>वर्ल्ड्स टुगेदर, वर्ल्ड्स अपार्ट, रॉबर्ट टिग्नोर, जेरिमी अडेलमैन, स्टीफन एरन, स्टीफन कोट्किन, सुजैन मार्चंद, ज्ञान प्रकाश, माइकल सिन, डब्ल्यू.डब्ल्यू. नौर्टन एंड कंपनी, न्यूयॉर्क, 2000, पृष्ठ. 274</ref> भाग्य के स्पष्टीकरण के अमेरिकी मूल-निवासियों के लिए गंभीर परिणाम थे क्योंकि महाद्वीपीय विस्तार का अव्यक्त अर्थ अमेरिकी मूल-निवासियों की भूमि था। भाग्य का स्पष्टीकरण विस्तार या पश्चिम की ओर बढ़ते आंदोलन की व्याख्या के लिए एक स्पष्टीकरण या इसके औचित्य का समर्थन था, अथवा, कुछ व्याख्याओं में, एक विचारधारा या सिद्धांत था, जिसने सभ्यता की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने में सहायता प्रदान की. भाग्य के स्पष्टीकरण के समर्थकों का मानना था कि वि्स्तार न केवल अच्छा था, बल्कि यह स्वाभाविक और निश्चित भी था। पहली बार इस शब्द का प्रयोग मुख्यतः जैक्सोनियाई डेमोक्रेट्स द्वारा सन 1840 के दशक में वर्तमान वेस्टर्न यूनाइटेड स्टेट्स (ओरेगॉन टेरिटरी, टेक्सास एनेक्सेशन और मेक्सिकन सेशन) के अधिकांश भाग के सम्मिलन को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था।
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=== विरोध ===
[[चित्रFile:Tecumseh02.jpg|175px|thumb|upright|तेकुम्सेह के युद्ध में तेकुम्सेह वे शॉनी नेता ने जिन्होंने पूरे उत्तरी अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासी कबीलों का एक गठबंधन बनाने का प्रयास किया।<ref>[164]</ref>]]
 
अमेरिकी सरकारी अधिकारियों ने इस अवधि के दौरान अनेक संधियाँ कीं, लेकिन बाद में विभिन्न कारणों से इनमें से अनेक का उल्लंघन किया। अन्य संधियों को "जीवित" दस्तावेज माना गया, जिनकी शर्तों में परिवर्तन किया जा सकता था। मिसीसिपी नदी के पूर्व में हुए मुख्य टकरावों में पेक्वेट युद्ध, क्रीक युद्ध और सेमिनोल युद्ध शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, तेकुम्सेह (Tecumseh), एक शॉनी प्रमुख, के नेतृत्व में एक बहु-कबीलाई सेना ने सन 1811-12 की अवधि के दौरान अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं, जिन्हें तेकुम्सेह का युद्ध के नाम से जाना जाता है। बाद के चरणों में, तेकुम्सेह के समूह ने सन 1812 के युद्ध में ब्रिटिश सेनाओं के साथ गठबंधन कर लिया और [[डेट्राइट, मिशिगन|डेट्रॉइट]] की जीत में सहायक साबित हुए. सेंट क्लेयर की हार (1791) संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में अमेरिकी मूल-निवासियों के हाथों संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना की सबसे बुरी पराजय थी।
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=== गृहयुद्ध ===
[[चित्रFile:Ely S. Parker.jpg|125px|thumb|upright|एली एस. पार्कर संघीय गृह-युद्ध के जनरल थे, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका और अमेरिका के संघीय राज्यों के बीच आत्म-समर्पण की शर्तें लिखीं.<ref>एली पार्कर फेमस नेटिव अमेरिकन</ref> पार्कर उन दो अमेरिकी मूल-निवासियों में से एक थे, जो गृह-युद्ध में ब्रिगेडियर जनरल की रैंक तक पहुँचे।]]
 
[[अमेरिकी गृहयुद्ध|गृहयुद्ध]] के दौरान अनेक अमेरिकी मूल-निवासियों ने सेना में अपनी सेवाएं दीं,<ref name="clr" /> जिनमें से अधिकांश ने संघ का साथ दिया. अमेरिकी मूल-निवासियों को आशा थी कि वे युद्ध के प्रयास में सहायता देकर व श्वेतों के साथ युद्ध करके तत्कालीन सरकार की कृपा प्राप्त कर सकेंगे.<ref name="clr" /><ref name="ab">{{cite web|title= Union and Confederate Indians in the Civil War "Battles and Leaders of the Civil War"|url=http://www.civilwarhome.com/unionconfedindians.htm|date=5 जनवरी 2009 |accessdate=5 जनवरी 2009|publisher=Civil War Potpourri|author=Wiley Britton}}</ref> उन्हें यह भी विश्वास था कि युद्ध में उनके द्वारा सेवा दिये जाने का अर्थ भेदभाव और पूर्वजों की भूमि से पश्चिमी क्षेत्रों में होने वाले विस्थापन की समाप्ति भी होगा.<ref name="clr" /> हालांकि जब युद्ध ने ज़ोर पकड़ लिया और अफ्रीकी अमेरिकियों को मुक्त घोषित कर दिया गया, तब भी संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने अमेरिकी मूल-निवासियों को सम्मिलित करने, अपने अधीन लाने, निष्कासित करने या उनका उन्मूलन कर देने की अपनी नीतियाँ जारी रखीं.<ref name="clr" />
 
[[चित्रFile:Cherokee Confederates Reunion.gif|left|325px|thumb|न्यू ओर्लियान्स में शेरोकी संघ का पुनर्गठन, 1903.]]
 
जनरल एली एस. पार्कर, सेनेका कबीले के एक सदस्य, ने समपर्ण की धाराओं की रचना की, जिन पर 9 अप्रैल 1865 को जनरल रॉबर्ट ई. ली ने ऐपोमैटॉक्स कोर्ट हाउस में हस्ताक्षर किये. जनरल पार्कर, जिन्होंने जनरल युलिसेस एस. ग्रांट के सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया था और वे एक प्रशिक्षित एटॉर्नी थे, को एक बार उनकी जाति के कारण संघीय सैन्य सेवा में लिए जाने से अस्वीकार कर दिया गया था। ऐसा कहा जाता है कि ऐपोमैटॉक्स में, ली ने पार्कर के लिए यह टिप्पणी की कि, "मैं यहाँ एक सच्चे अमेरिकी को देखकर प्रसन्न हूं", जिसके उत्तर में पार्कर ने कहा कि "हम सभी अमेरिकी हैं। "<ref name="clr">{{cite web|title="We are all Americans", Native Americans in the Civil War
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=== द्वितीय विश्वयुद्ध ===
[[चित्रFile:General douglas macarthur meets american indian troops wwii military pacific navajo pima island hopping.JPG|right|thumb|नवाजो, पिमा, पॉनी और अन्य अमेरिकी मूल-निवासी टुकड़ियों से मुलाकात करते जनरल डगलस मैकऑर्थर.]]
 
[[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय विश्व-युद्ध]] के दौरान लगभग 44,000 अमेरिकी मूल-निवासियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना में अपनी सेवाएं दीं थीं।<ref name="WorldWarII">
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== वर्तमान अमेरिकी मूल-निवासी ==
[[चित्रFile:NativeAmericansToday.jpg|300px|thumb|left|पूरे "इन्डियन कंट्री" से विभिन्न समूहों, कबीलों और राष्ट्रों के अमेरिकी मूल-निवासियों के व्यक्ति चित्रFile.]]
 
सन 1975 में इंडियन सेल्फ-डिटरमिनेशन एंड एज्युकेशन असिस्टन्स ऐक्ट (Indian Self-Determination and Educational Assistance Act) पारित किया गया, जिसने नीति परिवर्तन के 15 वर्षों का समापन कर दिया. इन्डियन सक्रियतावाद, नागरिक अधिकार आंदोलन (Civil Rights Movement) और सन 1960 के दशक के सामाजिक कार्यक्रम के सामुदायिक विकास के पहलुओं, से संबंधित इस अधिनियम ने अमेरिकी मूल-निवासियों की आत्म-निर्णय की आवश्यकता को स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही अमेरिकी सरकार की समापन की नीति का भी त्याग कर दिया गया; अमेरिकी सरकार ने अमेरिकी मूल-निवासियों के स्वशासन और अपने भविष्य का निर्धारण करने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया।
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| format = PDF}}
</ref> }}
[[चित्रFile:Poldine carlo koyukon.jpg|thumb|upright|पोल्डाइन कार्लो, अलास्का के कोयुकोन लेखक]]
यूनाइटेड स्टेट्स सेंसस ब्यूरो के सन 2003 के अनुमान के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासरत 2,786,652 अमेरिकी मूल-निवासियों में से एक-तिहाई से कुछ अधिक लोग तीन राज्यों में रहते हैं: [[कैलिफ़ोर्निया|कैलिफोर्निया]] में 413,382, [[एरीजोना|एरिज़ोना]] में 294,137 और [[ओक्लाहोमा]] में 279,559.<ref>{{cite web|url=http://www.census.gov/popest/states/asrh/tables/SC-EST2003-04.pdf |format=PDF|work=US Census.gov |title=Annual Estimates by Race Alone |accessdate=February 8, 2006}}</ref>
 
ਲਾਈਨ 640:
कुछ कबीलाई राष्ट्र अपनी परंपरा को स्थापित कर पाने और संघीय मान्यता प्राप्त कर पाने में विफल रहे हैं। सैन फ्रांसिस्को के खाड़ी क्षेत्र में स्थित मुवेक्मा ओहलोन मान्यता प्राप्त करने के लिए संघीय न्यायालयीन प्रणाली में मुकदमा लड़ रहा है।<ref>{{cite web|url=http://www.muwekma.org |title=The Muwekman Ohlone |accessdate=22 जून 2007 |type=html |work=muwekma.org}}</ref> पूर्वी कबीलों में से अनेक अपने कबीलाई दर्जे के लिए आधिकारिक मान्यता प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इस मान्यता से कुछ लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें कला व शिल्प कृतियों पर अमेरिकी मूल-निवासी के रूप में चिह्नित करने और ऐसे अनुदानों के लिए आवेदन करने की अनुमति शामिल हैं, जो विशिष्ट रूप से अमेरिकी मूल-निवासियों के लिए आरक्षित होते हैं। लेकिन एक कबीले के रूप में मान्यता प्राप्त करना अत्यधिक कठिन होता है; एक कबीलाई समूह के रूप में स्थापित होने के लिए सदस्यों को कबीलाई वंश का व्यापक वांशिकता-संबंधी प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ता है।
 
[[चित्रFile:Abandoned Mines Shiprock 2009.jpg|thumb|left|मूल-निवासी लोग जिन चिन्ताओं को सुलझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उनमें उनकी भूमियों पर या भूमियों के पास स्थित अपसर्जित यूरेनियम खदानों की उपस्थिति.]]
 
आरक्षित क्षेत्रों या वृहत्तर समाज में गरीबी के बीच जीवन को बनाए रखने का अमेरिकी मूल-निवासियों के संघर्ष के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न प्रकार के मुद्दे उत्पन्न हुए हैं, जिनमें से कुछ पोषण और स्वास्थ्य संबंधी पद्धतियों से जुड़े हुए हैं। यह समुदाय अति-मद्यपान के विषमतापूर्ण अनुपात से ग्रस्त है।<ref>{{cite web|url=http://erc.msh.org/mainpage.cfm?file=5.4.7e.htm&module=provider&language=English |accessdate=22 जून 2007 |title=Challenges to Health and Well-Being of Native American Communities |work=The Provider's Guide to Quality and Culture}}, स्वास्थ्य विज्ञान के प्रबंधन</ref> अमेरिकी मूल-निवासी समुदाय के साथ कार्य कर रही एजेंसियाँ उनकी परंपराओं का सम्मान करने और उनकी स्वयं की सांस्कृतिक पद्धतियों के भीतर रहते हुए ही पश्चिमी दवाओं के लाभों को एकीकृत करने का बेहतर प्रयास कर रही हैं।
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{{quote|"It has long been recognized that Native Americans are dying of diabetes, alcoholism, tuberculosis, suicide, and other health conditions at shocking rates. Beyond disturbingly high mortality rates, Native Americans also suffer a significantly lower health status and disproportionate rates of disease compared with all other Americans."| The U.S. Commission on Civil Rights, September 2004<ref>[http://www.usccr.gov/pubs/nahealth/nabroken.pdf Broken Promises: Evaluating the Native American Health Care System] by the U.S. Commission on Civil Rights, September 2004</ref>}}
 
[[चित्रFile:Americanindiansmapcensusbureau.gif|300px|thumb|सेंसस ब्यूरो का यह मानचित्रमानFile सन 2000 तक की जानकारी के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासियों के स्थलों को प्रदर्शित कर रहा है। ]]
 
जुलाई 2000 में, वॉशिंगटन रिपब्लिकन पार्टी ने इस बात की अनुशंसा करने वाला एक प्रस्ताव पारित किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की संघीय व वैधानिक शाखाएं कबीलाई सरकारों को समाप्त कर दें.<ref>{{cite web |url=http://www.indiancountry.com/articles/headline-2000-07-12-01.shtml |archiveurl=https://web.archive.org/web/20000902214724/http://www.indiancountry.com/articles/headline-2000-07-12-01.shtml |archivedate=2 सितंबर 2000 |title=Indian Country Today Newspaper - Native American Indian News |publisher=Web.archive.org |date=12 जुलाई 2000 |accessdate=22 अगस्त 2010 |url-status=dead }}</ref> सन 2007 में, [[डेमोक्रैटिक पार्टी|डेमोक्रेटिक पार्टी]] के कांग्रेस पुरुष सदस्यों (congressmen) व कांग्रेस महिला सदस्यों (Congresswomen) ने [[हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव|अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्ज़]] में शेरोकी राष्ट्र को "समाप्त" करने का एक विधेयक प्रस्तुत किया।<ref>{{cite web|url=http://www.tanasijournal.com/main/index.php?option=com_content&task=view&id=365&Itemid=1&ed=53|title=National Congress of American Indians Opposes Bill to Terminate the Cherokee Nation|date=7 जुलाई 2007|work=Tanasi Journal|publisher=Wisdom Keepers, Inc.|accessdate=6 नवम्बर 2009}}</ref> सन 2004 तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभिन्न अमेरिकी मूल-निवासी अन्य लोगों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों, जैसे पश्चिम में [[कोयला]] व यूरेनियम, की प्राप्ति के लिए उनकी आरक्षित भूमियों पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए किये जाने वाले प्रयासों के प्रति सतर्क हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.angelfire.com/band/senaaeurope/DRelocation.html |work=Senaa |title=The Genocide and Relocation of the Dine'h (Navajo) |accessdate=February 8, 2006}}</ref><ref>{{cite web|url=http://www.shundahai.org/bigmtbackground.html |work=Shundahai.org |title=The Black Mesa Syndrome: Indian Lands, Black Gold |accessdate=February 8, 2006}}</ref><ref>{{cite web|url=http://lists.wayne.edu/cgi-bin/wa?A2=ind9703&L=tamha&F=&S=&P=7661 |work=LISTSERV at Wayne State University|title=Big Mountain Update 1 फ़रवरी 1997 |accessdate=February 8, 2006}}</ref>
ਲਾਈਨ 658:
=== सामाजिक भेदभाव, नस्लवाद और संघर्ष ===
{{Indigenous rights}}
[[चित्रFile:No beer sold to indians.jpg|left|thumb|300px|एक बार के ऊपर लगा हुआ एक विभेदकारी संकेत.बर्नी, मोन्टाना, 1941.]]
 
संभवतः इसलिए कि अधिकांश अमेरिकी मूल-निवासी प्रमुख जनसंख्या केन्द्रों से अपेक्षाकृत पृथक आरक्षित क्षेत्रों में रहते हैं, विश्वविद्यालयों ने सामान्य जनता के बीच उनके प्रति दृष्टिकोण के बारे में अपेक्षाकृत कम सार्वजनिक अभिमत अनुसंधान किया है। सन 2007 में, नॉन-पार्टिसन पब्लिक एजेंटा संगठन ने एक केन्द्रित समूह अध्ययन आयोजित किया। अधिकांश अमेरिकी मूल-निवासियों ने यह स्वीकार किया कि अपने दैनिक जीवन में शायद ही कभी उनका सामना अमेरिकी मूल-निवासियों से हुआ है। हालांकि वे अमेरिकी मूल-निवासियों के प्रति सहानुभूति रखते थे और अतीत के प्रति खेद व्यक्त कर रहे थे, लेकिन उनमें से अधिकांश लोगों के पास अमेरिकी मूल-निवासियों द्वारा झेली जा रही समस्याओं की केवल एक अस्पष्ट समझ ही थी। जहाँ तक अमेरिकी मूल-निवासियों की बात है, तो उन्होंने अनुसंधानकर्ताओं को बताया कि उन्हें लगता था कि वृहत्तर समाज में आज भी उन्हें पूर्वाग्रह और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा था।<ref>{{cite web|url=http://www.publicagenda.org/reports/walking-mile-first-step-toward-mutual-understanding |work=Public Agenda|title=Walking a Mile: A Qualitative Study Exploring How Indians and Non-Indians Think About Each Other |accessdate=जुलाई 25, 2008}}</ref>
ਲਾਈਨ 715:
 
==== खेलों में अमेरिकी मूल-निवासी शुभंकर ====
[[चित्रFile:Chief Osceola on Renegade FSU.jpg|thumb|upright|फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शुभंकर चीफ ऑसिओला की भूमिका निभा रहा एक विद्यार्थी]]
 
खेलों में अमेरिकी मूल-निवासी शुभंकरों का प्रयोग [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] और [[कनाडा]] में विवाद का एक मुद्दा बन चुका है। अमेरिकियों का "इन्डियन्स के साथ खिलवाड़ करने" का एक इतिहास रहा है, जो कम से कम अठारहवीं सदी से चला आ रहा है।<ref name="Calloway">फर्स्ट पीपल्स, कॉलिन जी. कैलोवे, 2 संस्करण, 2004</ref> कई लोग{{Who|date=जून 2009}} पारंपरिक अमेरिकी मूल-निवासी योद्धा की छवि से जुड़े नायकत्व और रूमानियत की प्रशंसा करते हैं, लेकिन अनेक{{Quantify|date= फ़रवरी 2010}} अमेरिकी मूल-निवासी{{Which?|date= फ़रवरी 2010}} उनसे जुड़ी वस्तुओं का प्रयोग शुभंकर के रूप में किये जाने को आक्रामक और अपमानजनक मानते हैं। हालांकि कई विश्वविद्यालयों (उदाहरणार्थ, नॉर्थ डैकोटा फाइटिंग सायॉक्स ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ डैकोटा) और व्यावसायिक खेल टीमों (उदाहरणार्थ, चीफ वाहू ऑफ क्लीवलैंड इंडियन्स) अब ऐसी छवियों का प्रयोग अमेरिकी मूल-निवासी राष्ट्रों से परामर्श लिए बिना नहीं करते, लेकिन निम्न स्तर के कुछ विद्यालय, जैसे वैलेजो, सीए (CA) स्थित वैलेजो हाई स्कूल और क्रॉकेट, सीए (CA) स्थित जॉन स्वेट हाई स्कूल, व निम्न स्तर की अन्य खेल टीमें {{Which?|date=जून 2009}} अभी भी ऐसा करती हैं। कैलिफोर्निया के बे एरिया में अनेक हाई स्कूल, जैसे टॉमेलेस बेस हाई और सीक्युआ हाई ने अपने शुभंकरों को सेवानिवृत्त कर दिया है।
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}}</ref> }}
 
=== यूरोपीय व अमेरिकियों द्वारा चित्रणFileण ===
[[चित्रFile:North carolina algonkin-rituale02.jpg|right|240px|thumb|जॉन व्हाइट द्वारा रोआनोके इन्डियन्स का स्केच]]
[[चित्रFile:UsaP340-5Dollars-1899-altered f.jpg|thumb|250px|पांच-डॉलर के सिल्वर सर्टिफिकेट पर अमेरिकन इन्डियन, 1899]]
[[चित्रFile:IndianFigureCityHallTowerc.1892.jpg|240px|thumb|अलेक्ज़ेंडर मिल्ने काल्डेर द्वारा 1892 में बनाई गई शिल्पाकृति, जो फिलाडेल्फिया सिटी हॉल में स्थापित है। ]]
विभिन्न ऐतिहासिक कालों के दौरान अमेरिकी कलाकारों द्वारा अमेरिकी मूल-निवासियों का चित्रणFileण अनेक प्रकार से किया गया है। सोलहवीं शताब्दी के दौरान, कलाकार जॉन व्हाइट ने दक्षिणपूर्वी राज्यों के मूल-निवासी लोगों के जलरंग चित्रFile व नक्काशीदार चित्रFile बनाए. जॉन व्हाइट के चित्रFile, अधिकांशतः, उनके द्वारा देखे गए लोगों के सच्चे प्रतिरूप थे।
 
बाद में, कलाकार थिरोडोर डे ब्राय ने श्वेतों के मूल जलरंग चित्रोंFileों का प्रयोग करके नक्काशीदार चित्रोंFileों की एक पुस्तक बनाई, जिसका शीर्षक ''ए ब्रीफ एंड ट्रु रिपोर्ट ऑफ द न्यू फाउंड लैंड ऑफ वर्जिनिया (A briefe and true report of the new found land of virginia)'' था। अपनी पुस्तक में, डे ब्राय ने अक्सर श्वेतों की आकृतियों की मुद्राओं व लक्षणों में परिवर्तन कर दिया, ताकि वे अधिक यूरोपीय दिखाई दें. जिस अवधि में व्हाइट और डे ब्राय कार्य कर रहे थे, जब यूरोपीय लोग पहली बार अमेरिकी मूल-निवासियों के संपर्क में आ रहे थे, उस दौरान यूरोपीय लोगों के मन में अमेरिकी मूल-निवासियों की संस्कृतियों के प्रति अत्यधिक रुचि थी। उनकी उत्सुकता ने डे ब्राय की पुस्तक जैसी किसी पुस्तक की मांग उत्पन्न कर दी.
 
उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के अनेक अमेरिकी व कनाडाई चित्रकारFileकार, जो कि अक्सर मूल-निवासी संस्कृति को लेखबद्ध करने व संरक्षित रखने की इच्छा द्वारा प्रेरित थे, ने अमेरिकी मूल-निवासियों से जुड़े विषयों में विशेषज्ञता हासिल की. एल्ब्रिज आएर बर्बैंक, जॉर्ज कैटलिन, सेठ और मैरी ईस्टमैन, पॉल केन, डब्ल्यू. लैंग्डन किन, चार्ल्स बर्ड किंग, जोसेफ हेनरी शार्प और जॉन मिक्स स्टैनली इनमें सर्वाधिक विख्यात हैं।
 
उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ में अमेरिकी संसद भवन (Capitol) के निर्माण के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने रोटुंडा के द्वारमार्ग के शिखर पर स्थापित किये जाने के लिए उभरी हुई नक्काशी वाले चार पैनलों की एक श्रृंखला के प्रयोग की अनुमति प्रदान की. उभरी हुई नक्काशी वाले ये चार पैनल यूरोपीय-अमेरिकी मूलनिवासी संबंधों के दृष्टिकोण को संपुटित करते हैं, जिसने उन्नसवीं सदी में एक पौराणिक ऐतिहासिक समानता प्राप्त कर ली थी। इन चार पैनलों में चित्रितFileित हैं: एन्टोनियो कैपेलानो द्वारा चित्रितFileित ''द प्रीज़र्वेशन ऑफ कैप्टन स्मिथ बाय पोकैहोन्टास'' (1825), एनरिको कौसिशि द्वारा चित्रितFileित ''द लैंडिंग ऑफ द पिलग्रिम्स'' (1825) व ''द कॉन्फ्लिक्ट ऑफ डैनियल बून एंड द इंडियन्स'' (1825-26), तथा निकोलस गेवलॉट द्वारा चित्रितFileित ''विलियम पेन'स ट्रीटी विथ द इंडियन्स'' (1827). उभरी हुई नक्काशी वाले ये चित्रFile यूरोपीय व अमेरिकी मूल-निवासी लोगों के आदर्श संस्करण प्रस्तुत करते हैं, जिनमें यूरोपीय लोग अधिक परिष्कृत व मूल-निवासी अति-क्रूर दिखाई देते हैं। वर्जीनिया के व्हिग प्रतिनिधि, हेनरी ए. वाइस, ने इस बात का एक विशिष्ट रूप से चतुर सारांश प्रस्तुत किया कि अमेरिकी मूल-निवासी इन चारों नक्काशीदार पैनलों में निहित संदेश को किस प्रकार पढ़ेंगे: "हम आपको मक्का देते हैं, आप धोखे से हमारी ज़मीनें छीन लेते हैं: हम आपका जीवन बचाते हैं, आप हमें मार डालते हैं। " हालांकि अमेरिकी मूल-निवासियों को चित्रितFileित करने वाले उन्नीसवीं सदी के अनेक चित्रोंFileों ने इसी प्रकार के नकारात्मक संदेश दिये, लेकिन चार्ल्स बर्ड किंग जैसे कलाकारों ने अमेरिकी मूल-निवासियों की एक अधिक संतुलित छवि प्रदर्शित करने का प्रयास किया।
 
इस समय के दौरान कुछ ऐसे काल्पनिक-कथा लेखक थे, जिन्हें अमेरिकी मूल-निवासियों के बारे में बताया गया और जिन्होंने सहानुभूतिपूर्वक इस विषय में लेखन किया। माराह एलिस रयान ऐसी ही एक लेखिका थीं।
 
बीसवीं सदी में, फिल्मों और [[दूरदर्शन|टेलीविजन]] भूमिकाओं में अमेरिकी मूल-निवासियों के प्रारम्भिक चित्रणFileण उपहासपूर्ण तरीके से पारंपरिक पोशाक पहने हुए यूरोपीय-अमेरिकियों द्वारा दर्शाए जाते थे। इसके उदाहरणों में ''द लास्ट ऑफ मोहिकान्स'' (1920), ''हॉकेये एंड द लास्ट ऑफ मोहिकान्स'' (1957) और ''एफ ट्रूप'' (1965-67) शामिल हैं। बाद के दशकों में, अमेरिकी मूल-निवासी अभिनेताओं, जैसे ''द लोन रेंजर'' टेलीविजन श्रृंखला (1949-57) में जे सिल्वरहील्स, ने प्रसिद्धि प्राप्त की. अमेरिकी मूल-निवासियों की भूमिकाएं सीमित हुआ करतीं थीं और वे अमेरिकी मूल-निवासी संस्कृति को प्रतिबिम्बित नहीं करतीं थीं। सन 1970 के दशक में, फिल्मों में अमेरिकी मूल-निवासियों की कुछ भूमिकाओं में सुधार हुआ: ''लिटिल बिग मैन'' (1970), ''बिली जैक'' (1971) और ''द आउटलॉ जोसी वेल्स'' (1976) में अमेरिकी मूल-निवासियों को छोटी सहायक भूमिकाओं में दिखाया गया।
 
खुले तौर पर नकारात्मक चित्रणFileण के अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका के टेलीविजन में भी मूल-निवासी लोगों को द्वितीयक, सहायक भूमिकाओं में धकेल दिया गया है। श्रृंखला ''बोनन्ज़ा'' के वर्षों (1959-1973) के दौरान, कोई भी प्रमुख या द्वितीयक मूल-निवासी पात्र सतत आधार पर दिखाई नहीं दिया. श्रृंखला ''द लोन रेंजर'' (1949-1957), ''शेयेन'' (1957-1963) और ''लॉ ऑफ द प्लेन्समैन'' (1959-1963) में ऐसे अमेरिकी मूल-निवासी पात्र थे, जो आवश्यक रूप से केन्द्रीय श्वेत पात्रों के सहायक थे। यह चरित्र-चित्रणFileण बाद के टेलीविजन प्रयोगों और कार्यक्रमों, जैसे ''हाउ द वेस्ट वॉज़ वॉन'', की भी एक विशेषता बना रहा. ये कार्यक्रम सन 1990 की "सहानुभूतिपूर्ण", लेकिन फिर भी अंतर्विरोधी फिल्म ''डांसेस विथ वोल्वस'' के समान था, जिसमें, एला शोहाट और रॉबर्ट स्टैम के अनुसार, कथा-वर्णन का चयन यूरो-अमेरिकी स्वर के माध्य से बताई गई लैकोटास कथा से संबंधित होने के लिए किया गया था, ताकि सामान्य दर्शकों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ सके.<ref>शोहत, एला और स्टैम, रॉबर्ट. ''अनथिंकिंग यूरोसेंट्रिज़्म: मल्टी कल्चरललिज़्म एंड द मिडिया'' . न्यूयॉर्क: रूटलेड्ज, 1994</ref>
''द लास्ट ऑफ द मोहिकान्स'' के सन 1992 के पुनर्निर्माण और ''[[Geronimo: An American Legend]]'' (1993) के की ही तरह ''डांसेस विथ वोल्वस'' में बड़ी संख्या में अमेरिकी मूल-निवासी अभिनेताओं को लिया गया था और मूल-निवासियों की भाषाओं को प्रदर्शित करने का कुछ प्रयास भी किया गया था।
 
सन 2004 में, सहायक-निर्माता गाय पेरोटा ने फिल्म ''[[Mystic Voices: The Story of the Pequot War]]'' (2004) प्रस्तुत की, जो कि उपनिवेशवादियों और अमेरिका के मूल-निवासी लोगों के बीच हुए पहले युद्ध पर बना एक टेलीविजन वृत्तचित्रवृत्तFile था। पेरोटा और चार्ल्स क्लेमॉन्स का उद्देश्य इस प्रारम्भिक घटना के महत्व की के संदर्भ में जनता की समझ को बढ़ाना था। उनका मानना था कि इसका महत्व केवल उत्तर-पूर्वी मूल-निवासी लोगों और अंग्रेज व डच उपनिवेशवादियों के वंशजों के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त वर्तमान अमेरिकियों के लिए था। निर्माता इस वृत्तचित्रवृत्तFile को ऐतिहासिक रूप से अचूक और यथासंभव निष्पक्ष बनाना चाहते थे। उन्होंने व्यापक आधार वाले एक परामर्श मंडल को आमंत्रित किया और कथा के वर्णन में सहायता प्रदान करने के लिए विद्वानों, अमेरिकी मूल-निवासियों और उपनिवेशवादियों के वंशजों का प्रयोग किया। उन्होंने समकालीन अमेरिकियों के व्यक्तिगत और अक्सर भावुक दृष्टिकोण प्राप्त किये. इस निर्माण ने उस टकराव का चित्रणFileण विभिन्न मूल्यों वाली प्रणालियों के बीच हुए संघर्ष के रूप में किया, जिसमें केवल पिकोट ही नहीं, बल्कि अनेक अमेरिकी मूल-निवासी कबीले शामिल थे, जिनमें से अधिकांश ने अंग्रेज़ों का साथ दिया. यह न केवल तथ्यों को प्रस्तुत करता है, बल्कि उन लोगों को समझने में दर्शकों की सहायता भी करता है, जिन्होंने युद्ध लड़ा था।
 
सन 2009 में, रिक बर्न्स द्वारा निर्मित एक टेलीविजन वृत्तचित्रवृत्तFile और अमेरिकन एक्सपीरियन्स श्रृंखला के एक भाग, ''वी शैल रिमेन'' (2009), ने पांच-कड़ियों की एक श्रृंखला "अमेरिकी मूल-निवासियों के दृष्टिकोण से" प्रदर्शित की: यह "मूल-निवासियों और गैर-मूलनिवासी फिल्म निर्माताओं के बीच एक अभूतपूर्व सहयोग का प्रतिनिधित्व करती है और इसमें परियोजना के सभी स्तरों पर मूल-निवासी परामर्शदाताओं व विद्वानों को शामिल किया गया है। "<ref>{{Cite news| first= | last= | coauthors= |authorlink= | title=About the Project: We Shall Remain | date= | publisher= | url =http://www.pbs.org/wgbh/amex/weshallremain/the_films/about | work = | pages = | accessdate = 16 जून 2009 | language = }}</ref> ये पांच कड़ियाँ उत्तर-पूर्वी कबीलों पर किंग फिलिप के युद्ध के प्रभाव, तेकुम्सेह के युद्ध में शामिल "अमेरिकी मूल-निवासी संघ", ट्रेल ऑफ टीयर्स से बलपूर्वक विस्थापन, जेरोनिमो की खोज व अधिकार और अपाचे युद्धों का वर्णन करती हैं, तथा वुंडेड नी की घटना में अमेरिकन इन्डियन आंदोलन की सहभागिता और उसके बाद आधुनिक मूल-निवासी संस्कृति में हुए पुनरुत्थान के वर्णन के साथ समाप्त होतीं हैं।
 
=== शब्दावली में मतभेद ===
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अधिक आम तौर पर अमेरिकी मूल-निवासियों को इन्डियन्स या अमेरिकन इन्डियन्स के रूप में जाना जाता है और उन्हें अमेरिकी आदिवासियों, अमेरिन्डियन्स, अमेरिन्ड्स, कलर्ड,<ref name="clr" /><ref name="osv">{{cite web|title=OSV Documents – Historical Background on People of Color in Rural New England in the Early 19th Century|url=http://www.osv.org/explore_learn/document_viewer.php?DocID=2044|year=2003|accessdate=12 जून 2009|publisher=Old Sturbridge Inc|author=Jack Larkin}}</ref> पहले अमेरिकियों, इन्डियन मूल-निवासियों, मूल-निवासी लोगों, मूल अमेरिकियों, रेड इन्डियन्स, रेडस्किन्स या रेड मेन के नाम से जाना जाता रहा है।
[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में विद्वानों द्वारा पुराने ''इन्डियन'' शब्द के बजाय ''अमेरिकी मूल-निवासी'' शब्द का प्रयोग मूलतः [[इंडियन (अमेरिका के आदिवासी)|अमेरिका के मूल-निवासियों]] व भारत के लोगों के बीच अंतर करने और उन नकारात्मक रूढ़िवादियों से बचने के लिए किया गया था, जो कि ''इन्डियन'' शब्द से जुड़े माने जाते थे। शैक्षणिक समूहों में इस नई शब्दावली को अपना लिए जाने के कारण, कुछ विद्वानों का विश्वास है कि ''इन्डियन्स'' को अप्रचलित या आक्रामक मान लिया जाना चाहिये. हालांकि अनेक वास्तविक अमेरिकी मूल-निवासी लोग ''अमेरिकन इन्डियन्स'' कहलाना पसंद करते हैं। साथ ही, कुछ लोग इस बात का उल्लेख करते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मा कोई भी व्यक्ति, तकनीकी रूप से, अमेरिकी मूल का ही व्यक्ति होता है और इस बात का कि जिन विद्वानों ने पहले-पहल ''अमेरिकी मूल-निवासी'' शब्द को प्रचारित किया, उन्होंने भ्रमवश ''मूल-निवासी (native)'' शब्द को ''देशज (indigenous)'' के अर्थ में लिया। भारत से आए लोग (और उनके वंशज) जो संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं, उन्हें ''इन्डियन अमेरिकन्स'' या ''एशियन इन्डियन्स'' कहा जाता है।
[[चित्रFile:Martha gradolf hochunk.jpg|thumb|left|upright|मार्था ग्रैडोल्फ, इन्डियाना की होचुंक बुनकर]]
 
हालांकि, [[नवनिर्मित प्रयोग]] ''अमेरिकी मूल-निवासी'' की आलोचना की शुरुआत विविध स्रोतों से हुई. अनेक अमेरिकन इन्डियन्स के मन में ''अमेरिकी मूल-निवासी'' शब्द को लेकर संदेह है। रसेल मीन्स, एक अमेरिकन इन्डियन कार्यकर्ता, ''अमेरिकी मूल-निवासी'' शब्द के विरोधक हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह शब्द सरकार द्वारा अमेरिकन इन्डियन्स की सहमति के बिना थोपा गया था। उन्होंने यह तर्क भी दिया है कि इन्डियन शब्द का यह प्रयोग [[भारत|इन्डिया]] शब्द के साथ भ्रम के कारण नहीं, बल्कि [[स्पेनिश भाषा|स्पेनी]] भाषा के वाक्य ''एन डियो (En Dio)'', जिसका अर्थ है "ईश्वर में", से उत्पन्न हुआ है।<ref>रसेल मीन्स की "आई एम एन अमेरिकन इन्डियन, नॉट अ नेटिव अमेरिकन!" शीर्षक वाली रचना से संदर्भित-खण्ड http://www.peaknet.net/~aardvark/means.html या http://www.russellmeans.com/russell.html पर अब उपलब्ध नहीं है;तिथि व प्रकाशक (ट्रिटी प्रोडक्शन्स, 1996) तथा उल्लेख यहाँ [http://www.learnnc.org/lp/editions/nc-american-indians/5526 ] और यहाँ [http://www.pbs.org/wgbh/roadshow/fts/bismarck_200504A16.html ] प्रदत्त तथा वे सामान्य विषय एवं कुछ माध्यमों के योगदान को शामिल करते हैं, लेकिन उनमें "एन डियो" का कोई संदर्भ नहीं है और टेक्स्ट से जुड़े लिंक्स कार्य नहीं कर रहे हैं। लिंक अनुसंधान 14-06-2010.</ref> इसके अलावा कुछ अमेरिकन इन्डियन्स {{Who|date=अक्टूबर 2009}} ''अमेरिकी मूल-निवासी'' शब्द पर प्रश्न-चिह्न लगाते हैं क्योंकि उनका तर्क है कि यह वर्तमान में "इन्डियन्स" को प्रभावी रूप से दूर हटाकर अतीत में अमेरिकन इन्डियन्स के साथ किये गए अन्याय के संदर्भ में "श्वेत अमेरिका" की अंतरात्मा को राहत प्रदान करता है।<ref>{{cite web|url=http://www.allthingscherokee.com/atc_sub_culture_feat_events_070101.html |work=All Things Cherokee|title=What's in a Name? Indians and Political Correctness |accessdate=February 8, 2006}}</ref> अभी भी अन्य लोगों (इन्डियन्स और गैर-इन्डियन्स दोनों){{Who|date=अक्टूबर 2009}} यह तर्क देते हैं कि ''अमेरिकी मूल-निवासी'' शब्द समस्यामूलक है क्योंकि "के मूल-निवासी" का अर्थ होता है "में जन्मे", अतः अमेरिका में जन्मे किसी भी व्यक्ति को "मूल-निवासी" माना जा सकता है। हालांकि, अक्सर संयुक्त शब्द "अमेरिकी मूल-निवासी (Native American)" को अंग्रेज़ी भाषा में लिखते समय बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, ताकि इसके अभीष्ट अर्थ को अन्य अर्थों से अलग पहचाना जा सके. इसी तरह जब अभीष्ट अर्थ केवल जन्म के स्थान या मूल-स्थान को सूचित करना हो, तो शब्द "मूल-निवासी" (छोटे 'n' के साथ लिखा native शब्द) को "जन्म से मूल-निवासी (native-born)" जैसे नि्रूपणों द्वारा और स्पष्ट किया जा सकता है।
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=== जुआ उद्योग ===
[[चित्रFile:Sandia Casino, detail.jpg|thumb|सैंडिया कैसिनो, जिसके मालिक न्यू मेक्सिको के सैंडिया प्युएब्लो हैं]]
जुआ एक अग्रणी उद्योग बन चुका है। संयुक्त राज्य अमेरिका में अनेक अमेरिकी मूल-निवासी सरकारों द्वारा संचालित जुआघर (Casino) बहुत बड़ी मात्रा में जुए से मिलने वाला राजस्व उत्पन्न कर रहे हैं, जिसका लाभ कुछ समुदायों द्वारा विविधतापूर्ण अर्थ-व्यवस्थाओं के निर्माण के लिए भी लिया जाने लगा है। अमेरिकी मूल-निवासी समुदायों ने आत्म-निर्धारण व प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग के अधिकारों की मान्यता को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी लड़ाइयाँ लड़ीं हैं और उनमें जीत भी हासिल की है। उनमें से कुछ अधिकार, जिन्हें संधि अधिकार के नाम से जाना जाता है, नवगठित संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों के साथ हस्ताक्षरित प्रारम्भिक संधियों में वर्णित हैं। कबीलाई संप्रभुता अमेरिकी न्यायप्रणाली की और कम से कम ऊपरी तौर पर, राष्ट्रीय विधायिका नीतियों में आधारशिला बन गई है। हालांकि अनेक अमेरिकी मूल-निवासी कबीलों में जुआघर हैं, लेकिन अमेरिकी मूल-निवासी जुए का प्रभाव व्यापक रूप से विवादित है। कुछ कबीले, जैसे रेडिंग, कैलिफोर्निया का विनेमेम विंटु, महसूस करते हैं कि जुआघर और उनसे होने वाली आय संस्कृति को भीतर से बाहर तक पूरी तरह नष्ट कर देती है। ये कबीले जुआ उद्योग में सहभागी होने से इंकार करते हैं।
 
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उत्तरी अमेरिका के देशज लोगों को अनेक बड़े सांस्कृतिक क्षेत्रों से संबद्ध लोगों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है:
[[चित्रFile:Early Localization Native Americans USA.jpg|thumb|right|350px|संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रारम्भिक इन्डियन भाषाएं]]
* अलास्का के मूल-निवासी
** आर्कटिक: एस्किमो-एल्यूट
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=== सांस्कृतिक पहलू ===
[[चित्रFile:Hopi woman dressing hair of unmarried girl.jpg|thumb|सन 1900 में अविवाहित लड़की के बालों को संवारती होपी महिला.]]
[[चित्रFile:Navajo Sheep.jpg|thumb|200px|right|भेड़ नवाजो परंपरा और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पहलू बनी हुई है। ]]
 
हालांकि सांस्कृतिक विशेषताओं, भाषा, पोशाक और परंपराओं में एक से दूसरे कबीले के बीच बहुत अधिक अंतर है, लेकिन कुछ ऐसे निश्चित तत्व हैं जो अक्सर दिखाई देते हैं और कई कबीलों में साझा तौर पर मौजूद हैं।
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=== संगठन ===
[[चित्रFile:Zuni-girl-with-jar2.png|thumb|upright|सन 1909 में अपने सिर पर मिट्टी का बर्तन ले जाती ज़ुनी युवती]]
 
==== जेन्स संरचना ====
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==== कबीलाई संरचना ====
विभिन्न समूहों के बीच उप-विभाजन और अंतर होते थे। उत्तरी अमेरिका में चालीस से अधिक सामान्य भाषाएँ विकसित हुईं और प्रत्येक स्वतंत्र कबीला इनमें से किसी एक भाषा की कोई बोली बोला करता था। कबीलों के कुछ कार्य और विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
[[चित्रFile:Shonto begay.jpg|thumb|upright|शॉन्टो बेगे, एरिज़ोना के डायने (Diné) चित्रकारFileकार]]
* पुरुषों का आधिपत्य.
* अपने सरदारों और प्रमुखों को अपदस्थ करने का अधिकार.
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[[महान संयुक्त झीलें|महान झीलों]] और विस्तारित पूर्व तथा उत्तर के आस-पास रहनेवाले आइरोक्युइस लोग ''वैंपम (Wampum)'' नामक रस्सियों या पट्टों का प्रयोग किया करते थे, जो दो कार्यों के लिए उपयोगी थे: इनकी गांठें व मणि-युक्त रचना ऐतिहासिक कबीलाई कहानियों व दन्तकथाओं की याद दिलातीं थीं और साथ ही लेन-देन के माध्यम तथा मापन की एक ईकाई के रूप में भी कार्य करतीं थीं। वस्तुओं के धारकों को कबीले के उच्च-पदाधिकारियों के रूप में देखा जाता था।<ref>[http://www.tolatsga.org/iro.html इरोकुइस इतिहास.] 23 फ़रवरी 2006 को पुनःप्राप्त.</ref>
 
प्युएब्लो लोग अपने धार्मिक आयोजनों से संबंधित प्रशंसनीय कलाकृतियाँ बनाया करते थे। विभिन्न पैतृक आत्माओं का रूप धारण करने के लिए ''कचिना'' नर्तक सुपरिष्कृत रूप से रंगे हुए और सजावटी मुखौटे पहनते थे। मूर्तिकला बहुत अधिक विकसित नहीं थी, लेकिन धार्मिक उपयोग के लिए खुदे हुए पत्थर और लकड़ी की पूजा-वस्तुओं का प्रयोग किया जाता था। उन्नत बुनाई, कशीदाकारी-युक्त सजावट और उन्नत किस्म के रंग वस्र-कला की पहचान थे। फिरोज़ा और सीप दोनों के गहने बनाए जाते थे और मिट्टी के बर्तनों और औपचारिक रूप वाली चित्रात्मकFileात्मक कलाएं भी उच्च-गुणवत्ता वाली हुआ करतीं थीं।
 
नवाजो आध्यात्मिकता आत्माओं की दुनिया के साथ एक मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने पर केन्द्रित थी, जिसके लिए अक्सर आयोजनात्मक कृत्य किये जाते थे, जिनमें अक्सर रंगीन रेत की सहायता से की जाने वाली चित्रकारीFileकारी (Sandpainting) का प्रयोग किया जाता था। रेत, चारकोल, मोटे मक्के और पराग कणों से बने रंग विशिष्ट आत्माओं के प्रतीक थे। रेत की ये चमकीली, गूढ़ और रंगीन रचनाएं आयोजन के अंत में मिटा दी जातीं थीं।
 
=== कृषि ===
[[चित्रFile:Zea mays.jpg|thumb|right|upright|अमेरिकी मूल-निवासियों द्वारा उगाया गया मक्का]]
[[चित्रFile:1940 govt photo minnesota farming scene chippewa baby teething on magazine indians at work.jpg|thumb|left|upright|शिपेवा शिशु एक झूलागाड़ी पर प्रतीक्षा कर रहा है, जबकि उसके माता-पिता धान के पौधों की रखवाली कर रहे हैं (मिनेसोटा, 1940).]]
 
अमेरिकी मूल-निवासियों द्वारा पहले-पहल उगाई गई एक फसल कुम्हड़ा (Squash) थी। अन्य शुरुआती फसलों में [[कपास]], [[सूरजमुखी]], कद्दू, तंबाकू, गूज़फूट (goosefoot), छोटी घास (knotgrass) और हौदी शैवाल थीं।
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=== धर्म ===
[[चित्रFile:Baptism of Pocahontas.jpg|320px|thumb|right|पोकाहोंटा लोगों के बपतिस्मा को सन 1840 में चित्रितFileित किया गया था। जॉन गैड्सबी चैपमैन ने श्वेत वस्र पहने पोकाहोंटा लोगों को चित्रितFileित किया है, जिन्हें जेम्सटाउन, वर्जिनिया में एंग्लिकन मंत्री एलेक्ज़ेंडर व्हाइटेकर द्वारा रेबेका बपतिस्मा दिया जा रहा है; ऐसा माना जाता है कि यह घटना सन 1613 या 1614 में हुई थी।]]
 
अमेरिकी मूल-निवासियों के परंपरागत रिवाजों का आज भी अनेक कबीलों और समुदायों द्वारा पालन किया जाता है और धार्मिक विश्वास की पुरानी प्रणालियों को आज भी अनेक "पारंपरिक" लोगों द्वारा माना जाता है। {{Specify|date=जुलाई 2009}} इन आध्यात्मिक बातों के साथ कोई अन्य मत जुड़ा हो सकता है, अथवा ये किसी व्यक्ति की मुख्य धार्मिक पहचान का प्रतिनिधित्व भी कर सकतीं हैं। हालांकि, अधिकांश अमेरिकी मूल-निवासी आध्यात्मिकता एक कबीलाई-सांस्कृतिक सांतत्यक में जारी है और इसे स्वतः कबीलाई पहचान से सरलतापूर्वक पृथक नहीं किया जा सकता, लेकिन अमेरिकी मूल-निवासी अनुयायियों में कुछ अन्य अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित आंदोलन उपजे हैं, जिन्हें नैदानिक अर्थ में "धार्मिक" के रूप में पहचाना जा सकता है। कुछ कबीलों की पारंपरिक पद्धतियों में तंबाकू, मीठी-घास या तेजपात जैसी पवित्र जड़ी-बूटियों का प्रयोग शामिल है। अनेक मैदानी कबीलों में स्वेटलॉज (Sweatlodge) का रिवाज है, हालांकि इस रिवाज की विशिष्ट पद्धति को लेकर कबीलों के बीच अंतर है। उपवास, गायन और उन लोगों की पुरातन भाषाओं में गायन, तथा कभी-कभी ड्रम-वादन भी आम हैं।
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=== लिंग आधारित भूमिकाएं ===
[[चित्रFile:Doctor.susan.la.flesche.picotte.jpg|thumb|upright|left|डॉ॰ सुसान ला फ्लेशे पिकोटे संयुक्त राज्य अमेरिका में चिकित्सक बनने वाली पहले अमेरिकी मूल-निवासी महिला थीं।]]
 
अधिकांश अमेरिकी मूल-निवासी कबीलों में पारंपरिक रूप से लिंग आधारित भूमिकाएं होती थीं।{{Citation needed|date=जुलाई 2010}} कुछ कबीलों, जैसे आइरोक्युइस राष्ट्र, में समाज और गोत्र संबंध मातृवंशीय तथा/या मातृसत्तात्मक होते थे, हालांकि अनेक विभिन्न प्रणालियाँ प्रचलित थीं। इसका एक उदाहरण शेरोकी लोगों की वह परंपरा है, जिसके अनुसार परिवार की संपत्ति पर पत्नियों का अधिकार होता है। पुरुष शिकार किया करते थे, व्यापार करते थे और युद्ध लड़ा करते थे, जबकि महिलाएँ पौधे इकट्ठा करतीं थीं, छोटे बच्चों व बूढ़े सदस्यों का लालन-पालन करतीं थीं, वस्रों व वाद्य-यंत्रों की रचना करतीं थीं और मांस को सुखाकर उसमें नमक भरकर रखा करती थीं। कार्य करते या यात्रा करते समय माताएं अपने बच्चों को साथ ले जाने के लिए झूलागाड़ी (Cradleboard) का प्रयोग किया करतीं थीं।<ref>बियट्रिस मेडिसिन द्वारा [http://college.hmco.com/history/readerscomp/naind/html/na_013100_gender.htm जेंडर], उत्तर अमेरिकी भारतीयों का विश्वकोश. 99 फ़रवरी 2006 को पुनःप्राप्त.</ref> कुछ (लेकिन सभी नहीं) कबीलों में, द्वि-लिंगी (two-spirit) व्यक्ति मिश्रित या तृतीय लिंग की भूमिका निभाते थे।
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==== टीम आधारित ====
[[चित्रFile:Ball players.jpg|thumb|जॉर्ज कैटलिन द्वारा सन 1830 के दशक में चित्रितFileित चोकटॉ और लैकोटा कबीलों के बॉल खिलाड़ी.]]
 
अक्सर विवादों के निपटारे के लिए युद्ध करने के बजाय अमेरिकी मूल-निवासियों द्वारा गेंद से खेले जाने वाले खेलों, जिनका उल्लेख कभी-कभी लैक्रोसे, स्टिकबॉल या बैगाटवे के रूप में किया जाता है, का प्रयोग किया जाता था, जो कि संभावित टकराव को सुलझाने का एक नागरिक तरीका था। चोकटॉ लोग इसे इसीटोबोली (ISITOBOLI) ("युद्ध का छोटा भाई") कहते थे;<ref name="choctaw_stickball">
ਲਾਈਨ 912:
| year = 2002–2005
}}
</ref> यह खेल एक या दो रैकेट्स/छड़ों व एक गेंद के द्वारा खेला जाता था। इस खेल का उद्देश्य गेंद को विरोधी टीम ले गोल (कोई एकल पोस्ट या जाली) में मारकर स्कोर बनाना और विरोधी टीम को अपने गोल में स्कोर करने से रोकना होता था। इस खेल में न्यूनतम बीस और अधिकतम 300 खिलाड़ी शामिल होते थे और इसमें ऊंचाई या भार के संदर्भ में कोई सीमाएँ और कोई सुरक्षात्मक उपकरण नहीं हुआ करते थे। गोल एक दूसरे कुछ फीट से लेकर कुछ मील तक की दूरी पर लगाए जा सकते थे; लैक्रोसे में मैदान 110 यार्ड का होता था। एक जेसुइट पुजारी{{Who|date=अगस्त 2009}} ने सन 1729 में स्टिकबॉल का उल्लेख किया और जॉर्ज कैटलिन ने इस विषय को चित्रितFileित किया।
 
==== व्यक्ति-आधारित ====
ਲਾਈਨ 918:
 
==== अमेरिकी ओलंपिक ====
[[चित्रFile:Jim Thorpe 1913b-cr.jpg|thumb|स्वीडन के राजा गुस्ताफ पंचम ने जिम थोर्पे को "विश्व का महानतम खिलाड़ी" कहा]]
[[चित्रFile:BillyMills Crossing Finish Line 1964Olympics.jpg|thumb|right|सन 1864 के टोक्यो ओलिंपिक में 10,000 मीटर के लिए अंतिम रेखा को पार करते बिली मिल्स]]
जिम थोर्पे, एक सॉक एंड फॉक्स अमेरिकी मूल-निवासी, बीसवीं सदी के प्रारम्भिक भाग में फुटबॉल और बेसबॉल खेलने वाले ऑल-राउंडर खिलाड़ी थे। ड्वाइट आइज़नहॉवर, जो बाद में राष्ट्रपति बने, ने युवा थोर्पे को रोकने के प्रयास में अपना घुटना घायल कर लिया था। सन 1961 के एक भाषण में, आइज़नहॉवर ने थोर्पे को याद करते हुए कहा: "यहाँ या वहाँ, कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें ईश्वरीय वरदान प्राप्त होता है। मेरी स्मृति जिम थोर्पे की ओर वापस जाती है। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी अभ्यास नहीं किया और वे मेरे द्वारा आज तक देखे गए किसी भी फुटबॉल खिलाड़ी से बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। "<ref name="CNN">बोटेल्हो, ग्रेग. [http://www.cnn.com/2004/WORLD/europe/07/09/jim.thorpe/ रोलर-कोस्टर लाइफ ऑफ़ इंडियन आइकन, स्पोर्ट्स' फर्स्ट स्टार], CNN.com, 14 जुलाई 2004. 23 अप्रैल 2007 को पुनःप्राप्त.</ref>
 
ਲਾਈਨ 929:
 
=== संगीत और कला ===
[[चित्रFile:Jake fragua jemez pueblo.jpg|thumb|upright|जेक फ्रैगुआ, न्यू मेक्सिको से जेमेज़ प्युएब्लो]]
पारंपरिक अमेरिकी मूल-निवासी संगीत लगभग पूरी तरह एक ध्वन्यात्मक होता है। अमेरिकी मूल-निवासी संगीत में अक्सर ड्रम वादन तथा/या झुनझुने अथवा अन्य तालवाद्य बजाना शामिल होता है, लेकिन अन्य वाद्य-यंत्रों का बहुत कम प्रयोग किया जाता है। लकड़ी, बांस या हड्डियों से बनी बांसुरी और सीटियाँ भी बजाईं जाती हैं, सामान्यतः व्यक्तियों द्वारा, लेकिन प्राचीन काल में ये बड़े समू्हों द्वारा भी बजाई जाती थीं (जैसा कि स्पेनी अभियानकर्ता डी सोटो ने उल्लेख किया है). इन बासुंरियों का समस्वरण सटीक नहीं होता और यह प्रयुक्त लकड़ी की लंबाई और अभीष्ट वादक के हाथ के आकार पर निर्भर होता है, लेकिन अंगुलियों के लिए बने छिद्र अधिकांशतः एक पूरे कदम की दूरी पर होते हैं, कम से कम उत्तरी कैलिफोर्निया में, यदि किसी बांसुरी में यह अंतराल आधे कदम के आस-पास पाया जाता था, तो उसका प्रयोग नहीं किया जाता था।
 
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संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासियों के बीच सबसे ज्यादा प्रचलित सार्वजनिक संगीत प्रारूप पॉव-वॉव है। पॉव-वॉव, जैसे कि अल्बुकर्क, [[नया मेक्सिको|न्यू मेक्सिको]] में होने वाले राष्ट्रों के सम्मेलन, में ड्रम समूहों के सदस्य एक बड़े ड्रम के चारों ओर एक घेरे में बैठते हैं। ड्रम समूह एक साथ मिलकर वादन करते हैं और एक मूल-निवासी भाषा में गीत गाते हैं, तथा रंग-बिरंगे राजचिह्नों से सजे नर्तक केन्द्र में बैठे हुए ड्रम समूहों के चारों ओर घड़ी की सुई की दिशा में घूमते हुए नृत्य करते हैं। परिचित पॉव-वॉव गीतों में सम्मान गीत, अंतर्कबीलाई गीत, क्रो-हॉप, स्नीक-अप गीत, ग्रास-नृत्य, टू-स्टेप, स्वागत गीत, घर लौटते समय गाए जाने वाले गीत और युद्ध के गीत शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश देशज समुदाय पारंपरिक गीतों व आयोजनों का भी पालन करते हैं, जिनमें से कुछ को केवल समुदाय के भीतर ही साझा किया व पालन किया जाता है।<ref>{{Cite book|author=Bierhosrt, John |title=A Cry from the Earth: Music of North American Indians |publisher=Ancient City Press |year=1992}}</ref>
 
अमेरिकी मूल-निवासियों की कला विश्व के कला संग्रह की एक मुख्य श्रेणी की रचना करती है। अमेरिकी मूल-निवासियों के योगदान में मिट्टी के बर्तन बनाने की कला (अमेरिकी मूल-निवासियों की मिट्टी के बर्तन बनाने की कला), [[चित्रकलाFileकला]], आभूषण-निर्माण, बुनाई, [[मूर्ति कला|शिल्पाकृतियां]], डलिया बनाने की कला और नक्काशी की कला शामिल हैं। फ्रैंकलिन ग्रिट्स एक शेरोकी कलाकार थे, जो सन 1940 के दशक, अमेरिकी मूल-निवासी चित्रकारोंFileकारों के ''स्वर्ण-काल'', में हास्केल इंस्टीट्यूट (अब हास्केल इंडियन नेशन्स यूनिवर्सिटी) में कबीलों से आने वाले छात्रों को शिक्षा दिया करते थे।
 
कुछ अमेरिकी मूल-निवासी कला-कृतियों की सत्यता की रक्षा कांग्रेस के एक कानून द्वारा की जाती है, जो किसी भी ऐसी कला-कृति, जो किसी नामांकित अमेरिकी मूल-निवासी कलाकार द्वारा न बनाई गई हो, को अमेरिकी मूल-निवासी कलाकृति के रूप में प्रस्तुत किये जाने से रोकता है।
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==== आर्थिक विकास में आने वाली बाधाएं ====
[[चित्रFile:The King of the Seas in the Hands of the Makahs - 1910.jpg|thumb|"द किंग ऑफ द सीज़ इन द हैण्ड्स ऑफ द मकाह्स", सन 1910 में मकाह अमेरिकी मूल-निवासियों का लिया गया चित्रFile]]
आज, जुआघरों का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे कबीलों के अतिरिक्त, अनेक कबीले संघर्षरत हैं। ऐसा अनुमान है कि अमेरिकी मूल-निवासियों की संख्य 2.1 मिलियन है और वे सभी नस्लीय समुदायों में सबसे गरीब हैं। सन 2000 की जनगणना के अनुसार, अनुमानित रूप से 400,000 अमेरिकी मूल-निवासी आरक्षित भूमि पर रहते हैं। हालांकि कुछ कबीलों को गेमिंग में सफलता मिली है, लेकिन संघीय रूप से मान्यता प्राप्त 562 में से केवल 40% कबीले ही जुआघर चलाते हैं।<ref name="NIGA">{{cite web|url=http://www.indiangaming.org/library/indian-gaming-facts/index.shtml |title=NIGA: Indian Gaming Facts}}</ref> सन 2007 में यू.एस.स्मॉल बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 1 प्रतिशत अमेरिकी मूल-निवासी ही किसी व्यापार के स्वामी और संचालक हैं।<ref name="SBA">{{cite web|url=http://www.america.gov/st/diversity-english/2007/December/20071221175918ABretnuH0.3369257.html|title=Number of U.S. [[minority group|Minority]] Owned Businesses Increasing|archiveurl=https://web.archive.org/web/20080605074024/http://www.america.gov/st/diversity-english/2007/December/20071221175918ABretnuH0.3369257.html|archivedate=5 जून 2008|access-date=28 फ़रवरी 2011|url-status=dead}}</ref> अमेरिकी मूल-निवासी लगभग प्रत्येक सामाजिक सांख्यिकी में निचले पायदान पर हैं: 18.5 प्रति 100,000 की दर पर सभी अल्पसंख्यकों में उच्चतम किशोर आत्महत्या दर, किशोर गर्भावस्था की उच्चतम दर, उच्च शिक्षा पूरी न करने वालों की 54% की उच्चतम दर, निम्नतम [[प्रति व्यक्ति आय]] और 50% से 90% की [[बेकारी|बेरोज़गारी]] दरें.
 
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=== अमेरिकी मूल-निवासी, यूरोपीय और अफ्रीकी ===
[[चित्रFile:Portrait (Front) of Lillian Gross, Niece of Susan Sanders (Mixed Blood) 1906.jpg|200px|right|thumb|लिलियन ग्रॉस, जिनका वर्णन स्मिथसोनियाई स्रोत द्वारा "मिश्रित रक्त" के रूप में किया गया है, अमेरिकी मूल-निवासी और यूरोपीय/अमेरिकी वंश परंपरा के सदस्य थीं। वे स्वयं को अपनी शेरोकी संस्कृति के साथ जोड़तीं थीं।]]
 
अमेरिकी मूल-निवासियों, यूरोपीय लोगों और अफ्रीकियों के बीच अंतर्नस्लीय संबंध एक जटिल मुद्दा है, जिसकी "अंतर्नस्लीय संबंधों पर गहराई से हुए कुछ अध्ययनों" के अलावा अधिकांशतः उपेक्षा ही की जाती रही है।<ref name="lin">{{Cite news|url=http://findarticles.com/p/articles/mi_m1546/is_n4_v11/ai_18953815|title=The Indian connection|author=Mary A. Dempsey|accessdate=19 सितंबर 2008|year=1996|publisher=American Visions|archive-url=https://web.archive.org/web/20100502001011/http://findarticles.com/p/articles/mi_m1546/is_n4_v11/ai_18953815/|archive-date=2 मई 2010|url-status=dead}}</ref><ref name="takingAssToHeart">{{Cite book|url=http://books.google.com/?id=3VCc9XEiFt4C&pg=PA176&lpg=PA176&dq=native+american+and+white+interracial+affairs|title=Taking assimilation to heart|author=Katherine Ellinghaus | isbn=9780803218291 | year=2006 | publisher=U of Nebraska Press}}</ref> यूरोपीय/अमेरिकी मूल-निवासियों के बीच आपसी विवाहों और संपर्क के पहले लेखबद्ध मामले उत्तर-कोलंबियाई [[मेक्सिको]] में दर्ज किए गए थे। ऐसा ही एक मामला गोंज़ालो गुएरा, [[स्पेन]] से आया एक यूरोपीय, का है, जिसका जहाज युकाटन प्रायद्वीप में नष्ट हो गया और जो एक माया कुलीन महिला के तीन [[मेस्टिज़ो]] बच्चों का पिता बना. एक अन्य मामला ([[हर्नान कोर्ते|हर्नन कॉर्टेस]]) और उसकी पत्नी ला मैलिंचे का है, जिसने अमेरिका में शुरुआती बहु-नस्लीय लोगों में से एक अन्य को जन्म दिया.<ref name="rebecca">
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</ref>
 
[[चित्रFile:Fort-orleans-return.jpg|275px|thumb|left|सन 1725 में पेरिस, फ्रांस की यात्रा से ओसाज ब्रिज की वापसी.इस ओसाज महिला का विवाह एक फ्रांसीसी सैनिक से हुआ था। ]]
 
प्रारम्भिक संपर्क अक्सर तनाव एवं भावनाओं द्वारा प्रेरित था, लेकिन साथ ही इसमें मित्रता, सहयोग और आत्मीयता के क्षण भी थे।<ref name="white_red_relations1">{{cite web
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अमेरिकी मूल-निवासियों और यूरोपीय लोगों के बीच अंतरंग संबंध बहुत व्यापक थे, जिनकी शुरुआत फ्रांसीसी व स्पेनी खोजकर्ताओं और ट्रैपर्स (जाल फेंककर जानवरों को फंसानेवाले लोग) के साथ हुई. उदाहरण के लिए, उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ में, अमेरिकी मूल-निवासी महिला साकागाविया, जो कि लुइस एंड क्लार्क अभियान के लिए अनुवाद में सहायता कर रही थी, का विवाह फ्रांसीसी ट्रैपर टाउसेंट चारबोन्यू के साथ हुआ। उनका एक पुत्र हुआ, जिसका नाम जीन बैप्टिस्टे चारबोन्यू रखा गया। यह व्यापारियों और ट्रैपर्स के बीच सबसे विशिष्ट पैटर्न था।
 
[[चित्रFile:Five Indians and a Captive.jpg|250px|thumb|right|पांच इन्डियन्स और एक बंदी, कार्ल वाइमर द्वारा सन 1855 में चित्रितFileित]]
 
अनेक उपनिवेशवादी अमेरिकी मूल-निवासियों से भयभीत रहते थे क्योंकि वे भिन्न थे।<ref name="white_red_relations1" /> उनके तरीके श्वेत लोगों को असभ्य लगते थे तथा वे उस संस्कृति के प्रति शंकालु थे, जिसे वे समझ नहीं पाते थे।<ref name="white_red_relations1" /> एक अमेरिकी मूल-निवासी लेखक एंड्र्यु जे. ब्लैकबर्ड ने सन 1897 में पाया कि श्वेत उपनिवेशवादियों ने अमेरिकी मूल-निवासी कबीलों में कुछ बुरी आदतें शामिल कर दी हैं।<ref name="white_red_relations1">{{cite web| url= http://www.artsofcitizenship.umich.edu/sos/topics/native/early.html| title= Native Americans: Early Contact| accessdate= 19 मई 2009| publisher= Students on Site| archive-url= https://web.archive.org/web/20080510222953/http://www.artsofcitizenship.umich.edu/sos/topics/native/early.html| archive-date= 10 मई 2008| url-status= dead}}</ref>
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</blockquote> यूरोपीय लोग इन दोनों प्रजातियों को निकृष्ट मानते थे और उन्होंने अमेरिकी मूल-निवासियों व अफ्रीकियों, दोनों को अपने दुश्मन बनाने के प्रयास किए.<ref name="nawomen" /> अमेरिकी मूल-निवासी यदि फरार गुलामों को लौटा देते थे, तो उन्हें पुरस्कृत किया जाता था और अफ्रीकी अमेरिकियों में "इन्डियन युद्धों" में लड़ने पर पुरस्कार दिया जाता था।<ref name="nawomen" /><ref name="cherslav" /><ref name="infr">{{Cite book|url=http://books.google.com/?id=sHJMNVV31T0C&pg=PA3&lpg=PA3&dq=american+indians+married+blacks|title=Race and the Cherokee Nation|author=Fay A. Yarbrough|accessdate=30 मई 2009|year=2007 |publisher=Univ of Pennsylvania Press | isbn=9780812240566
}}</ref>
[[चित्रFile:Ras k dee pomo.jpg|thumb|left|upright|रास के'डी, कैलिफोर्निया से प्रोमो-केनियाई गायक और संपादक]]
"जिस समय प्रमुख दास-प्रजाति बनने की ओर अफ्रीकियों का संक्रमण हो रहा था, उसी दौरान अमेरिकी मूल-निवासियों को भी गुलाम बनाया गया और उन्होंने दासता का एक आम अनुभव साझा किया। उन्होंने मिलकर काम किया, सामुदायिक आवासों में एक साथ रहे, भोजन के लिए साथ मिलकर व्यंजन बनाए, जड़ी-बूटियों संबंधी उपचार, मिथक और गाथाएं साझा कीं और अंततः उन्होंने अंतर्जातीय विवाह भी किये."<ref name="afrna" /> इसके कारण अनेक कबीलों ने दोनों समूहों के बीच विवाहों को प्रोत्साहन दिया, ताकि इन संयोजनों से अधिक शक्तिशाली व अधिक स्वस्थ संतानों का निर्माण हो सके.<ref name="nadis">{{cite web|url=http://www.djembe.dk/no/19/08biwapi.html|title=Black Indians want a place in history|author=Nomad Winterhawk |accessdate=29 मई 2009 |year=1997 |publisher= Djembe Magazine}}</ref> अठारहवीं शताब्दी में, अनेक अमेरिकी मूल-निवासी महिलाओं ने मुक्त किये जा चुके या फरार हो चुके अफ्रीकी पुरुषों से विवाह किया क्योंकि अमेरिकी मूल-निवासी ग्रामों में पुरुषों की जनसंख्या में भारी गिरावट आई थी।<ref name="nawomen" /> इसके अलावा, रिकॉर्ड यह दर्शाते हैं कि अनेक अमेरिकी मूल-निवासी महिलाओं ने वस्तुतः अफ्रीकी पुरुषों को खरीद लिया था, लेकिन यूरोपीय व्यापारियों की जानकारी के बिना इन महिलाओं ने उन पुरुषों को मुक्त कर दिया और अपने कबीले में उनके विवाह कर दिये.<ref name="nawomen" /> किसी अमेरिकी मूल-निवासी महिला से विवाह करना अफ्रीकी पुरुषों के लिए भी लाभदायक था क्योंकि जो महिला दास नहीं थी, उससे जन्म लेने वाली संतानें भी मुक्त मानीं जातीं थीं।<ref name="nawomen" /> यूरोपीय उपनिवेशवादी समझौतों में अक्सर फरार गुलामों की वापसी का निवेदन किया करते थे। सन 1726 में, न्यूयॉर्क के ब्रिटिश गवर्नर ने आइरोक्युइस लोगों से मांग की कि वे उनके साथ शामिल हो चुके सभी फरार गुलामों को लौटा दें.<ref name="Katz">कैट्ज़ डब्ल्यूएल (WL) 1997 पृष्ठ103</ref> सन 1760 के दशक के मध्य-भाग में, ह्युरॉन और डेलावेर अमेरिकी मूल-निवासियों से भी सभी फरार गुलामों को लौटाने का निवेदन किया गया, हालांकि गुलामों को लौटाए जाने के कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।<ref name="Katzs">कैट्ज़ डब्ल्यूएल (WL) 1997 पृष्ठ104</ref> गुलामों की वापसी का निवेदन करने के लिए विज्ञापनों का प्रयोग किया जाता था।
 
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==== रक्त की मात्रा ====
अमेरिकी मूल-निवासी कबीलों में कबीलों के बीच मिश्रण आम था, अतः व्यक्तियों को एक से अधिक कबीले से जन्मे माना जा सकता है।<ref name="accessgenealogy1" /><ref name="uwec1" /> जलवायु, बीमारियों और युद्ध के दबावों की प्रतिक्रिया के रूप में कभी-कभी समूह या पूरे कबीले विभाजित हो जाते थे या साथ मिल जाते थे, ताकि अधिक जीवनक्षम समूहों का निर्माण किया जा सके.<ref name="eurekalert.org">[http://www.eurekalert.org/pub_releases/2008-07/uoia-ycs071508.php "वाई क्रोमोज़ोम स्टडी शेड्स लाइट ऑन अथपसकन माइग्रेशन टू साउथवेस्ट यूएस"], ''यूरेका अलर्ट'', एनर्जी पब्लिक न्यूज़लिस्ट के विभाग</ref> पारंपरिक रूप से अनेक कबीले बंदियों को अपने समूह के उन सदस्यों का स्थान लेने के लिए समूह में शामिल कर लेते थे, जिन्हें युद्ध में बंदी बना लिया गया हो या मार दिया गया हो. ये बंदी प्रतिद्वंद्वी कबीलों से और बाद में यूरोपीय उपनिवेशवादी लोगों में से आते थे। कुछ कबीलों ने श्वेत व्यापारियों व फरार गुलामों व अमेरिकी मूल-निवासियों के स्वामित्व वाले गुलामों को भी शरण दी या अपना लिया। जिन कबीलों का यूरोपीय लोगों के साथ व्यापार का लंबा इतिहास रहा है, वे यूरोपीय अधिमिश्रण की एक उच्च दर प्रदर्शित करते हैं, जो यूरोपीय पुरुषों व अमेरिकी मूल-निवासी महिलाओं के बीच अंतर्जातीय विवाह के वर्षों को प्रतिबिंबित करती है।<ref name="eurekalert.org" /> इस प्रकार अमेरिकी मूल-निवासियों के बीच आनुवांशिक विविधता के अनेक रास्ते मौजूद थे।
[[चित्रFile:Creeks in Oklahoma.png|250px|thumb|सन 1877 के आस-पास ओक्लाहोमा में क्रीक (मस्कोगी) राष्ट्र के सदस्य, जिनमें यूरोपीय और अफ्रीकी पैतृकता वाले कुछ लोग भी शामिल हैं।<ref>चार्ल्स हडसन, द साउथइस्टर्न इन्डियन्स, 1976, पृष्ठ 479</ref>]]
हालांकि कुछ टिप्पणीकारों के अनुसार हालिया वर्षों में अमेरिकी मूल-निवासियों और अफ्रीकी अमेरिकियों के बीच अधिमिश्रण की दरें उच्च रहीं हैं, लेकिन आनुवांशिक वंशावली विशेषज्ञों ने पाया कि इसकी आवृत्ति कम हुई है। साहित्यिक आलोचक व लेखक हेनरी लुईस गेट्स, जूनियर उन विशेषज्ञों को संदर्भित करते हैं, जिनका तर्क है कि केवल 5 प्रति अफ्रीकी अमेरिकियों में ही कम से कम 12.5 प्रतिशत अमेरिकी मूल-निवासी पैतृकता (एक परदादा के बराबर) है। स्पष्ट रूप से इसका अर्थ यह हुआ कि बहुत अधिक प्रतिशत लोगों में पैतृकता का प्रतिशत बहुत कम हो सकता है, लेकिन यह सुझाव भी दिया जाता है कि अधिमिश्रण के पुराने आकलन बहुत उच्च रहे हों.<ref>हेनरी लुइस गेट्स, जूनियर., ''इन सर्च ऑफ़ आवर रूट्स: हाओ 19 एक्स्ट्राऑर्डिनरी अफ्रीकन अमेरिकन्स रीक्लेम्ड देयर पास्ट'', न्यूयॉर्क: क्राउन प्रकाशक, 2009, पीपी 20-21.</ref> चूंकि कुछ आनुवांशिक परीक्षण केवल प्रत्यक्ष पुरुष या महिला पूर्वजों का ही मूल्यांकन करते हैं, अतः संभव है कि व्यक्ति अपने अन्य पूर्वजों के माध्यम से अमेरिकी मूल-निवासी पैतृकता को न खोज सके. किसी व्यक्ति के 64 4Xपरदादाओं में से, प्रत्यक्ष परीक्षण केवल 2 का डीएनए (DNA) प्रमाण प्रदान करता है।<ref name="hur" /><ref name="bldl1" /><ref name="bldl2">{{cite web|url=http://www.weyanoke.org/historyculture/hc-DNAandIndianAncestry.html|title=Can DNA Determine Who is American Indian?
|author=Kim TallBear, Phd., Associate, Red Nation Consulting|accessdate=27 अक्टूबर 2009|year=2008 |publisher=The WEYANOKE Association}}</ref>
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बीसवीं सदी में, कॉकेशियाई-अमेरिकियों की एक बढ़ती हुई संख्या अमेरिकी मूल-निवासियों से पैतृकता का दावा करने में अधिक रूचि रखते प्रतीत होते रहे हैं। कई लोगों ने शेरोकियों से वंशावली का दावा किया है।<ref>[http://blog.eogn.com/eastmans_online_genealogy/2006/02/the_truth_about.html ], यह भी देखें {{cite web|url=http://www.genealogy.com/90_carmack.html |title=Genealogy.com: Family Legends and Myths |publisher=Genealogy.com|accessdate=6 नवंबर 2008}} और [http://www.amerindgen.com/notevry.html ]</ref>
 
[[चित्रFile:Tekakwitha.jpg|thumb|upright|कटेरी टेकाक्विथा, पारिस्थितिकी-विज्ञानियों, निर्वासियों और अनाथों के संरक्षक, को रोमन कैथलिक चर्च द्वारा धन्य घोषित किया गया था। ]]
[[चित्रFile:Little Turtle.jpg|thumb|upright|मिशिकिनाक्वा ("लिटिल टर्टल") की सेनाओं ने सन 1791 में वाबाश के युद्ध में अमेरिकी सेना के लगभग 1000 सैनिकों और अन्य घायलों की अमेरिकी सेना को पराजित किया।]]
[[चित्रFile:Charles eastman smithsonian gn 03462a.jpg|thumb|upright|चार्ल्स ईस्टमैन पश्चिमी चिकित्सा-विज्ञान के चिकित्सक बनने वाले पहले अमेरिकी मूल-निवासी थे।<ref>[448]</ref><ref>[449]</ref>]]
 
=== जनसंख्या ===
ਲਾਈਨ 1,490:
 
== आनुवांशिकी ==
[[चित्रFile:Neighbor-joining Tree-2.png|thumb|left|300px|A genetic tree of 18 world human groups by a neighbour-joining autosomal relationships.|alt=पांच रंगीन वर्गों वाला एक मानचित्रमानFile, जिसमें विश्व के 18 विभिन्न मानव समूहों के बीच आनुवांशिक विभाजन को चित्रितFileित किया गया है। ]]
अमेरिका के मूल-निवासियों का आनुवांशिक इतिहास मुख्यतः मानवीय वाय-गुणसूत्र (Y-chromosome) डीएनए (DNA) हैप्लोसमूहों और मानवीय माइटोकॉन्ड्रिया डीएनए (DNA) हैप्लोसमूहों पर केन्द्रित होता है। "वाय-डीएनए (Y-DNA)" केवल पैतृक वंशावली में, पिता से पुत्र में, जाता है, जबकि "एमटीडीएनए (mtDNA)" मातृक वंशावली में, माता से पुत्रों व पुत्रियों दोनों में, जाता है। इनमें से कोई भी पुनर्संयोजित नहीं होता और इस प्रकार वाय-डीएनए व एमटीडीएनए केवल संयोग उत्परिवर्तन द्वारा प्रत्येक पीढ़ी में बदलता है और अभिभावकों के आनुवांशिक पदार्थ में कोई अंतर्मिश्रण नहीं होता.<ref name="nomenclature">{{cite web|year=2002 |url=http://www.genome.org/cgi/content/full/12/2/339 |title=A Nomenclature System for the Tree of Human Y-Chromosomal Binary Haplogroups|publisher= Genome Research|pages= Vol. '''12'''(2), 339–348 |doi=10.1101/gr.217602|accessdate=19 जनवरी 2010}} [http://genome.cshlp.org/content/12/2/339/F1.large.jpg (विस्तृत पदानुक्रम चार्ट)]</ref> ऑटोसोमल "एटीडीएनए (atDNA)" चिह्नकों का प्रयोग भी किया जाता है, लेकिन वे एमटीडीएनए (mtDNA) या वाय-डीएनए (Y-DNA) से इस रूप में भिन्न होता है कि वे लक्षणीय रूप से एक-दूसरे को आच्छादित करते हैं।<ref name="Griffiths" /> सामान्यतः एटीडीएनए (AtDNA) का प्रयोग केवल पूरे मानव जीनोम तथा संबंधित पृथक जनसंख्या में औसत पैतृकता-के-महाद्वीप की आनुवांशिक अधिमिश्रण का मापन करने के लिए किया जाता है।<ref name="Griffiths">{{Cite book| last=Griffiths | first=Anthony J. F. | coauthors= | title=An Introduction to genetic analysis | year=1999 | publisher=W.H. Freeman | location=New York | isbn=071673771X | pages= | url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/bv.fcgi?highlight=autosome&rid=iga.section.222|accessdate=3 फरवरी 2010}}</ref>